नई दिल्ली:बांग्लादेश की प्रधान मंत्री शेख हसीना लोकसभा चुनाव 2024 के बाद भारत का दौरा करने वाली हैं. उनकी प्रस्तावित भारत यात्रा से पहले, विदेश मंत्रालय ने पूर्वी पड़ोसी में विपक्षी ताकतों द्वारा चलाए जा रहे और समर्थित तथाकथित 'भारतीय उत्पादों के बहिष्कार' अभियान को यह कहते हुए खारिज कर दिया है कि दोनों देश एक व्यापक और जीवंत साझेदारी साझा करते हैं.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने गुरुवार को यहां साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग के दौरान एक सवाल के जवाब में कहा, 'भारत-बांग्लादेश संबंध बहुत मजबूत और गहरे हैं. हमारी बहुत व्यापक साझेदारी है, जो अर्थव्यवस्था से लेकर व्यापार, निवेश, विकास सहयोग से लेकर लोगों से लोगों तक कनेक्टिविटी (संपर्क) तक सभी क्षेत्रों में फैली हुई है. आप किसी भी मानवीय प्रयास का नाम लें, यह भारत-बांग्लादेश संबंधों का अभिन्न अंग है. यह साझेदारी कितनी जीवंत है और आगे भी बनी रहेगी'.
इस साल 7 जनवरी को बांग्लादेश में हुए संसदीय चुनावों के तुरंत बाद, हसीना की अवामी लीग सत्ता में वापस आई. कुछ बांग्लादेशी ऑनलाइन कार्यकर्ताओं ने भारतीय वस्तुओं के बहिष्कार का आह्वान करते हुए एक अभियान शुरू किया. विपक्षी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) और जमात-ए-इस्लामी पार्टियां, दोनों ने यह दावा करते हुए चुनाव छोड़ दिया था कि चुनाव प्रक्रिया अनुचित थी. उन्होंने अभियान को समर्थन दिया.
इन दोनों पार्टियों का आरोप है कि भारत ने चुनाव के दौरान हसीना का समर्थन किया था. नई दिल्ली ने हमेशा कहा है कि बांग्लादेश में चुनाव एक आंतरिक मामला है. हसीना ने इस अभियान पर जोरदार पलटवार करते हुए पूछा है कि इसे चलाने वाले अपनी पत्नियों की भारतीय साड़ियां क्यों नहीं जला रहे हैं.
ढाका ट्रिब्यून ने पिछले महीने के अंत में अवामी लीग द्वारा आयोजित एक चर्चा के दौरान उनके हवाले से कहा, 'बीएनपी नेता अपनी पार्टी कार्यालय के सामने अपनी पत्नियों की भारतीय साड़ियां कब जलाएंगे?तभी यह साबित होगा कि वे वास्तव में भारतीय उत्पादों का बहिष्कार करने के लिए प्रतिबद्ध हैं'.
उन्होंने यह भी कहा कि वह कुछ बीएनपी नेताओं की पत्नियों को जानती हैं, जो उस समय भारतीय साड़ियां बेचने में शामिल थीं जब उनके पति मंत्री थे. हसीना ने आगे पूछा, 'हम भारत से प्याज, अदरक और मसाला आयात कर रहे है. क्या वे इन भारतीय उत्पादों के बिना खाना बना सकते हैं?. विदेश मामलों की संसदीय स्थायी समिति के अध्यक्ष एके अब्दुल मोमेन ने मीडिया से अलग बातचीत में इस अभियान को एक राजनीतिक स्टंट बताया.
मोमेन को यह कहते हुए उद्धृत किया गया था, 'यह अप्रासंगिक, राजनीतिक स्टंट है. कनेक्टिविटी ही उत्पादकता है. हम खुले और अन्योन्याश्रित हैं. यह आत्मघाती है'. अवामी लीग के महासचिव और बांग्लादेश के सड़क परिवहन और पुल मंत्री ओबैदुल कादिर ने भी कहा कि बीएनपी भारतीय उत्पादों के बहिष्कार के नाम पर देश की बाजार व्यवस्था को अस्थिर करने की कोशिश कर रही है.
कादिर को यह कहते हुए उद्धृत किया गया, 'लापरवाह बीएनपी पड़ोसी राज्यों के साथ हमारे संबंधों को नष्ट करने की कोशिश कर रही है. ये और कुछ नहीं, बल्कि पागलपन और अवास्तविक गतिविधियां हैं'.