नई दिल्ली : चीन के साथ मिलकर मालदीव ने फिर नई चाल चलने की कोशिश की है. उसने एक तरफ कोस्ट गार्ड एक्सरसाइज का आयोजन किया है, जिसमें मालदीव के अलावा भारत और श्रीलंका भाग ले रहे हैं. वहीं दूसरी ओर मालदीव ने एक्सरसाइज वाली जगह से सटे इलाकों में चीनी जासूसी जहाज की एंट्री दिलवा दी है. इसके लेकर भारत असहज है.
भारतीय और श्रीलंकाई कोस्ट गार्ड शिप एक्सरसाइज में भाग लेने के लिए गुरुवार को मालदीव पहुंचे. यहां पर तीनों ही देशों के कोस्ट गार्ड एक्सरसाइज में हिस्सा ले रहे हैं. इस एक्सरसाइज का नाम 'दोस्ती 16' रखा गया है. तीसरा देश मालदीव खुद है. हालांकि, इस दौरान माले पोर्ट पर चीन का भी एक वेसेल देखने को मिला, जिसको लेकर इस एक्सरसाइज की सुरक्षा पर सवाल खड़े हो गए हैं.
औपचारिक रूप से यह बताया गया है कि चीन का जियांग यांग हांग-3 वेसेल रिसर्च वर्क करने के लिए एक महीना पहले ही मालदीव पहुंचा था. भारत ने जब इस पर आपत्ति जाहिर की, तो मालदीव ने भारत को आश्वासन दिया है कि चीनी वेसेल को अनुसंधान की इजाजत नहीं दी जाएगी और उनको कर्मचारियों के रोटेशन और मैंटनेंस की ही अनुमति मिली है.
वैसे आपको बता दें कि भारत ने गत दिसंबर में ही श्रीलंका और मालदीव, दोनों ही देशों को चीनी वेसेल की दक्षिण हिंद महासागर में एंट्री दिलाने पर आपत्ति दर्ज की थी. श्रीलंका ने भारत के इस अनुरोध को स्वीकार कर लिया और उसने अगले एक साल के लिए किसी भी विदेशी वेसेल को अनुसंधान कार्य करने की अनुमति नहीं देने का भरोसा दिया. लेकिन मालदीव ने भारत के इस अनुरोध को ठुकरा दिया.
मालदीव ने चीनी वेसेल को आने का परमिशन ग्रांट कर दिया. भारत ने इसे जासूसी वेसेल बताया है. वेसेल इस महीने की शुरुआत में श्रीलंका के जलक्षेत्र में अनुसंधान शुरू करने वाला था. भारत का यह स्टैंड शुरू से ही रहा है कि वह दक्षिण हिंद महासागर में किसी भी जासूसी वेसेल को आने की इजाजत नहीं दे सकता है. भारत यह मानता है कि इस क्षेत्र में होने वाली हर हरकत का भारत की सुरक्षा से गहरा संबंध है.
रक्षा मामलों के जानकार आनंद कुमार ने ईटीवी भारत के साथ बातचीत में बताया, 'भारत, श्रीलंका और मालदीव के इस एक्सरसाइज को लेकर कुछ भी असामान्य नहीं है. लेकिन एक्सरसाइज एरिया के नजदीक किसी चीनी जहाज का आना संदेह उत्पन्न करता है. बहुत संभव हो कि उस जहाज में जासूसी उपकरण छिपाकर रखा गया हो. दोस्ती एक्सरसाइज तो रेगुलर होता रहता है. लेकिन किसी दूसरे देश के जहाज को ताकत के प्रदर्शन के लिए इजाजत देना पूरी तरह से गलत है.'
भारत और मालदीव के बीच 'दोस्ती एक्सरसाइज' की शुरुआत 1991 में हुई थी. 2012 में इस एक्सरसाइज में श्रीलंका को भी साथ कर लिया गया. इसके तहत समुद्री इलाकों में दुर्घटना होने पर किस तरह से निपटा जाए, प्रदूषण से कैसे निजात पाएं, ऑयल स्पिल होने पर उससे कैसे कंट्रोल किया जाए, इस पर मिलकर काम करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था.
इस एक्सरसाइज का उद्देश्य दोस्ती को मजबूत करना, आपसी तालमेल के कैसे बेहतर किया जाए, ऑपरेशन क्षमता कैसी है, तीनों देशों के कोस्ट गार्ड के बीच आपसी परिचालन क्षमता और अंतर संचालनीयता का अभ्यास होता है. इससे पहले 2021 में यह एक्सरसाइज हुआ था. हरेक दो साल पर इसे आयोजित किया जाता है. इस बार यह एक्साइज 22 फरवरी से 25 फरवरी तक है.
मालदीव नेशनल डिफेंस फोर्स ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, 'हम भारत और श्रीलंका का तीन देशों के इस संयुक्त अभ्यास में स्वागत करते हैं. हम बांग्लादेश का भी स्वागत करते हैं, जो इस एक्सरसाइज के दौरान पर्यवेक्षक के तौर पर भाग ले रहा है.'