ढाका:बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना नई मुश्किलों में फंस गई हैं. बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस के शासन में गठित एक आयोग ने जांच के बाद चौंकाने वाली रिपोर्ट दी है. इसमें कहा गया है कि देश से गायब हुए 3500 लोगों में शेख हसीना का हाथ है. आयोग ने 'सच का खुलासा' नामक रिपोर्ट सौंपी है. इसमें शेख हसीना के साथ -साथ कई वरिष्ठ अधिकारियों के शामिल होने का खुलासा किया है.
बांग्लादेश में अंतरिम सरकार द्वारा गठित एक जांच आयोग ने अपनी अनंतिम रिपोर्ट में कहा है कि शेख हसीना की कथित जबरन गायब करने की घटनाओं में उनकी संलिप्तता पाई है. जबरन गायब किये जाने की जांच के लिए गठित आयोग ने अनुमान लगाया है कि जबरन गायब किये जाने वालों की संख्या 3,500 से अधिक होगी.
यूनुस के मुख्य सलाहकार (सीए) के कार्यालय की प्रेस शाखा ने शनिवार रात एक बयान में कहा, 'आयोग को पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के जबरन गायब होने की घटनाओं में प्रशिक्षक के रूप में शामिल होने के सबूत मिले हैं.'
इसमें कहा गया है कि अपदस्थ प्रधानमंत्री के रक्षा सलाहकार मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) तारिक अहमद सिद्दीकी, राष्ट्रीय दूरसंचार निगरानी केंद्र के पूर्व महानिदेशक और बर्खास्त मेजर जनरल जियाउल अहसन, वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मोनिरुल इस्लाम और मोहम्मद हारुन-ओर-रशीद और कई अन्य वरिष्ठ अधिकारी इन घटनाओं में शामिल पाए गए.
पूर्व सैन्य और पुलिस अधिकारी फरार हैं. माना जाता है कि वे 5 अगस्त को छात्र नेतृत्व वाले विद्रोह के बाद हसीना की अवामी लीग सरकार के सत्ता से बाहर होने के बाद से विदेश में हैं. यह बयान ऐसे समय में आया है जब जबरन गायब किए जाने की जांच करने वाले पांच सदस्यीय आयोग ने शनिवार देर रात मुख्य सलाहकार को उनके आधिकारिक यमुना आवास पर अपनी अंतरिम रिपोर्ट सौंपी.