नई दिल्ली : इजराइली हमले में हिजबुल्लाह प्रमुख नसरल्लाह मारा गया. इजराइल ने इसे बड़ी कामयाबी बताया है. दूसरी ओर हिजबुल्लाह ने इस मौत का बदला लेने की बात कही है. हालांकि, हिजबुल्लाह प्रमुख पर जिस समय हमला किया गया, उससे थोड़ी देर पहले ही संयुक्त राष्ट्र में इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इसे संबोधित किया. उन्होंने यूएन, ईरान, सीरिया और लेबनान की जमकर आलोचना की.
यूएन में नेतन्याहू ने हमास द्वारा इजराइल पर किए गए हमलों से अपनी बात की शुरुआत की. उन्होंने कहा, "ये क्रूर हत्यारे न केवल हमें नष्ट करना चाहते हैं, बल्कि हमारी सभ्यता को भी नष्ट करना चाहते हैं और हम सबको आतंक के अंधेरे युग में लौटाना चाहता है. इस समय हमें मूसा की वो बातें याद आ रही हैं, जब उन्होंने कहा था कि हमारे कार्य यह निर्धारित करेंगे कि हम आने वाली पीढ़ियों को आशीर्वाद देंगे या अभिशाप."
हमने शांति के लिए किया था अब्राहम अकॉर्ड
नेतन्याहू ने कहा, "हमने मध्य पूर्व में शांति स्थापित करने के लिए बहुत बड़ा कदम उठाया था. सऊदी अरब के साथ अपने संबंधों को सामान्य करने की शुरुआत की थी, लेकिन ईरान समर्थित हमास ने सात अक्टूबर को जघन्य अपराध किया. हजारों की संख्या में ईरान समर्थित हमास आतंकी गाजा में घुस गए, और उन्होंने हमारे 1200 लोगों की निर्ममता से हत्या कर दी, वे लोग एक म्यूजिकल प्रोग्राम में शरीक होने आए थे. हमास के आतंकियों ने महिलाओं के साथ रेप किया, उनका गला काट दिया, पुरुषों को मारा, बच्चों को जला दिया, कइयों के पूरे परिवार खत्म हो गए. यह तो नाजी होलोकॉस्ट (यहूदियों का खात्मा) की याद दिला गया. हमास ने 251 लोगों का अपहरण कर लिया. हालांकि, इनमें से हमने 154 लोगों को छुड़ा लिया और हम वादा करते हैं कि बाकियों को वापस लाएंगे."
नेतन्याहू ने कहा, "हमला सिर्फ हमास ने ही नहीं किया, बल्कि हमने एक साथ सात फ्रंट पर दुश्मनों का सामना किया. हमास के हमले के बाद हिजबुल्लाह ने लेबनान की ओर से हमले शुरू कर दिए. इसके दो सप्ताह बाद ईरान समर्थित हूतियों ने हमले किए. सीरिया और ईराक में ईरान समर्थित संगठनों ने दर्जनों हमले किए. इसी तरह से जुडिया और समारिया के फिलिस्तीन आतंकियों ने हमला किया. यहां तक कि ईरान ने इजराइल की जमीन पर सीधे हमला कर दिया."
नेतन्याहू ने भारत को बताया द ब्लेसिंग
यूएन में नेतन्याहू ने दो मैप दिखाए. इनमें से उन्होंने एक समूह को द ब्लेसिंग बताया, जबकि दूसरे समूह को द कर्स कहा. द कर्स में जिस देशों को दर्शाया गया, उनमें ईरान, इराक, सीरिया, और यमन शामिल था. जबकि दूसरे मैप में भारत, सऊदी अरब, मिस्र और सूडान जैसे देशों को दिखाया.
उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य एशिया और यूरोप को जोड़कर एनर्जी सेक्टर में बड़ा काम करना है. लेकिन देखिए, ईरान ने कैसे हमारी योजनाओं को विफल करने का बीड़ा उठाया है. उनके अनुसार अगर ईरान को नहीं रोका गया, तो यह पूरे मध्य पूर्व में अतिवाद को बढ़ावा देगा. उन्होंने कहा कि ईरान बैलिस्टिक मिसाइल विकसित कर रहा है. वह परमाणु हथियार हासिल करने को लेकर आक्रामक रूख अपना रहा है. इसलिए इसे रोकना जरूरी है, अन्यथा पूरी दुनिया की सुरक्षा खतरे में पड़ जाएगी.