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अमेरिका: हरदीप पुरी का राहुल गांधी पर बड़ा हमला, कहा- जिन्ना जैसी मानसिकता - Jinnah like mentality

US Hardeep Puri attack on Rahul Gandhi: केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने अमेरिका में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की सिखों के बारे में की गई टिप्पणी को लेकर भड़क गए. उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता देश में खून बहता देखना चाहते हैं.

Hardeep Puri
केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी (ANI)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 17, 2024, 1:07 PM IST

वॉशिंगटन: केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी इन दिनों अमेरिकी दौरे पर हैं. केंद्रीय मंत्री ने वाशिंगटन डीसी में सोमवार (स्थानीय समय) को अमेरिका के ऊर्जा मंत्री जेनिफर ग्रानहोम के साथ चर्चा की. अपनी इस दौरान पुरी ने एक कार्यक्रम में विपक्ष के नेता राहुल गांधी पर जमकर निशाना साधा. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उनकी (राहुल) जिन्ना जैसी मानसिकता है जो देश को खून से लथपथ देखना चाहते हैं और विभाजनकारी शक्तियों को बढ़ावा देना चाहते हैं.

हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि कांग्रेस जब सत्ता में थी तब सिखों के बारे में बात नहीं की. उन्होंने किसी का नाम लिए बगैर कहा कि किसकी सरकार ने दानवों को जन्म दिया गया. उन्हें (राहुल ) इस बात पर ठोस आत्मनिरीक्षण करने की जरूरत है कि ऐसा क्यों हुआ. यह पूरी तरह से झूठ पर आधारित कहानी है. इसलिए मुझे आश्चर्य नहीं है कि वह ऐसा कर रहे हैं.

केंद्रीय मंत्री ने कहा ने कहा कि कुछ मतभेद हो सकते हैं लेकिन लोकतंत्र की खूबसूरती यही है कि बैठकर इस मुद्दे को सुलझाया जा सकता है. उन्हें देश के लिए आरएसएस के योगदान पर गौर करना चाहिए. प्रधानमंत्री मोदी सरकार की विचारधारा में एक खास बात है राष्ट्र प्रथम लेकिन राहुल गांधी जिन्ना की तरह काम कर रहे हैं. आप इसे एक तरह से तोड़कर रख देना चाहते हैं. मैं उन्हें याद दिलाना चाहता हूं कि हमारी सभ्यता और संस्कृति 5000 साल से भी अधिक पुरानी है. इस तरह के लोग इसे तोड़ नहीं पाएंगे.

मंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि राहुल गांधी की टिप्पणियों से पता चलता है कि विभाजन करने का एक भयावह प्रयास किया गया. मैंने अपने जीवन के 62 साल पगड़ी पहनी है. मैंने इससे भी लंबे समय तक कड़ा पहना है. राहुल गांधी का बयान अज्ञानता से भरा है. हरदीप पुरी ने कहा कि उनका यह बयान असुरक्षा और स्वतंत्रता की भावना पैदा करने के लिए एक विभाजनकारी कहानी को भड़काने का प्रयास है.

अब मेरे भाई और बहन जो कई साल पहले काम करने के लिए अमेरिका आए थे. उनमें से कुछ के अपने देश के साथ सक्रिय संपर्क हैं. उनमें से कुछ सिर्फ सोशल मीडिया या जो कुछ भी वे पढ़ते हैं, उसके माध्यम से संपर्क करते हैं. अब, यदि इस तरह की कहानी को बढ़ावा देते हैं तो इससे गलत असर पड़ेगा.

अगर हमारे स्वतंत्रता के बाद के इतिहास में कभी ऐसा समय आया है, जब सिखों के अस्तित्व पर कोई खतरा था या महसूस किया गया था, तो मैंने खुद इसका अनुभव किया है. यह 1984 के दौरान था, मुझे नहीं पता, दंगों शब्द का इस्तेमाल करें क्योंकि यह निर्दोष लोगों के खिलाफ एकतरफा नरसंहार था. इस दौरान 3000 लोग भारत में निर्दयतापूर्वक मारे गए थे. अगर आप उससे पहले की बात करें तो 80 के दशक में जब वे एशियाई खेलों की तैयारी में थे, सिखों को बसों आदि से बाहर निकाल दिया जाता था और कहा जाता था.

हरदीप पुरी ने प्रधानमंत्री मोदी की भी प्रशंसा करते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में सिखों के लिए कई पहल की गई हैं. इसमें करतारपुर कॉरिडोर खोलना भी शामिल है. उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि मेरे जैसे किसी व्यक्ति के लिए यह कहना बहुत गर्व की बात है कि सिखों के लिए इससे पहले कभी इतना अच्छा नहीं रहा.

हर समुदाय की अपनी शिकायतें होती हैं. मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि बहुसंख्यक समुदाय की भी शिकायतें हैं कि उन्हें कभी-कभी अपने ही देश में अल्पसंख्यक समुदाय जैसा महसूस कराया जाता है. अन्य अल्पसंख्यक समुदाय भी हैं लेकिन लोकतंत्र की खूबसूरती, और वैसे, हमारे पास 960 मिलियन पंजीकृत मतदाता हैं और लगभग 680 मिलियन वास्तव में मतदान करने के लिए निकले.

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