न्यूयॉर्क : भारतीय मूल का अमेरिकी परिवार उस महिला के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने पर विचार कर रहा है जिसने एयरलाइन शटल बस में उन पर नस्ली टिप्पणियां की थीं. उन्होंने कहा कि उनकी पीढ़ी उनके माता-पिता की पीढ़ी से भिन्न है और वे सिर झुकाकर चुप नहीं बैठेंगे. यह घटना नवंबर में यूनाइटेड एयरलाइंस की शटल बस में तब घटी थी, जब 50 वर्षीय फोटोग्राफर परवेज तौफीक अपनी पत्नी और तीन बच्चों के साथ मैक्सिको से लॉस एंजिलिस जा रहे थे.
तौफीक ने परिवार के साथ हुई घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया मंच पर साझा किया है. इसमें महिला उन्हें नस्लीय गाली देती हुई, अपशब्दों का इस्तेमाल करते और अपमानजनक इशारे करती हुई दिखाई दे रही है. महिला कहती है, ‘‘तुम्हारा परिवार भारत से है, तुम्हारा कोई मान-सम्मान नहीं है. तुम्हारे लिये कोई नियम नहीं है.’’
पेशे से फोटोग्राफर तौफीक ने रविवार को ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए गए एक साक्षात्कार में उस दिन को याद किया जब बस में एक व्यक्ति को छोड़कर कोई अन्य परिवार के समर्थन में नहीं आया. उन्होंने कहा, ‘‘यह बहुत दुखद था कि कोई भी नहीं था....’’
उन्होंने कहा, लेकिन वीडियो व्यापक रूप से प्रसारित होने के बाद सोशल मीडिया पर और उसके बाहर भी उन्हें और उनके परिवार को समर्थन मिल रहा है जिसके वे आभारी हैं. तौफीक ने कहा, “निश्चित रूप से, कुछ लोग होंगे जो नफरत फैलाना चाहते हैं, जो विभाजन फैलाना चाहते हैं. लेकिन मुझे लगता है कि वास्तव में उनकी संख्या बहुत कम है और हम उनसे ज्यादा हैं.’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमारी सोच यह है कि हमें उक्त महिला को अदालत में जवाबदेह ठहराना चाहिए. दुर्भाग्य से, यूनाइटेड फ्लाइट हमारी किसी भी तरह से मदद नहीं कर पायी.” तौफीक ने कहा कि महिला की ओर से कोई जवाबदेही या आत्मचिंतन की भावना नहीं दिखी.
उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘हम मुकदमा दर्ज कराने जा रहे हैं. हम इसे आगे बढ़ाने पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं. हमारे पास कानूनी लोग हैं जिनसे हमने सलाह ली है और हमें बताया गया है कि यह एक समझदारी भरा कदम होगा और इसे यूं ही खत्म नहीं होने देना चाहिए.’’
तौफीक ने कहा, ‘‘हमारी पीढ़ी मेरे माता-पिता की पीढ़ी से बहुत अलग है. मुझे लगता है कि मेरे माता-पिता के समय में, जब ऐसी चीजें होती थी तो वे अपना सिर झुका लेते थे, चुप रहते थे. मुझे लगता है कि वह समय खत्म हो गया है. यह हमारी पीढ़ी पर निर्भर करता है कि वह वास्तव में सुनिश्चित करे कि यह ऐसी चीज नहीं है जिसे आप बिना किसी परिणाम के कर सकते हैं.’’
उन्होंने कहा कि शुरू में महिला की पहचान नहीं हो पाई थी जिसकी वजह से उसके खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई करना मुश्किल हो गया था. तौफीक ने कहा कि महिला के परिवार ने अब उनसे संपर्क किया है. उन्होंने कहा, “अब उसका अपना परिवार और उसके दोस्त हमारे पास आए हैं, हमसे संपर्क किया है और कहा है कि ‘हम आपसे माफी मांगना चाहते हैं’... हमें उसका नाम आपके साथ साझा करना है, और हमें आपको बताना है कि क्या हो रहा है. जाहिर है कि यह हमारे लिए बहुत बड़ी बात थी.”
तौफीक को जानकारी मिली, ‘‘उस महिला की यह उसके गृहनगर में एक आदत है और लोग जानते हैं कि वह इस प्रकार की चीजें करती है. उसका व्यवहार ही ऐसा है, यहां तक कि उसके मित्र और परिवार के आधे लोग भी अब इस वजह से उससे बात नहीं करते हैं.’’ उन्होंने बताया कि महिला की पहचान अरलीन कोन्सुएला के रूप में की गई है और यह ‘‘विडंबना ही है’’ कि उसका नाम मैक्सिकन मूल का है.
फोटोग्राफर ने कहा, ‘‘ तो, एक आप्रवासी मूलतः दूसरे आप्रवासी को बता रहा है कि वे अमेरिकी नहीं हैं.’’ तौफीक ने बताया कि उनका 11 वर्षीय बड़ा बेटा बिजनेस क्लास में उस महिला के बगल में बैठा था, जो उससे पूछ रही थी कि क्या उसका परिवार भारत से है. बस में, उसने छोटे बच्चों को ‘चुप रहने’ के लिए भी कहा क्योंकि वे टर्मिनल पर अन्य विमानों के बारे में उत्साह से बात कर रहे थे. महिला ने एक समाचार संस्था को दिए गए साक्षात्कार में इस तरह के व्यवहार के लिए दिमाग में लगी चोट को जिम्मेदार ठहराया. तौफीक ने कहा कि दिमाग में चोट लगने से बोलने में बाधा आ सकती है ‘‘लेकिन वे निश्चित रूप से आपको नस्लवादी नहीं बनाती हैं’’.
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