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'न कोई गुस्सा, न बदला', बांग्लादेश में अशांति के बीच रिहा पूर्व पीएम खालिदा जिया की लोगों से अपील - Unrest In Bangladesh

Khaleda Zia Appeal: जेल से रिहा होने के बाद बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया ने लोगों से शांति की अपील की है. उन्होंने कहा हमें युवाओं के सपनों को पूरा करने के लिए एक लोकतांत्रिक बांग्लादेश बनाने की जरूरत है.

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 7, 2024, 7:48 PM IST

ढाका: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया ने बुधवार को लोगों से देश में शांति की अपील की है. उन्होंने कहा कि हमें अपने देश के पुनर्निर्माण के लिए प्यार और शांति की जरूरत है. खालिदा जिया को हाल ही में अपदस्थ हुईं प्रधानमंत्री शेख हसीना की कट्टर विरोधी और कट्टर प्रतिद्वंद्वी माना जाता है.

बांग्लादेश के न्यूज पेपर द डेली स्टार की रिपोर्ट के अनुसार नयापल्टन में अपनी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) की एक रैली में एक वीडियो संदेश में उन्होंने कहा, "युवा हमारा भविष्य हैं. हमें उनके सपनों को पूरा करने के लिए एक लोकतांत्रिक बांग्लादेश बनाने की जरूरत है, जिसके लिए उन्होंने अपना खून बहाया है."

'कोई गुस्सा नहीं और कोई बदला नहीं'
खालिदा जिया ने अपने भाषण में कहा, "कोई तोड़फोड़ नहीं, कोई गुस्सा नहीं, और कोई बदला नहीं... हमें अपने देश के पुनर्निर्माण के लिए प्यार और शांति की जरूरत है." बता दें कि 2018 के बाद से यह उनका पहला सार्वजनिक भाषण था. उन्हें भ्रष्टाचार के मामले में दोषी ठहराया गया था और 17 साल की जेल हुई थी.

जेल में बंद थी खालिदा जिया
जिया को शेख हसीना के प्रधानमंत्री काल के दौरान भ्रष्टाचार का दोषी ठहराया गया था और जेल भेजा गया था, जिसके कारण उन पर 'राजनीतिक प्रतिशोध' के आरोप लगे थे. खालिदा जिया उन लोगों में से एक थीं, जिन्हें हसीना के त्यागपत्र देने, भारत आने और उनकी अवामी लीग सरकार के पतन के बाद राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन के आदेश पर रिहा किया गया.

लोगों को दिया धन्यवाद
बीएनपी अध्यक्ष जिया ने लोगों से एक 'समृद्ध' बांग्लादेश का आह्वान किया. उन्होंने कहा, "मुझे अब रिहा कर दिया गया है. मैं उन बहादुर लोगों को धन्यवाद देना चाहती हूं, जो असंभव को संभव बनाने के लिए करो या मरो के संघर्ष में थे. यह जीत हमें लूट, भ्रष्टाचार और कुशासन से बाहर निकलने की एक नई संभावना लेकर आई है. हमें इस देश को एक समृद्ध देश के रूप में सुधारने की जरूरत है.

उल्लेखनीय है कोटा सिस्टम के खिलाफ छात्रों के नेतृत्व में शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन हसीना शासन के खिलाफ एक जन आंदोलन में बदल गया, क्योंकि प्रदर्शनकारियों पर क्रूर कार्रवाई की गई, जिसमें सैकड़ों लोगों की जान चली गई और बाद में शेख हसीना को देश छोड़ना पड़ा. फिलहाल नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में एक अंतरिम सरकार देश चलाएगी.

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