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अबूजा में पीएम मोदी ने राष्ट्रपति टीनूबू से की मुलाकात, दोनों नेताओं ने भारत-नाइजीरिया संबंधों पर की चर्चा

PM Modi Nigeria Visit: नाइजीरिया की यात्रा पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गर्मजोशी से स्वागत हुआ. इसके बाद उन्होंने राष्ट्रपति टीनूबू से मुलाकात की.

PM Narendra Modi holds Meeting with Nigerian President Bola Ahmed Tinubu in Abuja
अबूजा में पीएम मोदी ने राष्ट्रपति टीनूबू से की मुलाकात, दोनों नेताओं ने भारत-नाइजीरिया संबंधों पर की चर्चा (ANI)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : 4 hours ago

अबूजा: अफ्रीकी देश नाइजीरिया की राजकीय यात्रा पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अबूजा में राष्ट्रपति बोला अहमद टीनूबू से मुलाकाल की. नाइजीरियाई राष्ट्रपति टीनूबू और उनकी कैबिनेट के कार्यकारी परिषद के सदस्यों ने अबूजा में राष्ट्रपति भवन में पीएम मोदी का स्वागत किया.

इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति टीनूबू ने द्विपक्षीय बैठक की. द्विपक्षीय चर्चा के दौरान दोनों नेताओं ने भारत और नाइजीरिया के बीच मौजूदा संबंधों को मजबूत करने पर बातचीत की. वार्ता में व्यापार, निवेश और डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे सहित कई क्षेत्रों में भारत-नाइजीरिया साझेदारी को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया.

द्विपक्षीय वार्ता के बाद पीएम मोदी और नाइजीरियाई राष्ट्रपति टीनूबू की उपस्थिति में भारत और नाइजीरिया ने समझौता ज्ञापनों (MoU) पर हस्ताक्षर किए.

राष्ट्रपति टीनूबू के साथ संयुक्त बयान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "मुझे नाइजीरिया के राष्ट्रीय सम्मान से सम्मानित करने के आपके फैसले के लिए मैं हृदय से आभार व्यक्त करता हूं. यह सम्मान सिर्फ मेरा नहीं, बल्कि 140 करोड़ भारतीयों का है. यह सदियों पुराने भारत-नाइजीरिया संबंधों का सम्मान है. इस सम्मान के लिए मैं नाइजीरिया, आपकी सरकार और नागरिकों के प्रति हृदय से आभार व्यक्त करता हूं."

पीएम मोदी ने आगे कहा, "मैं 140 करोड़ भारतीय नागरिकों की ओर से पिछले महीने नाइजीरिया में बाढ़ की वजह से हुई जान-माल की हानि पर संवेदना व्यक्त करता हूं. आपके राहत कार्यों में समर्थन के लिए भारत 20 टन मानवीय सहायता भेज रहा है." मोदी ने कहा कि उनके लिए यह बेहद खुशी की बात है कि उनके तीसरे कार्यकाल की शुरुआत में ही उन्हें नाइजीरिया आने का मौका मिला और कोई भारतीय प्रधानमंत्री 17 वर्षों के बाद यहां आया.

पीएम मोदी ने कहा, "हम आतंकवाद, अलगाववाद, समुद्री डकैती और मादक पदार्थों की तस्करी जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं. हम भविष्य में और भी मजबूती से इन चुनौतियों का सामना करेंगे."

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत नाइजीरिया के साथ अपनी रणनीतिक साझेदारी को उच्च प्राथमिकता देता है. रक्षा, ऊर्जा, वित्तीय मुद्दों, प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य, शिक्षा और संस्कृति जैसे कई क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच मजबूत सहयोग है. भारत-नाइजीरिया के संबंधों से कई नई संभावनाएं भी जुड़ी हैं.

उन्होंने कहा, "मुझे विश्वास है कि आज की हमारी बातचीत से दोनों देशों के संबंधों में नया अध्याय जुड़ेगा. हम मिलकर वैश्विक स्तर पर ग्लोबल साउथ की प्राथमिकताओं पर फोकस करेंगे और हमारे संयुक्त प्रयासों से हमें सफलता मिलेगी."

उन्होंने कहा, "मैं भारत और नाइजीरिया के बीच रणनीतिक संबंधों को मजबूत करने के लिए आपकी व्यक्तिगत प्रतिबद्धता के लिए आभार व्यक्त करता हूं. मुझे खुशी है कि पिछले साल भारत की अध्यक्षता में नाइजीरिया पहली बार अतिथि देश के रूप में जी-20 शिखर सम्मेलन में शामिल हुआ और हमने अफ्रीकी संघ को जी-20 की स्थायी सदस्यता दिलाई. यह खुशी की बात है कि नाइजीरिया को ब्रिक्स में भागीदार देश का दर्जा दिया गया है. मैं नाइजीरिया को इस महत्वपूर्ण उपलब्धि के लिए बधाई देता हूं."

इससे पहले, पीएम मोदी के अबूजा पहुंचने पर उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया और उन्हें 21 तोपों की सलामी दी गई. 17 साल के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा पश्चिम अफ्रीकी देश की यह पहली यात्रा है.

भारतीय कंपनियों ने किया है 27 बिलियन डॉलर से अधिक का निवेश

नाइजीरिया में भारत के उच्चायुक्त जी बालासुब्रमण्यम ने पीएम मोदी की यात्रा के बारे में आशा व्यक्त की. उन्होंने नाइजीरिया और अफ्रीकी महाद्वीप दोनों के साथ संबंधों को मजबूत करने की भारत की क्षमता पर जोर दिया.

मीडिया से बात करते हुए बालासुब्रमण्यम ने अफ्रीका में सबसे अधिक आबादी वाले देश और सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक नाइजीरिया के रणनीतिक महत्व का उल्लेख किया, जो इसे भारत के लिए प्रमुख भागीदार बनाता है. 200 से अधिक भारतीय कंपनियों ने नाइजीरिया में 27 बिलियन डॉलर से अधिक का निवेश किया है, जिससे वे नाइजीरियाई सरकार के बाद दूसरे सबसे बड़े नियोक्ता (नौकरी देने वाले) बन गए हैं.

भारतीय उच्चायुक्त ने कहा, "भारत और नाइजीरिया के बीच संबंधों की गहरी ऐतिहासिक जड़ें हैं. हमने नाइजीरिया में इसको स्वतंत्रता मिलने से दो साल पहले 1958 में लागोस (Lagos) में एक कार्यालय खोलकर राजनयिक उपस्थिति स्थापित की थी. हमारे राजनीतिक संबंध द्विपक्षीय और बहुपक्षीय मंचों दोनों पर मजबूत रहे हैं. व्यापार और आर्थिक संबंध भी मजबूत हैं, भारतीय कंपनियां नाइजीरियाई अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं."

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