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भारत : कैंसर के 2022 में 16 लाख नये मामले, 9 लाख लोगों की हुई मौत - Population Based Cancer Registries

World Cancer Day 2024 : हृदय संबंधी रोगों के बाद कैंसर के मामले भारत में तेजी से बढ़ रहे हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार ग्लोबल कैंसर डाटा 2022 के अनुसार भारत में कैंसर से 916827 लोगों की मौतें दर्ज की गई. पढ़ें पूरी खबर...

World Cancer Day 2024
World Cancer Day 2024

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Feb 3, 2024, 6:35 PM IST

हैदराबाद :कैंसर धरती पर सबसे खतरनाक बीमारियों में से एक है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार 2022 में दुनिया भर में 97 लाख लोग कैंसर से मारे गये. अनुमानों के मुताबिक 9 में से 1 पुरुष और 12 में से 1 महिला इस बीमारी से अपनी जान गंवा देती हैं. वहीं, 5 में से 1 व्यक्ति को अपने जीवनकाल में कैंसर का सामना करना पड़ता है. वहीं अकेले भारत में 9 लाख से ज्यादा लोगों की मौत इस दौरान हो गई.

भारत सरकार के डेटा के अनुसार 2018-2020 के बीच 40 लाख नये लोगों में कैंसर के मामले पाये गये थे. वहीं इस दौरान 22.54 लाख लोगों की मौत हो गई. वैश्निक स्तर पर कैंसर के खतरे, इससे बचाव, जांच व अन्य पक्षों के बारे में लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से हर साल 4 फरवरी को विश्व कैंसर दिवस मनाया जाता है.

2022 में विश्व स्तर पर कैंसर के मामले

  1. वैश्विक स्तर पर कैंसर के नये मामलों की पहचान - 18730452
  2. वैश्विक स्तर पर कैंसर से हुई कुल मौतें- 9667039
    ग्लोबल कैंसर डाटा 2022

विश्व में पांच सबसे आम कैंसर के प्रकार

  1. स्तन कैंसर (Breast Cancer)
  2. प्रोस्टेट कैंसर (Prostate Cancer)
  3. गर्भाशय का कैंसर (Uteri Cancer)
  4. फेफड़े का कैंसर (Lung Cancer)
  5. कोलोरेक्टल कैंसर (Colorectal Cancer)

2022 में भारत में कैंसर के मामले

  1. भारत में कैंसर के नये मामलों की पहचान - 1413316
    ग्लोबल कैंसर डाटा 2022
  2. भारत में कैंसर से हुई कुल मौतें- 916827

भारत में पांच सबसे आम कैंसर के प्रकार

  1. फेफड़े का कैंसर (Lung Cancer)
  2. कोलोरेक्टल कैंसर (Colorectal Cancer)
  3. लीवर कैंसर (Liver Cancer)
  4. स्तन कैंसर (Breast Cancer)
  5. आमाशय का कैंसर (Stomach Cancer
ग्लोबल कैंसर डाटा 2022
ग्लोबल कैंसर डाटा 2022

विश्व कैंसर दिवस का इतिहास
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार कैंसर दुनिया भर में मृत्यु के प्रमुख कारणों में से एक है. यूनियन फॉर इंटरनेशनल कैंसर कंट्रोल (यूआईसीसी) की स्थापना 1993 में की गई थी. जिनेवा में स्थित, चिकित्सा अनुसंधान आधारित यह एक सदस्यता-आधारित सोसायटी है जो दुनिया भर में कैंसर के उन्मूलन और प्रगति की दिशा में काम कर रही है. इसके निर्देशन में उसी साल स्विट्जरलैंड के जिनेवा में पहला अंतरराष्ट्रीय कैंसर दिवस मनाया गया था. कई प्रमुख संगठनों, कैंसर सोसायटी और उपचार केंद्रों ने भी इस पहल का समर्थन किया गया.

विश्व कैंसर दिवस को 2000 में कैंसर के खिलाफ पहले विश्व शिखर सम्मेलन में आधिकारिक बनाया गया था. यह कार्यक्रम पेरिस में हुआ और इसमें दुनिया भर के कैंसर संगठनों के सदस्यों और प्रमुख सरकारी नेताओं ने भाग लिया. 10 Articles वाले चार्टर ऑफ पेरिस अगेंस्ट कैंसर शीर्षक वाले एक दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए गए, जिसमें कैंसर रोगियों के जीवन की सुविधा और गुणवत्ता में सुधार के लिए वैश्विक प्रतिबद्धता को रेखांकित किया गया है. कैंसर के अनुसंधान, रोकथाम और उपचार में प्रगति और बढ़े हुए निवेश पर भी प्रकाश डाला गया. इस चार्टर के Articles X में आधिकारिक तौर पर 4 फरवरी को विश्व कैंसर दिवस मनाए जाने की घोषणा की गई.

