नई दिल्ली : बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मो. यूनुस इस समय अमेरिका में हैं. वहां पर एक कार्यक्रम में भाग लेते हुए उन्होंने कुछ ऐसा कहा, जिसकी चर्चा चारों ओर हो रही है. उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में जो भी कुछ हुआ, वह सब प्लानिंग की वजह से हुआ और यह लंबे समय से चल रहा था. उन्होंने कहा कि इस प्लानिंग में एक शख्स ने बहुत बड़ी भूमिका निभाई थी. कौन है यह नौजवान और बांग्लादेश में जिस तरह से सैन्य तख्ता पलट हुआ, उसमें उसकी क्या भूमिका थी, आइए उसके बारे में जानते हैं.
आपको बता दें कि मो. यूनुस अमेरिका में क्लिंटन ग्लोबल इनिशिएटिव कार्यक्रम में बोल रहे थे. इस दौरान उन्होंने मंच से एक युवक को सबके सामने इन्ट्रोड्यूस करवाया. उसका नाम है महफूज आलम. इस समय वह मो. यूनुस का स्पेशल असिस्टेंट है. रक्षा विशेषज्ञ ब्रह्मा चेल्लानी ने अपने ट्वीट में इसकी पुष्टि की है. उन्होंने लिखा कि यूनुस ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन को शेख हसीना को गिराने के पीछे के "दिमाग"- हिज़्ब-उत-तहरीर आतंकी संगठन के नेता महफूज आलम, जिस पर कई पश्चिमी देशों ने प्रतिबंध लगा दिया था - का परिचय देते हुए कहा कि पूरे ऑपरेशन को "सावधानीपूर्वक डिजाइन किया गया" था, जिसमें नेता की पहचान छिपाई गई थी.
महफूज आलम का नाम लेते हुए मो. यूनुस ने कहा कि यही वह शख्स हैं, जिन्होंने बांग्लादेश में परिवर्तन लाया और आज तक इन्होंने अपने बारे में किसी को कुछ नहीं बताया, ये पर्दे के पीछे रहते हैं, लेकिन कोई भी काम बिना इनके संपन्न नहीं होता है.
उसके बारे में बताते हुए यूनुस ने कहा कि यह भले ही आम युवा की तरह दिखते हैं, लेकिन जब आप इनके काम देखेंगे, इन्हें बोलते सुनेंगे तो आप सब चौंक जाएंगे, आपको यकीन नहीं होगा, बल्कि कांपने लगेंगे. मो. यूनुस ने कहा कि इन्होंने तो साफ तौर पर कह दिया था कि जिसको जो करना है कर ले, मारना चाहता है तो उसकी हत्या कर दे, लेकिन वह अपने मिशन में सफल होकर रहेगा.
उन्होंने आगे कहा कि बांग्लादेश में जिस तरह का बड़ा परिवर्तन हुआ, उसे देखकर ऐसा लगता है कि सबकुछ अचानक ही हुआ, लेकिन ऐसा नहीं है, सब कुछ एक प्लानिंग के तहत हो रहा था और इसके सूत्रधार महफूज आलम थे, ये अलग बात है कि इन्होंने कभी इसका क्रेडिट नहीं लिया.
उस कार्यक्रम में बोलते हुए मो. यूनुस ने कहा कि बांग्लादेश में छात्रों का आंदोलन इसलिए सफल हुआ क्योंकि इसका कोई चेहरा नहीं था, इसलिए किसी एक को गिरफ्तार कर आंदोलन को खत्म नहीं किया जा सकता था, यह आंदोलन की खासियत थी और इसमें महफूज आलम ने जो भूमिका निभाई है, वह अद्भुत है, इसलिए प्लीज आप सब इनका स्वागत कीजिए.