रांची: ब्रेन ट्यूमर को लेकर झारखंड में कई जागरूकता कार्यक्रम चलाए गए हैं. हालांकि, फिर भी लोगों में इस बीमारी को लेकर जागरूकता की कमी है. इसे लेकर रिम्स के न्यूरो सर्जन विभाग के न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. सुरेंद्र प्रसाद कहते हैं कि आज भी झारखंड में लोग ब्रेन ट्यूमर के प्रति जागरूक नहीं हैं. लोग सिर दर्द, उल्टी, बेहोशी की समस्या को छिपाते हैं, जबकि ये सभी ब्रेन ट्यूमर के प्राथमिक लक्षण हैं.
उन्होंने बताया कि मरीज ऐसी छोटी-छोटी समस्याओं को लंबे समय तक नजरअंदाज करते रहते हैं और जब ब्रेन ट्यूमर गंभीर रूप ले लेता है तो वे अस्पताल पहुंचते हैं, ऐसी स्थिति में कई बार मरीज की मौत भी हो जाती है. झारखंड के मरीजों से अपील करते हुए उन्होंने कहा कि लोगों को ब्रेन ट्यूमर की समस्या का एहसास होते ही समय पर अस्पताल पहुंचें, ताकि उनका उचित इलाज हो सके.
डॉ. सुरेंद्र प्रसाद ने बताया कि ब्रेन ट्यूमर दो प्रकार का होता है, साधारण और गंभीर. अगर ब्रेन में ट्यूमर विकसित हो जाता है तो समय रहते उसका उचित इलाज हो सकता है. मरीज को घबराने की जरूरत नहीं है. लेकिन अगर कैंसर शरीर के किसी दूसरे हिस्से में विकसित हो और फिर वह कैंसर धीरे-धीरे मस्तिष्क तक पहुंच जाए तो यह मरीज के लिए काफी खतरनाक हो सकता है. इसलिए ब्रेन ट्यूमर की शुरुआती समस्या होते ही मरीज को तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए और ऑपरेशन करवाकर ब्रेन ट्यूमर से खुद को बचाना चाहिए.