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इन लक्षणों को हल्के में न लें, आप हो सकते हैं ब्रेन ट्यूमर के शिकार, तुरंत जाएं डॉक्टर के पास - Symptoms of brain tumor

Symptoms of brain tumor. ब्रेन ट्यूमर आज लोगों के लिए बड़ी गंभीर समस्या बनती जा रही है. लोगों के बीच इसे लेकर जागरूकता का अभाव है. डॉक्टरों का कहना है कि अगर समय रहते ही मरीज डॉक्टर के पास पहुंचे तो इसका इलाज संभव है.

Symptoms of brain tumor
कॉन्सेप्ट इमेज (ईटीवी भारत)

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jun 9, 2024, 7:47 AM IST

रांची: ब्रेन ट्यूमर को लेकर झारखंड में कई जागरूकता कार्यक्रम चलाए गए हैं. हालांकि, फिर भी लोगों में इस बीमारी को लेकर जागरूकता की कमी है. इसे लेकर रिम्स के न्यूरो सर्जन विभाग के न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. सुरेंद्र प्रसाद कहते हैं कि आज भी झारखंड में लोग ब्रेन ट्यूमर के प्रति जागरूक नहीं हैं. लोग सिर दर्द, उल्टी, बेहोशी की समस्या को छिपाते हैं, जबकि ये सभी ब्रेन ट्यूमर के प्राथमिक लक्षण हैं.

ब्रेन ट्यूमर के लक्षण और उपचार (ईटीवी भारत)

उन्होंने बताया कि मरीज ऐसी छोटी-छोटी समस्याओं को लंबे समय तक नजरअंदाज करते रहते हैं और जब ब्रेन ट्यूमर गंभीर रूप ले लेता है तो वे अस्पताल पहुंचते हैं, ऐसी स्थिति में कई बार मरीज की मौत भी हो जाती है. झारखंड के मरीजों से अपील करते हुए उन्होंने कहा कि लोगों को ब्रेन ट्यूमर की समस्या का एहसास होते ही समय पर अस्पताल पहुंचें, ताकि उनका उचित इलाज हो सके.

डॉ. सुरेंद्र प्रसाद ने बताया कि ब्रेन ट्यूमर दो प्रकार का होता है, साधारण और गंभीर. अगर ब्रेन में ट्यूमर विकसित हो जाता है तो समय रहते उसका उचित इलाज हो सकता है. मरीज को घबराने की जरूरत नहीं है. लेकिन अगर कैंसर शरीर के किसी दूसरे हिस्से में विकसित हो और फिर वह कैंसर धीरे-धीरे मस्तिष्क तक पहुंच जाए तो यह मरीज के लिए काफी खतरनाक हो सकता है. इसलिए ब्रेन ट्यूमर की शुरुआती समस्या होते ही मरीज को तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए और ऑपरेशन करवाकर ब्रेन ट्यूमर से खुद को बचाना चाहिए.

दूसरी ओर झारखंड में ब्रेन ट्यूमर के इलाज की व्यवस्था के बारे में कैंसर विभाग के विशेषज्ञ डॉ रोहित झा कहते हैं कि झारखंड में ब्रेन ट्यूमर के मरीज लगातार बढ़ रहे हैं. ब्रेन ट्यूमर के इलाज के कई तरीके हैं. जैसे साधारण ट्यूमर में ऑपरेशन ही सबसे बेहतर उपाय है. अगर मरीज गंभीर ब्रेन ट्यूमर से पीड़ित है तो उसका इलाज रेडियोथेरेपी और कीमोथेरेपी के जरिए किया जाता है. ये व्यवस्थाएं रिम्स और राज्य के कई निजी अस्पतालों में मौजूद हैं. लेकिन ब्रेन ट्यूमर से बचने के लिए सबसे पहले मरीज को सतर्क और जागरूक होने की जरूरत है ताकि वह समय पर पहुंचकर अपना इलाज करवाकर अपनी जान बचा सके.

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