छत्तीसगढ़ में पुरातात्विक महत्व के कई ऐतिहासिक और प्रसिद्ध स्थल हैं. उनमें से एक है सरगुजा का महेशपुर गांव, दुनिया की सबसे पुरानी थियेटर और शिलालेखों के लिए फेमस रामगढ़ के पास रेण नदी का तटीय क्षेत्र 8वीं शताब्दी से 13वीं शताब्दी के बीच कला और संस्कृति के अभूतपूर्व विकास का गवाह बना.
सरगुजा का महेशपुर इलाका (ETV Bharat)
प्राचीन काल के टूटे-फूटे अवशेष सरगुजा जिले के महेशपुर और कलचा-देवगढ़ में फैले हुए हैं. शैव, वैष्णव और जैन धर्म से जुड़ी कलाकृतियों और प्राचीन टीलों की संख्या के लिहाज से महेशपुर आर्कियोलॉजिकल व्यू से बहुत महत्वपूर्ण है.
सरगुजा का महेशपुर इलाका (ETV Bharat)
छत्तीसगढ़ में प्राकृतिक सौंदर्य के साथ-साथ कई पुरातात्विक स्थल हैं. राज्य का प्राकृतिक स्वरूप और यहां छिपे हुए पुरातात्विक रहस्य लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र हैं. इस जगह पत्थरों को तराश कर बनाई गई मंदिर और हजारों ऐसी मूर्तियां है जो सनातन धर्म को प्रदर्शित करती है.
सरगुजा का महेशपुर इलाका (ETV Bharat)
अब तक आर्कियोलॉजिस्ट और आर्कियोलॉजिकल डिपार्टमेंट के द्वारा महेशपुर में चार टीलों की खुदाई की जा चुकी है. उन टीलों में कई मंदिरों और शिव-पार्वती की मूर्तियों के अवशेष मिले हैं. सरगुजा के उदयपुर क्षेत्र का रामगढ़, महेशपुर का इलाका भगवान राम के वन गमन और उनके वनवास के दिनों की यादों से जीवंत है. स्थानीय लोककथाओं के अनुसार जमदग्नि ऋषि की पत्नी रेणुका यहां रेण नदी के रूप में बहती हैं.
सरगुजा का महेशपुर इलाका (ETV Bharat)
सरगुजा का महेशपुर इलाका (ETV Bharat)
सरगुजा आने वाले सैलानियों के लिए ये स्थान आकर्षण का केंद्र हो सकता है, अंबिकापुर से रायपुर मार्ग से करीब 45 किलोमीटर की दूरी पर उदयपुर नाम का कस्बा है, इस कस्बे से ही महेशपुर जाने का मार्ग है. उदयपुर से करीब 12 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद आप महेशपुर पहुंच जायेंगे. पुरातत्व विभाग ने 2008-09 भी यहां खुदाई की थी, जिसमें अवशेषों का खजाना मिला था. इस स्थान पर पुरातत्व संग्रहालय भी बना है, लेकिन अवशेषों के संरक्षण की खास व्यवस्था नहीं है.
सरगुजा का महेशपुर इलाका (ETV Bharat)
सरगुजा का महेशपुर इलाका (ETV Bharat)
साहित्यकार संतोष दास बताते है की उदयपुर से 12 किलोमीटर की दूरी पर महेशपुर नाम की जगह है, यहां 8 वीं से 13 वीं शताब्दी के पुरातात्विक अवशेष देखने को मिलते हैं, बहुत बड़ी संख्या में यहां पुरातात्विक अवशेष हैं, पर्यटकों के लिए ये काफी आकर्षक जगह है.
सरगुजा का महेशपुर इलाका (ETV Bharat)
ग्रामीण बताते है की यहां अभी भी जमीन के नीचे हजारों की संख्या में अवशेष दबे हुए है, पुरातत्व विभाग को यहां फिर से खुदाई करानी चाहिये. सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए की ये धरोहर संरक्षित हो सके और सरगुजा में पर्यटन की संभावना बढ़ सके.