नई दिल्ली: इजराइल ने पिछले कुछ दिनों से लेबनान को दहला रहा है. वह ताबड़तोड़ हमले कर रहा है. इजराइल ने पेजर से लेकर वॉकी-टॉकी और अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसों को हथियार बनाकर हिज्बुल्लाह को टारगेट पर ले रखा है. इन हमलों के पीछे अब तक इजराइल की खुफिया एजेंसी मोसाद को जिम्मेदार ठहराया जा रहा था. लेकिन अब लेबनान पर हुए हमले में इजराइल की साइबरवारफेयर यूनिट 8200 का नाम सामने आया है.
इजराइल की साइबरवारफेयर यूनिट 8200
हालांकि, इस बात का सटीक विवरण कभी सामने नहीं आने वाला है कि, कैसे इजराइल के मोसाद और इसकी साइबरवारफेयर यूनिट 8200 ने लेबनान में पेजर, हैंडहेल्ड वॉकी-टॉकी और सौर ऊर्जा प्रणालियों के विस्फोटों को अंजाम दिया. लेकिन इसने हाइब्रिड युद्ध को नए स्तर पर पहुंचा दिया है. इन हमलों ने लेबनान में दहशत पैदा कर दी और उन्हें सभी आधुनिक तकनीकी उपकरणों को छोड़कर संचार के प्राचीन साधनों पर वापस लौटने के लिए मजबूर होना पड़ा.
इसने हिज्बुल्लाह नेताओं के मन में अनिश्चितता और भ्रम भी पैदा किया, जिससे इजराइलियों को आक्रामक हमले के लिए अपनी सेना को फिर से तैनात करने का समय और स्थान मिल गया. इन हमलों ने इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसों से उत्पन्न होने वाले जोखिमों को भी सामने लाया.
जेरूसलम पोस्ट के अनुसार, यूनिट 8200, 'अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी या ब्रिटेन की GCHQ के बराबर है और इजराइल रक्षा बलों में सबसे बड़ी एकल सैन्य इकाई है.' इसके कार्य सिग्नल इंटेलिजेंस, डेटा माइनिंग से लेकर साइबर हमलों तक है. यह ईरानी परमाणु सेंट्रीफ्यूज को निष्क्रिय करने के लिए साइबर हमलों का उपयोग करने सहित पहले की घटनाओं में शामिल रहा है. इजराइल की यह साइबरवारफेयर यूनिट 8200 हमास के लक्ष्यों का चयन करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करने के लिए जानी जाती है.
7 अक्टूबर के हमलों को पकड़ने में विफल रहने के कारण इसकी प्रतिष्ठा धूमिल हुई, जिसके परिणामस्वरूप इसके प्रमुख को इस्तीफा देना पड़ा. मीडिया रिपोर्ट्स में अनुमान लगाया गया है कि इजराइल ने कई संचार उपकरणों के लिए हिजबुल्लाह से बड़े पैमाने पर ऑर्डर को इंटरसेप्ट करने में कामयाबी हासिल की. अनुमान है कि, इस दौरान इजराइल ने कई सारे कम्युनिकेशन डिवाइसों में विस्फोटक और चिप फिट कर दिए, जिसके बाद रेडियो सिग्नल के माध्यम से उनमें विस्फोट कराया गया.
माना जाता है कि जिन कंपनियों ने विस्फोट करने वाले डिवाइसों का निर्माण किया था, उन्होंने किसी भी आरोप का खंडन किया है, जिससे यह विश्वास और मजबूत हुआ है कि ऑर्डर इजराइल के गुर्गों के स्वामित्व वाली एक शेल कंपनी को दिए गए थे. अमेरिका ने जानकारी होने या इसमें शामिल होने से इनकार किया है, हालांकि सीएनएन की एक रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि अमेरिका को आगामी हमले के बारे में सूचित किया गया था, लेकिन विवरण साझा नहीं किया गया. जबकि इजरायल ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है.
इजराइल के रक्षा मंत्री योव गैलेंट ने कहा, 'हम इस युद्ध में एक नए युग की शुरुआत में हैं और हमें खुद को कस्टमाइज्ड करने की आवश्यकता है.' दुनिया के लिए, हाइब्रिड युद्ध अब एक खतरनाक चरण में प्रवेश कर चुका है, जहां आम इंसान खतरे में हैं. क्या उपकरणों में विस्फोटक लगाए गए थे जैसा कि दावा किया गया था या इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल का उपयोग करके इसी तरह की बैटरी में विस्फोट किया गया था, यह स्पष्ट नहीं है.
हैकर्स ने पुष्टि की है कि किसी डिवाइस को दूर से ही छेड़छाड़ करने के लिए मैलवेयर का इस्तेमाल करना संभव है, लेकिन संभवतः उस स्तर पर नहीं, जैसा कि देखा गया है. हिजबुल्लाह को मजबूरन पेजर का इस्तेमाल करना पड़ा, जब उन्हें एहसास हुआ कि इजराइली मोबाइल सिग्नल के आधार पर वरिष्ठ कमांडरों का पता लगा रहे थे और उन्हें खास हमलों में निशाना बना रहे थे. इन हमलों के साथ ही लेबनान में पेजर और हाथ में पकड़े जाने वाले वॉकी-टॉकी भी जोखिम भरे हैं. इससे हिजबुल्लाह के संचार पर असर पड़ता है, जो युद्ध में एक अनिवार्य शर्त है.