दिल्ली

delhi

चिकन खाते हैं तो हो जाएं सावधान, बना रहता है इस बीमारी का खतरा - Raw chicken side effects

By IANS

Published : Jul 16, 2024, 2:18 PM IST

Updated : Jul 17, 2024, 10:06 AM IST

Salmonella poisoning : शोधकर्ताओं ने जोर देकर कहा कि उपभोक्ताओं को पोल्ट्री तैयार करते समय खाद्य सुरक्षा दिशा-निर्देशों का पालन करना चाहिए. बेसलाइन गणना से यह अनुमान लगाया गया कि प्रति वन मिलियन चिकन सर्विंग में लगभग दो सालमोनेलोसिस के मामले पाए जाते हैं.

RAW CHICKEN SIDE EFFECTS
कच्चे चिकन लोगों में साल्मोनेला संक्रमण का खतरा (IANS)

नई दिल्ली : अगर आप चिकन खाने के शौकीन हैं तो यह खबर आपके लिए है. एक रिसर्च में यह बात सामने आई है कि कच्चे चिकन से लोगों में साल्मोनेला संक्रमण का खतरा बना रहता है, इसमें विषैले तत्वों की मात्रा बहुत अधिक होती है.

अमेरिका के इलिनॉय अर्बाना-शैंपेन विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने इस प्रकार के उच्च जोखिम वाले दूषित पदार्थों का पता लगाने और उसे रोकने के लिए प्रयासों का सुझाव दिया है. अध्ययन के सह-लेखक और विश्वविद्यालय के खाद्य विज्ञान और मानव पोषण विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर मैट स्टैसिविक्ज ने कहा, ''हालांकि पोल्ट्री उद्योग ने पिछले दो दशकों में पोल्ट्री में साल्मोनेला के मामलों में कमी देखी है, लेकिन इन रोगाणुओं से बीमार होने वाले लोगों की संख्या में कमी नहीं आई है.''

साल्मोनेला बैक्टीरिया के 2,600 से ज्यादा सीरोटाइप या उप-समूह मौजूद हैं. हालांकि Salmonella Kentucky यूएस चिकन में सबसे आम सीरोटाइप में से एक है, लेकिन इससे इंसानों में बीमारियां होने की संभावना कम है. इसकी तुलना में तीन ज्यादा घातक स्ट्रेन को सालमोनेलोसिस के कई प्रकोपों ​​से जोड़ा गया है. गणितीय पद्धति का उपयोग करते हुए टीम ने प्रत्येक स्ट्रेन से बीमार होने के जोखिम का अनुमान लगाने के लिए अलग-अलग स्तर और सीरोटाइप सीमाएं निर्धारित कीं.

कच्चे चिकन लोगों में साल्मोनेला संक्रमण का खतरा (IANS)

जर्नल ऑफ फूड प्रोटेक्शन में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, ''बेसलाइन गणना से यह अनुमान लगाया गया कि प्रति वन मिलियन चिकन सर्विंग में लगभग दो सालमोनेलोसिस के मामले पाए जाते हैं.'' Salmonella Kentucky में बीमारी का जोखिम एक प्रतिशत से भी कम लोगों में दिखाई दिया. लेकिन एंटरिटिडिस, इन्फैंटिस या टाइफीम्यूरियम सीरोटाइप के उच्च स्तर वाले उत्पादों में बीमारियों का जोखिम 69 प्रतिशत से 83 प्रतिशत तक दिखा. निष्कर्षों से पोल्ट्री उद्योग को अपनी प्रक्रियाओं में सुधार करने और इसे प्रबंधित करने की रणनीति खोजने में मदद मिल सकती है.

हालांकि, शोधकर्ताओं ने जोर देकर कहा कि उपभोक्ताओं को पोल्ट्री तैयार करते समय खाद्य सुरक्षा दिशानिर्देशों का पालन करना चाहिए, जैसे कि अपने हाथ धोना, क्रॉस-कॉन्टेमिनेशन (बैक्टीरिया, वायरस या अन्य गैर-खाद्य पदार्थ जैसे धूल और गंदगी) से बचना और यह सुनिश्चित करना कि मांस ठीक से पकाया गया है, या नहीं.''

ये भी पढ़ें :

Minimum Walk For You :सिर्फ इतना पैदल चलने से रहेंगे हमेशा हेल्दी और बचेंगे जानलेवा बीमारियों से

Early morning Walk :इस समय करेंगे सैर तो शरीर को होगा ज्यादा फायदा

Last Updated : Jul 17, 2024, 10:06 AM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details