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'पाकिस्तान में कानून है, लेकिन न्याय नहीं...' अंतरिम जमानत मिलने पर छलका इमरान खान की पत्नी का दर्द - JAILED FORMER PM IMRAN KHAN WIFE

बुशरा बीबी को अदालत ने 5,000 रुपये के जमानत बांड पर 7 फरवरी तक सभी 13 मामलों में अंतरिम जमानत दे दी है.

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (दाएं) अपनी पत्नी बुशरा बीबी के साथ
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (दाएं) अपनी पत्नी बुशरा बीबी के साथ (AFP)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 14, 2025, 7:22 PM IST

इस्लामाबाद:जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पत्नी बुशरा बीबी को मंगलवार को करीब 12 से अधिक मामलों में अंतरिम जमानत दे दी गई. उन्होंने अदालत से कहा कि उनका पाकिस्तान की न्याय प्रणाली पर से भरोसा उठ गया है. आतंकवाद निरोधी अदालत के न्यायाधीश ताहिर अब्बास सुप्रा ने डी-चौक विरोध प्रदर्शन से जुड़े 13 मामलों के अलावा, पिछले साल के विरोध प्रदर्शन के दौरान अर्धसैनिक रेंजरों की हत्या से जुड़े एक अन्य मामले में बुशरा को 7 फरवरी तक के लिए अंतरिम जमानत दे दी.

बीबी को उनके पति खान (72) और पार्टी के अन्य नेताओं के साथ पाकिस्तान दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) और अन्य धाराओं के तहत रमना पुलिस थाने में दर्ज एक एफआईआर में नामजद किया गया है. एफआईआर के अनुसार, खान ने पार्टी नेतृत्व, पत्नी बुशरा, खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री अली अमीन गंडापुर और अपनी बहन अलीमा खान को उन्हें जेल से रिहा करने के लिए हर संभव प्रयास करने और "इस उद्देश्य के लिए किसी को भी आग लगाने या किसी को मारने तक" की बात कही थी.

हमने अदालतों पर भरोसा खो दिया: बुशरा बीबी
पाकिस्तानी मीडिया ने बताया कि कार्यवाही के दौरान बुशरा से बातचीत करते हुए, न्यायाधीश ने कहा, "कुछ समय लगा है, लेकिन कानूनी प्रोटोकॉल का पालन किया गया है." बुशरा ने जवाब दिया, "यह कोई मुद्दा नहीं है, लेकिन हमने अदालतों पर भरोसा खो दिया है."

असहमत होते हुए, न्यायाधीश सुप्रा ने आश्वासन दिया, "यह हर जगह ऐसा नहीं है. न्याय प्रणाली, अपनी खामियों के बावजूद, काम कर रही है. अगर यह ध्वस्त हो जाती है तो समाज का अस्तित्व ही खत्म हो जाएगा. आप अन्य सुनवाई में भी मेरे सामने पेश हुए हैं."

बुशरा ने न्यायिक प्रक्रिया के बारे में अपनी चिंताओं को आगे बताते हुए, एक मुकदमे के दौरान एक घटना का जिक्र किया, जहां एक न्यायाधीश का रक्तचाप 200 तक बढ़ गया था, फिर भी उन्होंने उनके खिलाफ फैसला सुनाया.

उन्होंने कहा, "देश में कानून तो है, लेकिन न्याय नहीं है. पीटीआई संस्थापक को संविधान की सर्वोच्चता को बनाए रखने के लिए जेल में रखा गया है. हमने जो कुछ भी सहन किया है, उसने कानून में हमारे विश्वास को पूरी तरह से तोड़ दिया है." अदालत ने उन्हें 5,000 रुपये के जमानत बांड पर 7 फरवरी तक सभी 13 मामलों में अंतरिम जमानत दे दी है.

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