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बांग्लादेश : शेख हसीना को हटाने की योजना लंबे समय से बन रही थी, खुद मो. यूनुस ने खोला राज, महफूज आलम का लिया नाम - Mahfuz Alam

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मो. यूनुस ने ऐसा कुछ कह दिया, जिसके बारे में चर्चा तो लंबे समय से की जा रही थी, लेकिन इसकी कोई पुष्टि नहीं कर रहा था. उन्होंने स्वीकार कर लिया कि बांग्लादेश में लंबे समय से शेख हसीना सरकार को हटाने की योजना बनाई जा रही थी. आइए जानते हैं पूरी खबर.

Md Yunus
अमेरिका में बांग्लादेश सरकार के मुख्य सलाहकार मो. यूनुस (Dhaka Tribune . Com)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 26, 2024, 7:07 PM IST

नई दिल्ली : बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मो. यूनुस इस समय अमेरिका में हैं. वहां पर एक कार्यक्रम में भाग लेते हुए उन्होंने कुछ ऐसा कहा, जिसकी चर्चा चारों ओर हो रही है. उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में जो भी कुछ हुआ, वह सब प्लानिंग की वजह से हुआ और यह लंबे समय से चल रहा था. उन्होंने कहा कि इस प्लानिंग में एक शख्स ने बहुत बड़ी भूमिका निभाई थी. कौन है यह नौजवान और बांग्लादेश में जिस तरह से सैन्य तख्ता पलट हुआ, उसमें उसकी क्या भूमिका थी, आइए उसके बारे में जानते हैं.

आपको बता दें कि मो. यूनुस अमेरिका में क्लिंटन ग्लोबल इनिशिएटिव कार्यक्रम में बोल रहे थे. इस दौरान उन्होंने मंच से एक युवक को सबके सामने इन्ट्रोड्यूस करवाया. उसका नाम है महफूज आलम. इस समय वह मो. यूनुस का स्पेशल असिस्टेंट है. रक्षा विशेषज्ञ ब्रह्मा चेल्लानी ने अपने ट्वीट में इसकी पुष्टि की है. उन्होंने लिखा कि यूनुस ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन को शेख हसीना को गिराने के पीछे के "दिमाग"- हिज़्ब-उत-तहरीर आतंकी संगठन के नेता महफूज आलम, जिस पर कई पश्चिमी देशों ने प्रतिबंध लगा दिया था - का परिचय देते हुए कहा कि पूरे ऑपरेशन को "सावधानीपूर्वक डिजाइन किया गया" था, जिसमें नेता की पहचान छिपाई गई थी.

महफूज आलम का नाम लेते हुए मो. यूनुस ने कहा कि यही वह शख्स हैं, जिन्होंने बांग्लादेश में परिवर्तन लाया और आज तक इन्होंने अपने बारे में किसी को कुछ नहीं बताया, ये पर्दे के पीछे रहते हैं, लेकिन कोई भी काम बिना इनके संपन्न नहीं होता है.

उसके बारे में बताते हुए यूनुस ने कहा कि यह भले ही आम युवा की तरह दिखते हैं, लेकिन जब आप इनके काम देखेंगे, इन्हें बोलते सुनेंगे तो आप सब चौंक जाएंगे, आपको यकीन नहीं होगा, बल्कि कांपने लगेंगे. मो. यूनुस ने कहा कि इन्होंने तो साफ तौर पर कह दिया था कि जिसको जो करना है कर ले, मारना चाहता है तो उसकी हत्या कर दे, लेकिन वह अपने मिशन में सफल होकर रहेगा.

उन्होंने आगे कहा कि बांग्लादेश में जिस तरह का बड़ा परिवर्तन हुआ, उसे देखकर ऐसा लगता है कि सबकुछ अचानक ही हुआ, लेकिन ऐसा नहीं है, सब कुछ एक प्लानिंग के तहत हो रहा था और इसके सूत्रधार महफूज आलम थे, ये अलग बात है कि इन्होंने कभी इसका क्रेडिट नहीं लिया.

उस कार्यक्रम में बोलते हुए मो. यूनुस ने कहा कि बांग्लादेश में छात्रों का आंदोलन इसलिए सफल हुआ क्योंकि इसका कोई चेहरा नहीं था, इसलिए किसी एक को गिरफ्तार कर आंदोलन को खत्म नहीं किया जा सकता था, यह आंदोलन की खासियत थी और इसमें महफूज आलम ने जो भूमिका निभाई है, वह अद्भुत है, इसलिए प्लीज आप सब इनका स्वागत कीजिए.

यहां आपको ये भी बता दें कि महफूज आलम और मो. यूनुस की नियुक्ति आसपास ही की गई थी और जब तक यूनुस पद पर बने रहेंगे, तब तक आलम भी अपने पद पर बने रहेंगे. बीबीसी ने अपनी एक रिपोर्ट में महफूज आलम के बारे में लिखा है कि वह ढाका यूनिवर्सिटी में लॉ के स्टूडेंट रह चुके हैं. वहीं से उन्होंने आंदोलन की शुरुआत की थी.

जिस मंच से उसके बारे में मो. यूनुस ने सबको बताया, वहां पर उसके साथ एक लड़की भी मौजूद थी. वह कोट-पैंट और हिजाब पहने हुए थी. हालांकि, उसके बारे में और अधिक जानकारी उपलब्ध नहीं है.

बांग्लादेश की लेखिका तस्लीमा नसरीन ने महफूज आलम को लेकर सोशल मीडिया पर कहा कि वह हिज्बुत तहरीर नाम के एक संगठन से जुड़े रहे हैं और यह एक प्रतिबंधित आतंकी संगठन है. हालांकि, बीबीसी की रिपोर्ट में महफूज आलम का एक बयान भी प्रकाशित किया गया है, जिसमें उसने इन आरोपों का खंडन किया है. यूनाइटेट न्यूज ऑफ बांग्लादेश की एक रिपोर्ट का हवाला देकर बताया गया है कि आलम इस्लामी छात्र शिबिर से जुड़ा था, न कि हिज्बुत तहरीर से.

आपको बता दें कि पांच अगस्त को अचानक ही बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना को इस्तीफा देना पड़ गया और उन्होंने उसी दिन भारत में शरण ली. सेना प्रमुख ने बांग्लादेश की सत्ता की कमान संभाल ली. बाद में सेना ने अंतरिम सरकार का गठन किया और उसे चलाने की जिम्मेदारी मो. यूनुस को सौंपी.

शेख हसीना ने सत्ता में रहते हुए कई ऐसे कदम उठाए थे, जिसकी वजह से वहां के कट्टरपंथी ताकतों पर लगाम लग गई थी. लेकिन मो. यूनुस ने उनके फैसलों को पलट दिया. अब वहां पर जमाते इस्लामी का बोलबाला हो गया है. बीएनपी की मुखिया बेगम खालिदा जिया खुलकर भारत के खिलाफ बयान दे रही हैं.

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