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2023 हिंसा के दोषियों को सख्त सजा दे कोर्ट : पाक सेना - Pak Army on 2023 Riots And Violence

Pakisan 2023 Riots And Violence: आईएसपीआर के अनुसार, फोरम ने इस बात पर गौर किया कि 9 मई 2023 की हिंसा की प्लानिंग करने वालों, अपराधियों, उकसाने वालों और उनको सुविधा देने वालों को देश की सामूहिक भलाई के लिए न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए.

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इमरान खान और जनरल असीम मुनीर (IANS)

By IANS

Published : May 30, 2024, 10:35 PM IST

रावलपिंडी:पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने गुरुवार को 9 मई 2023 को सैन्य प्रतिष्ठानों पर हुए हमलों के दोषियों को न्याय के दायरे में लाने पर फिर से जोर दिया. सेना प्रमुख ने रावलपिंडी स्थित जनरल मुख्यालय (जीएचक्यू) में आयोजित 83वें फॉर्मेशन कमांडर्स सम्मेलन में ये बयान दिया. इस सम्मेलन में कोर कमांडरों, प्रिंसिपल स्टाफ ऑफिसर्स और पाकिस्तानी सेना के सभी फॉर्मेशन कमांडर शामिल हुए. इंटर-सर्विस पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) ने कहा, 'फोरम ने बीते वर्ष के दंगों और बर्बरता मामले में पारदर्शी न्याय व्यवस्था पर जोर दिया.'

आईएसपीआर के अनुसार, फोरम ने इस बात पर गौर किया कि 9 मई 2023 की हिंसा की प्लानिंग करने वालों, अपराधियों, उकसाने वालों और उनको सुविधा देने वालों को देश की सामूहिक भलाई के लिए न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए. फोरम ने राजनीति से प्रेरित और निहित डिजिटल आतंकवाद का भी गंभीरता से संज्ञान लिया. आईएसपीआर ने कहा, 'फोरम ने इस बात पर भी जोर दिया कि राजनीतिक रूप से प्रेरित और निहित डिजिटल आतंकवाद का स्पष्ट उद्देश्य पाकिस्तान में निराशा पैदा करना, संस्थाओं, विशेषकर सशस्त्र बलों और देश के लोगों के बीच झूठ, फर्जी खबरें और दुष्प्रचार फैलाकर मतभेद पैदा करना है.'

हालांकि, देश उनके गुप्त उद्देश्यों से पूरी तरह परिचित है. निश्चित रूप से इन नापाक ताकतों के मंसूबों को पूरी तरह से पराजित किया जाएगा. पाकिस्तानी सेना फॉर्मेशन कमांडर्स कॉन्फ्रेंस के लेटेस्ट बयान से संकेत मिला है कि पूर्व पीएम इमरान खान के साथ नई सरकार का किसी भी तरह की गुप्त बातचीत या संपर्क की कोई संभावना नहीं है. बीते वर्ष 9 मई को पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के संस्थापक इमरान खान को इस्लामाबाद हाईकोर्ट से गिरफ्तार किया गया. इसके बाद पार्टी और उनके शीर्ष नेताओं के समर्थकों ने सैन्य प्रतिष्ठान के खिलाफ अपना गुस्सा जाहिर किया. उन्होंने महत्वपूर्ण सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमला भी किया था. हिंसक विरोध प्रदर्शनों के कारण रावलपिंडी स्थित जनरल मुख्यालय समेत पूरे पाकिस्तान में प्रमुख सैन्य प्रतिष्ठानों पर भीड़ ने लक्षित हमले किये थे.

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