एनएचएफएस-5

विश्व कैंसर दिवस की थीम
विश्व कैंसर दिवस हर साल 4 फरवरी को मनाया जाता है. 2024 में 24वीं बार'क्लोज द केयर गैप'थीम के तहत आयोजित किया जाएगा. वैश्विक स्तर पर जागरूकता बढ़ाने, शिक्षा में सुधार और व्यक्तिगत, सामूहिक और सरकारी कार्रवाई को बढ़ावा देने के लिए अंतरराष्ट्रीय पहल की शुरुआत यूनियन फॉर इंटरनेशनल कैंसर कंट्रोल (Union For International Cancer Control-UICC) की ओर से की गई थी. संस्था का मक्सद लाखों रोकथाम योग्य कैंसर से होने वाली मौतों को बचाना और दुनिया भर के लोगों को जीवन रक्षक उपचार, देखभाल और रोकथाम तक पहुंच उपलब्ध कराने के लिए पहल करना है.

ग्लोबल कैंसर डाटा 2022

कैंसर मरीजों की संख्या वाले भारत के शीर्ष राज्य

  1. केरल
  2. मिजोरम
  3. हरियाणा
  4. दिल्ली
  5. कर्नाटक
  6. गोवा
  7. हिमाचल प्रदेश
  8. उत्तराखंड
  9. असम
  10. पंजाब

कैंसर से बचना है तो इन बातों का दें ध्यान

  1. नियमित रूप से व्यायाम करें
  2. अपने वजन को नियंत्रित करें.
  3. सुरक्षित यौन व्यवहार अपनाएं.
  4. शराब का सेवन या नशा करने से बचें.
  5. सिगरेट व धुआं रहित तंबाकू का सेवन ना करें.
  6. एचपीवी और हेपेटाइटिस बी का टीकाकरण करवाएं.
  7. नियमित रूप से स्वास्थ्य जांच और कैंसर की जांच कराएं.
  8. कैंसर से संबंधित चेतावनी संकेतों का आभास होने पर तुरंत जांच कराएं.
  9. ज्ञात पर्यावरणीय कार्सिनोजेन्स (कैंसर पैदा करने वाले कारक) के संपर्क में आने से बचें/सीमित करें.
  10. साबुत अनाज, हरी-पत्तेदार सब्जियां, फलियां, मेवे और फल नियमित रूप से भोजन में शामिल करें.

कैंसर से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य

  1. कैंसर के 200 से अधिक प्रकार और उपप्रकार हैं.
  2. 'कैंसर' शब्द लैटिन भाषा के क्रैब (Crab) शब्द से आया है.
  3. कैंसर का वर्णन सबसे पहले प्राचीन मिस्रवासियों की ओर से किया गया था.
  4. महिलाओं के लिए 3 सबसे आम कैंसर स्तन, फेफड़े और कोलोरेक्टल हैं.
  5. पुरुषों में पाए जाने वाले सबसे आम प्रोस्टेट, फेफड़े और कोलोरेक्टल कैंसर हैं.
  6. कैंसरों के आधे से अधिक मामलों में असमय मौत को रोका जा सकता है.
  7. ऑस्ट्रेलिया में प्रति 100,000 लोगों पर 452.4 मामलों के साथ विश्व की उच्चतम आयु-मानकीकृत कैंसर दर है.
  8. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार आयु-समायोजित कैंसर दर सबसे कम नाइजर में है, जहां प्रति 100,000 व्यक्तियों पर केवल 78.4 मामले हैं.
  9. धूम्रपान के कारण फेफड़ों के कैंसर के मामलों की तुलना में इनडोर टैनिंग के कारण लंग कैंसर के मामले अधिक हैं.
  10. द लैंसेट रीजनल हेल्थ साउथईस्ट एशिया जर्नल में प्रकाशित एक नए अध्ययन के अनुसार, भारत में 2019 में लगभग 12 लाख नए कैंसर के मामले और 9.3 लाख मौतें दर्ज की गईं, जिससे यह उस वर्ष एशिया में बीमारी के बोझ में दूसरा सबसे बड़ा योगदानकर्ता बन गया.

क्या है जनसंख्या आधारित कैंसर रजिस्ट्रियां
कैंसर के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. ऐसे में कैंसर के मामलों की भयावहता, आयु-वर्ग, आय-वर्ग, पीड़ितों का भौगोलिक इलाका, समाज और परिवार पर पड़ने वाले बोझ सहित अन्य के संबंध में अध्ययन के उद्देश्य से डेटा संग्रह के 1981 में पहल की गई. इसके तहत भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) की मदद से जनसंख्या आधारित कैंसर रजिस्ट्रियां (Population Based Cancer Registries-PBCR) का प्रावधान किया गया.

चेन्नई, बेंगलुरु और मुंबई में तीन जनसंख्या आधारित कैंसर रजिस्ट्री (पीबीसीआर) ने जनवरी 1982 से काम करना शुरू कर दिया . चंडीगढ़, डिब्रूगढ़ और तिरुवनंतपुरम में तीन अस्पताल आधारित कैंसर रजिस्ट्री (एचबीसीआर) एक ही वर्ष में शुरू की गईं. पीबीसीआर सरकारी अस्पतालों, निजी अस्पतालों, नर्सिंग होम, क्लीनिक, डायग्नोस्टिक लैब, इमेजिंग सेंटर, धर्मशालाओं और जन्म और मृत्यु के रजिस्ट्रार जैसे पंजीकरण के कई स्रोतों (एसओआर) से एक अच्छी तरह से परिभाषित आबादी में होने वाले कैंसर के सभी नए मामलों पर व्यवस्थित रूप से डेटा एकत्र करते हैं.

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