ढाका: बांग्लादेश में पूर्व पीएम शेख हसीना की सरकार गिरने के बाद अल्पसंख्यक हिंदुओं के घरों, व्यावसाय और मंदिरों को निशाना बनाया है और उनपर हमले किए गए. लक्षित हमलों के खिलाफ हिंदू समुदाय के सदस्य पिछले कुछ दिनों से सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन कर रहे हैं और अपने लिए सुरक्षा व न्याय की मांग कर रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, हिंदू समुदाय के सदस्यों ने मंगलवार को ढाका में जमुना स्टेट गेस्ट हाउस के बाहर विरोध प्रदर्शन किया, जहां बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस रह रहे हैं.
प्रदर्शनकारी अपने हाथों में हिंसा की घटनाओं के दौरान लापता हुए अपने परिवार के सदस्यों के पोस्टर पकड़े हुए हैं. इस दौरान सेना के जवानों और अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के सदस्यों के बीच मामूली झड़प हो गई.
इससे पहले, अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने हिंदुओं पर हो रहे हमलों के बीच बांग्लादेश की राजधानी ढाका में ढाकेश्वरी मंदिर का दौरा किया. डेली स्टार की रिपोर्ट के अनुसार, मंगलवार को ढाकेश्वरी मंदिर पहुंचने के बाद यूनुस ने बांग्लादेश पूजा उडजापान परिषद और महानगर सर्बजनिन पूजा समिति के नेताओं के साथ मंदिर प्रबंधन बोर्ड के पदाधिकारियों और श्रद्धालुओं से मुलाकात की. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार नोबेल पुरस्कार विजेता यूनुस ने इस अवसर पर कहा कि बांग्लादेश के सभी नागरिगों के लिए अधिकार समान हैं और हम सभी एक हैं. उन्होंने लोगों से अपील की कि देश के लोगों के बीच कोई भेदभाव न करें. सरकार की सहायता करें. अगर हम (अंतरिम सरकार) असफल होते हैं तो हमारी आलोचना करें.
बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदाय हिंदुओं पर हमले
बता दें कि बीते 5 अगस्त को तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफा देने और देश छोड़ने के बाद बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदाय हिंदुओं पर हमले हो रहे हैं. पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई एकता परिषद और बांग्लादेश पूजा उडजापान परिषद ने दावा किया कि हसीना सरकार के गिरने के बाद से 52 जिलों में अल्पसंख्यकों पर हमलों की 205 घटनाएं हुई हैं. इन हमलों के विरोध में हजारों हिंदुओं ने पिछले सप्ताह ढाका और चटगांव में प्रदर्शन किया था और अपने मंदिरों, घरों और व्यवसायों की सुरक्षा की मांग की थी. बीते शनिवार को ढाका के शाहबाग में हिंदू प्रदर्शनकारियों ने तीन घंटे से अधिक समय तक यातायात बाधित किया था.
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