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पीएम मोदी ने ईरानी राष्ट्रपति पेजेशकियन के साथ इन अहम मुद्दों पर की द्विपक्षीय वार्ता

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रिक्स शिखर सम्मेलन 2024 को लेकर रूस के कजान में है. इस दौरान उन्होंने ईरानी राष्ट्रपति के साथ द्विपक्षीय वार्ता की.

PM Modi holds bilateral talks with Iranian President
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन (ANI)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : 5 hours ago

कजान: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को रूस के कजान में ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन के साथ ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के इतर वार्ता की. इस दौरान दोनों नेताओं ने कई अहम मुद्दों पर बातचीत की. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने ईरान के विदेश मंत्री अमीर अब्दुल्लाहियन से भी मुलाकात की. दोनों नेताओं ने चाबहार बंदरगाह, गाजा की स्थिति, अफगानिस्तान में स्थितरता समेत कई अन्य वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की.

विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन के साथ बैठक सफल रही. दोनों नेताओं ने अपने देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों के समीक्षा की.

पीएम मोदी ने एक्स पर लिखा, 'हमने भविष्य के क्षेत्रों में संबंधों को गहरा करने के तरीकों पर भी चर्चा की.' यह पीएम मोदी और पेजेशकियन के बीच पहली द्विपक्षीय बैठक थी. पेजेशकियन ने 19 मई को एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में पूर्व राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की मृत्यु के बाद जुलाई में ईरान के राष्ट्रपति का पद संभाला था.

विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने पेजेशकियन को ईरान के 9वें राष्ट्रपति के रूप में निर्वाचित होने पर बधाई दी. उन्होंने ब्रिक्स परिवार में ईरान का भी स्वागत किया. दोनों नेताओं ने विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को और मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की.

विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि चाबहार बंदरगाह के दीर्घकालिक अनुबंध पर हस्ताक्षर द्विपक्षीय संबंधों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है. दोनों नेताओं ने अफगानिस्तान के पुनर्निर्माण और पुनर्विकास तथा मध्य एशिया के साथ व्यापार और आर्थिक संबंधों को बढ़ाने के लिए इसके महत्व की पुष्टि की.

बयान में यह भी कहा गया कि दोनों नेताओं ने पश्चिम एशिया की स्थिति सहित क्षेत्रीय घटनाक्रमों पर विचारों का आदान-प्रदान किया. प्रधानमंत्री मोदी ने संघर्ष के बढ़ने पर गहरी चिंता व्यक्त की और हालात को बेहतर बनाने के लिए भारत के आह्वान को दोहराया.

पीएम मोदी ने जान माल की सुरक्षा और संघर्ष को खत्म करने में कूटनीति की भूमिका पर जोर दिया. दोनों नेताओं ने ब्रिक्स और एससीओ सहित विभिन्न बहुपक्षीय मंचों पर अपना सहयोग जारी रखने पर सहमति व्यक्त की.

बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति पेजेशकियन को शीघ्र भारत आने का निमंत्रण दिया. राष्ट्रपति पेजेशकियन ने निमंत्रण स्वीकार कर लिया. इससे पहले, 30 जुलाई को सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने तेहरान में आयोजित पेजेशकियन के शपथ ग्रहण समारोह में भारत का प्रतिनिधित्व किया था.

ब्रिक्स गठबंधन में एक जनवरी 2024 को चार नए सदस्य - मिस्र, इथियोपिया, ईरान और संयुक्त अरब अमीरात - शामिल हुए. भारत की अध्यक्षता में ही ईरान शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) में शामिल हुआ था. ईरान के दिवंगत राष्ट्रपति रईसी के कार्यकाल के दौरान विभिन्न क्षेत्रों, विशेषकर कनेक्टिविटी में भारत-ईरान साझेदारी में काफी विस्तार हुआ.

दोनों देशों ने बुनियादी ढांचे के सहयोग में तेजी लायी, विशेष रूप से चाबहार परियोजना और अंतरराष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारे (आईएनएसटीसी) पर ध्यान केंद्रित किया. यह 7,200 किलोमीटर लंबा बहुविध व्यापार गलियारा है जो ईरान के बंदरगाहों के माध्यम से रूस को भारत से जोड़ता है.

रईसी की मौत से कुछ दिन पहले ही 13 मई को भारत और ईरान ने चाबहार बंदरगाह के संचालन के लिए 10 साल के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए थे. इससे पहले कजान पहुंचने के तुरंत बाद पीएम मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ द्विपक्षीय बैठक की थी.

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