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बांग्लादेश के ढाका में इस्कॉन मंदिर में लगाई आग, मूर्तियों में तोड़फोड़ की गई - ISKCON TEMPLE SET AFIRE DHAKA

बांग्लादेश के ढाका जिले स्थित इस्कॉन मंदिर में कुछ लोगों ने शुक्रवार देर रात आग लगा दी.

Protests were held in India against the attack on temples and Hindus in Bangladesh
बांग्लादेश में मंदिर व हिंदुओं पर हमले के विरोध में भारत में प्रदर्शन किया गया (file photo-ANI)

By PTI

Published : Dec 7, 2024, 10:24 PM IST

ढाका/कोलकाता : बांग्लादेश के ढाका जिले स्थित अंतरराष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ (इस्कॉन) मंदिर में कुछ लोगों ने शुक्रवार देर रात आग लगा दी जबकि पड़ोसी देश स्थित इस्कॉन ने कहा कि यह एक भक्त का ‘‘पारिवारिक मंदिर’’ था. वहीं, संगठन के कोलकाता कार्यालय ने कहा, ‘‘इस्कॉन नमहट्टा केंद्र’’ को निशाना बनाया गया.

ढाका जिले के तुराग पुलिस थाने के अंतर्गत धौर गांव स्थित इस्कॉन नमहट्टा केंद्र पर शुक्रवार और शनिवार की दरमियानी रात हमला किया गया. तुराग पुलिस थाने के एक अधिकारी ने बताया कि अपराधियों की तलाश की जा रही है. बांग्लादेश में इस्कॉन के महासचिव चारु चंद्र दास ब्रह्मचारी ने बताया, ‘‘मंदिर की टीन की छत को उखाड़ने के बाद आग लगाई गई. हालांकि आग पर जल्द ही काबू पा लिया गया, लेकिन एक मूर्ति क्षतिग्रस्त हो गई और पर्दे जल गए.’’

वहीं दूसरी ओर, कोलकाता स्थित इस्कॉन के उपाध्यक्ष राधारमण दास ने बताया, ‘‘अराजक तत्वों ने नमहट्टा संपत्ति में मंदिर के अंदर स्थापित मूर्तियों में आग लगा दी.’’

उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘बांग्लादेश में इस्कॉन नमहट्टा केंद्र को जला दिया गया. श्री श्री लक्ष्मी नारायण की मूर्तियां और मंदिर के अंदर की सभी वस्तुएं पूरी तरह जल गई हैं. यह केंद्र ढाका में स्थित है. बदमाशों ने शुक्रवार और शनिवार की दरमियानी रात 2-3 बजे श्री श्री राधा कृष्ण मंदिर और श्री श्री महाभाग्य लक्ष्मी नारायण मंदिर में आग लगा दी. ये मंदिर ढाका जिले के तुराग पुलिस थाने के अंतर्गत धौर गांव स्थित हरे कृष्ण नमहट्टा संघ के अधिकार क्षेत्र में आते हैं.’’

दास ने एक पोस्ट में मंदिर का पता बताते हुए कहा, ‘‘मंदिर के पीछे टीन की छत को उठाकर पेट्रोल या ऑक्टेन का इस्तेमाल करके आग लगाई गई.’’ बांग्लादेश में पांच अगस्त को छात्रों के नेतृत्व में हुए प्रदर्शन के बाद जब अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना भारत आ गईं थी और इसके बाद मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के देश की बागडोर संभाले जाने के बाद से भारत और पड़ोसी देश के संबंध तनावपूर्ण हो गए हैं.

बांग्लादेश में हाल के सप्ताहों में हिंदुओं पर लगातार हो रहे हमलों और इस्कॉन (बांग्लादेश) के पूर्व सदस्य तथा हिंदू संत चिन्मय कृष्ण दास को गिरफ्तार किए जाने से दोनों देशों के संबंध और भी खराब हो गए हैं. वह वर्तमान में ‘बांग्लादेश सम्मिलिता सनातनी जागरण जोते’ संगठन के प्रवक्ता हैं.

इस्कॉन कोलकाता के उपाध्यक्ष ने हिंदू संत चिन्मय कृष्ण दास की जमानत याचिका खारिज होने और हिंसक हमलों के बाद उनकी सुरक्षा को लेकर भी चिंता जाहिर की है. बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों के खिलाफ भारत में भी प्रदर्शन किए जा रहे हैं. बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने हाल ही में भारत के राजदूत को तलब किया और अगरतला स्थित बांग्लादेश सहायक उच्चायोग पर कुछ प्रदर्शनकारियों द्वारा धावा बोले जाने का विरोध जताया.

इस बीच, असम के बराक वैली होटल एवं रेस्तरां एसोसिएशन ने घोषणा की कि पड़ोसी देश में जब तक हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों पर हमलों को नहीं रोका जाएगा तब तक यहां किसी भी बांग्लादेशी को ठहरने नहीं दिया जाएगा.

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