दिल्ली

delhi

ETV Bharat / international

सत्ता जाने के बाद शेख हसीना ने तोड़ी चुप्पी, अमेरिका पर लगाया बड़ा आरोप, अंतरिम सरकार को किया आगाह - Sheikh Hasina

Sheikh Hasina accuses US after ouster: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अमेरिका पर उन्हें सत्ता से हटान का आरोप लगाया है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार हसीना ने अवामी लीग के समर्थकों के नाम एक संदेश में कहा है कि अगर वह सेंट मार्टिन द्वीप का नियंत्रण अमेरिका को सौंप देती तो सत्ता में बनी रह सकती थीं.

Sheikh Hasina accuses US after ouster
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना (ANI)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 11, 2024, 4:47 PM IST

नई दिल्ली: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना फिलहाल भारत में हैं. बांग्लादेश में हिंसक विरोध प्रदर्शन के कारण देश छोड़ने के बाद हसीना ने पहली बार चुप्पी तोड़ी है और अमेरिका पर उन्हें सत्ता से बेदखल करने का आरोप लगाया है.

'द प्रिंट' की रिपोर्ट के अनुसार शेख हसीना ने अपनी पार्टी अवामी लीग के समर्थकों के नाम एक संदेश में कहा है, "अगर मैंने सेंट मार्टिन द्वीप और बंगाल की खाड़ी को अमेरिका के भरोसे छोड़ दिया होता तो मैं सत्ता में बनी रह सकती थी."

गौरतलब है कि कई वर्षों तक हसीना की सरकार के अमेरिका के साथ तनावपूर्ण संबंध रहे हैं. इस साल जनवरी में हुआ आम चुनावो से पहले उन्होंने कहा था कि 'एक श्वेत व्यक्ति' ने उन्हें एयरबेस के बदले में सत्ता में वापसी का प्रस्ताव दिया था. बांग्लादेश के इतिहास में सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री रहने वालीं हसीना ने अपने बयान में देश की नई अंतरिम सरकार को आगाह किया और ऐसी विदेशी ताकतों द्वारा इस्तेमाल होने से बचने को कहा है.

हसीना ने अपने बयान में कहा, "मैंने इसलिए इस्तीफा दिया ताकि मुझे शवों का जुलूस न देखना पड़े. वे आपके (छात्रों के) शवों पर सत्ता में आना चाहते थे, मैंने ऐसा नहीं होने दिया. मैं सत्ता के साथ आई थी." उन्होंने कहा, "शायद अगर मैं आज देश में होती, तो और अधिक लोगों की जान चली जाती, और अधिक संपत्ति नष्ट हो जाती."

'मैं जल्द ही वापस आऊंगी'
अपने समर्थकों और पार्टी कार्यकर्ताओं को दिए संदेश में शेख हसीना ने देश लौटने की कसम खाई. उन्होंने कहा, "मैं जल्द ही वापस आऊंगी इंशाअल्लाह. हार मेरी है, लेकिन जीत बांग्लादेश के लोगों की है." उन्होंने कहा, "मैं खुद पीछे हट गई. आप मेरी ताकत थे, आप मुझे नहीं चाहते थे, फिर मैंने खुद इस्तीफा दे दिया. मेरे कार्यकर्ताओं का मनोबल नहीं गिरेगा. अवामी लीग बार-बार खड़ी हुई है."

मैंने छात्रों को कभी रजाकार नहीं कहा...
पूर्व प्रधानमंत्री ने उनके शब्दों को तोड़-मरोड़ कर पेश करने का भी आरोप लगाया. उन्होंने संदेश में कहा, "मैं अपने युवा छात्रों से फिर कहना चाहती हूं कि मैंने आपको कभी रजाकार नहीं कहा...मेरे शब्दों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है. एक समूह ने आपके खतरे का फायदा उठाया है."

बांग्लादेश में 'रजाकार' शब्द को अपमानजनक माना जाता है क्योंकि यह उन 'स्वयंसेवकों' के लिए इस्तेमाल किया जाता है जिन्होंने 1971 में बांग्लादेश स्वतंत्रता संग्राम के दौरान पाकिस्तानी सेना के साथ सहयोग किया था.

मोहम्मद यूनुस के अमेरिका के साथ अच्छे संबंध!
आरक्षण व्यवस्था को लेकर हसीना सरकार के खिलाफ कई हफ्तों तक चले छात्रों के विरोध प्रदर्शनों में 300 से अधिक लोग मारे गए थे. अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा और अन्य देशों ने छात्रों की मौतों की जांच की मांग की है. अमेरिका ने नई अंतरिम सरकार को लेकर उम्मीद है कि वह बांग्लादेश में लोकतांत्रिक भविष्य की रूपरेखा बनाएगी. माना जाता है कि अंतरिम सरकार का नेतृत्व कर रहे नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस के अमेरिका के साथ अच्छे संबंध हैं. अमेरिका बांग्लादेश में सबसे बड़ा प्रत्यक्ष विदेशी निवेशक भी है.

यह भी पढ़ें-बांग्लादेश के हालात क्या सुधार पाएंगे डॉ.यूनुस? अंतरिम सरकार की क्षमता पर बोले हसीना के बेटे साजीब

ABOUT THE AUTHOR

...view details