हैदराबाद :अफगानिस्तान के सीमावर्ती क्षेत्रों में सोमवार को पाकिस्तान के हवाई हमले ने दक्षिण एशिया में तनाव बढ़ा दिया है. हमले में कथित तौर पर तीन बच्चे और सहित आठ नागरिक मारे गए. पाकिस्तान ने इसके बाद घोषणा की है कि सुरक्षा बलों ने उस सुबह अफगानिस्तान में स्थित आतंकवादियों के खिलाफ आतंकवाद विरोधी अभियान चलाया था. ये हमले पाकिस्तान के उत्तरी वज़ीरिस्तान में एक सैन्य चौकी पर हुए हमले के बाद हुए, जिसमें सात सैनिक मारे गए थे.
पाकिस्तान के आधिकारिक सरकारी बयान में कहा गया है कि 'आतंकवादी' देश के लिए बड़ा खतरा पैदा करते हैं. आरोप लगाया कि 'उन्होंने पाकिस्तानी क्षेत्र के अंदर आतंकवादी हमले शुरू करने के लिए लगातार अफगान क्षेत्र का इस्तेमाल किया है.'
टीटीपी के हमले के जवाब में कार्रवाई : दरअसल पिछले सप्ताह खैबर पख्तूनख्वा के मीर अली क्षेत्र में पाकिस्तानी सैनिकों पर हमला हुआ था. हमले में एक लेफ्टिनेंट कर्नल और एक कैप्टन सहित सात सैनिक मारे गए थे. तब पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने कहा था कि 'पाकिस्तान ने तय किया है कि जो कोई भी हमारी सीमा, घर या देश में घुसकर आतंक करेगा, हम उसे कड़ा जवाब देंगे, चाहे वह कोई भी हो या किसी भी देश का हो.' हमले का आरोप टीटीपी पर है, जिसे पाकिस्तान तालिबान के नाम से भी जाना जाता है. मीडिया रिपोर्ट है कि टीटीपी कमांडर अब्दुल्ला शाह पाकिस्तानी हवाई हमलों में मारा गया.
अफगानिस्तान ने चेताया : अफगानिस्तान के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि उसके सीमा बलों ने हवाई हमलों के जवाब में विवादित सीमा पर पाकिस्तान के सैन्य बिंदुओं को 'भारी हथियारों' से निशाना बनाकर जवाबी कार्रवाई की. प्रवक्ता इनायतुल्ला ख्वारिज्मी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर कहा, 'देश का सुरक्षा बल किसी भी आक्रामक कार्रवाई का जवाब देने के लिए तैयार है, हर कीमत पर अपनी क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करेंगे.'
अफगानिस्तान की ओर से कहा गया कि 'तालिबान सरकार इन हमलों की कड़ी निंदा करती है और इस लापरवाह कार्रवाई को अफगानिस्तान की संप्रभुता का उल्लंघन बताती है. ऐसी घटनाओं के बहुत बुरे परिणाम हो सकते हैं जो पाकिस्तान के नियंत्रण से बाहर होंगे.'