हैदराबादः कार्तिक (8वें चंद्र महीने) माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी (चौथे दिन) को करवा चौथ व्रत मनाया जाता है. इस साल यह तिथि 20 अक्टूबर, दिन रविवार को पड़ता है. सुहागिन महिलाएं पतियों की सुखद-सफल और दीर्धायु जीवन के लिए पूजा-अर्चना करती हैं. वहीं करवा चौथ के दिन संकष्टी चतुर्थी भी होती है, जो भगवान गणेश को समर्पित एक व्रत है. करवा चौथ की रस्में क्षेत्र के अनुसार अलग-अलग हों सकती हैं, लेकिन इस त्योहार सार एक ही है- प्रेम, भक्ति और विवाह के पवित्र बंधन का उत्सव.
करवा चौथ, विवाहित हिंदू महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो ज्यादातर उत्तरी भारत में मनाया जाता है. इसे करक चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है, जहां करवा या करक का अर्थ है मिट्टी का बर्तन जिसके माध्यम से पानी चढ़ाया जाता है, जिसे चंद्रमा को अर्घ कहा जाता है. यह त्यौहार विवाह का उत्सव है, जिसमें पत्नियां निर्जला व्रत रखती हैं. यह व्रत सूर्योदय से शुरू होकर शाम को चांद दिखने तक चलता है. धार्मिक मामलों के जानकार के अनुसार "करवा चौथ का व्रत कठोर होता है. सूर्योदय के बाद रात में चांद दिखने तक उपवास रखना होता है. इस दौरान व्रती कुछ भी खाना तो दूर, पानी की एक बूंद भी नहीं पीया जाता है."
द्रिक पंचांग के अनुसार करवा चौथ व्रत का समय
- करवा चौथ का व्रत 20 अक्टूबर 2024, दिन रविवार
- करवा चौथ पूजन का शुभ मुहूर्त-शाम 5ः17 बजे से 6:33 मिनट तक
- करवा चौथ का समय- सुबह 5ः17 बजे से शाम 7ः29 बजे तक
- करवा चौथ व्रत के दिन चंद्रोदय का समय-शाम 7 बजकर 29 मिनट तक
चतुर्थी तिथि का प्रारंभ व समापन
- चतुर्थी तिथि प्रारंभ का समयः 20 अक्टूबर 2024 को सुबह 6ः46 मिनट से
- चतुर्थी तिथि समापन समयः 21 अक्टूबर 2024 को सुबह 4ः16 बजे तक