हैदराबाद:हिंदू धर्म में एकादशी का विशेष महत्व है. प्रत्येक महीने में दो एकादशी तिथियां आती हैं - कृष्ण पक्ष में पूर्णिमा के बाद और शुक्ल पक्ष में अमावस्या के बाद. माघ मास के शुक्ल पक्ष में आने वाली एकादशी को जया एकादशी के नाम से जाना जाता है. ज्योतिषाचार्य डॉ. उमाशंकर मिश्र के अनुसारवर्ष 2025 में यह शुभ तिथि 8 फरवरी को मनाई जाएगी. शास्त्रों में जया एकादशी को अत्यंत फलदायी माना गया है.
मान्यता है कि इस दिन विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है. साथ ही, एकादशी के दिन लक्ष्मी जी की पूजा करने से घर की धन-संपदा में वृद्धि होती है. यह ध्यान रखना आवश्यक है कि एकादशी व्रत के दौरान कुछ चीजों का सेवन पूरी तरह से वर्जित होता है. इन नियमों का पालन करना व्रत को सफल बनाने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है.
एकादशी व्रत में क्या नहीं खाएं:यदि आपने जया एकादशी का व्रत रखा है, तो इस दिन भूलकर भी अन्न और नमक का सेवन न करें. ऐसा करने से आपका व्रत खंडित हो सकता है. इसके अतिरिक्त, एकादशी के दिन चावल या चावल से बनी कोई भी चीज खाने से पूरी तरह बचना चाहिए. इस दिन लहसुन, प्याज और मसूर की दाल का सेवन भी वर्जित है.
जया एकादशी के दिन क्या न करें
- देर तक न सोएं: एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठना शुभ माना जाता है.
- तामसिक भोजन से दूर रहें: इस दिन मांस, मदिरा और अन्य तामसिक पदार्थों का सेवन न करें.
- बाल, नाखून, दाढ़ी न कटवाएं: एकादशी के दिन ये कार्य करना अशुभ माना जाता है.
- अपशब्द न कहें और विवादों से बचें: किसी को भी बुरा न बोलें और शांत रहने का प्रयास करें.
- चावल का सेवन न करें: चावल और चावल से बनी चीजें एकादशी के दिन वर्जित हैं.
- झूठ बोलने से बचें: सत्य का पालन करें और किसी से भी झूठ न बोलें.
- तुलसी को न छुएं: एकादशी के दिन तुलसी के पौधे को स्पर्श न करें और न ही उसमें जल अर्पित करें.
एकादशी के दिन क्या करें
- मंदिर और घर को साफ रखें: एकादशी के दिन घर और मंदिर को स्वच्छ रखना चाहिए.
- भगवान विष्णु और लक्ष्मी जी की पूजा करें: विधिपूर्वक भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की आराधना करें.
- नमक और अन्न का त्याग करें: यदि व्रत रखा है तो पूरे दिन नमक और अन्न का सेवन न करें.
- द्वादशी तिथि में पारण करें: एकादशी व्रत का पारण अगले दिन द्वादशी तिथि में ही करें.
Disclaimer:यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. ETV BHARAT एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है.
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