नई दिल्ली: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को कजाखिस्तान की राजधानी अस्ताना में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन से इतर अपने रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव के साथ द्विपक्षीय वार्ता की. इस दौरान उन्होंने युद्ध क्षेत्र में मौजूद भारतीय नागरिकों का मुद्दा उठाया. जयशंकर एससीओ शिखर सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए मंगलवार को अस्ताना पहुंचे.
जयशंकर ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि आज अस्ताना में रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से मिलकर अच्छा लगा. हमारी द्विपक्षीय साझेदारी और समकालीन मुद्दों पर व्यापक बातचीत हुई. दिसंबर 2023 में हमारी पिछली बैठक के बाद से कई क्षेत्रों में हुई प्रगति पर चर्चा हुई. उन्होंने आगे लिखा कि बैठक के दौरान युद्ध क्षेत्र में मौजूद भारतीय नागरिकों के बारे में अपनी गहरी चिंता जताई. उनकी सुरक्षित और शीघ्र वापसी के लिए दबाव डाला. वैश्विक रणनीतिक परिदृश्य पर भी चर्चा की और आकलन और विचारों का आदान-प्रदान किया.
यूक्रेन युद्ध के बाद से ही भारत रूस से आग्रह कर रहा है कि वह रूसी सेना में कार्यरत भारतीय नागरिकों की सुरक्षा और स्वदेश वापसी सुनिश्चित करे. रिपोर्ट के अनुसार, यूक्रेन युद्ध के बाद लगभग 200 भारतीय नागरिकों को रूसी सेना में सुरक्षा सहायक के रूप में भर्ती किया गया था. विदेश मंत्रालय ने पहले पुष्टि की थी कि युद्ध क्षेत्र में चार भारतीय नागरिकों की मौत हुई थी, जो रूसी सेना से जुड़े थे. भारत-रूस विदेश मंत्रियों के बीच यह बैठक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस सप्ताह निर्धारित मॉस्को यात्रा से पहले हुई है. मॉस्को यात्रा पर पीएम मोदी रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात करेंगे.