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डायबिटीज मरीजों के लिए इस रंग का गाजर बेहद फायदेमंद, पोषक तत्वों का है खजाना - GAJAR KHANE KE FAYDE

गाजर को बहुत लाभकारी माना जाता है. गाजर में कई तरह के विटामिन और मिनरल होते हैं. जो सेहत के लिए फायदेमंद है...

Black carrots are very beneficial for diabetes patients, they are a treasure trove of nutrients
डायबिटीज मरीजों के लिए इस रंग का गाजर बेदह फायदेमंद, पोषक तत्वों का है खजाना (FREEPIK)
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By ETV Bharat Health Team

Published : Jan 29, 2025, 3:34 PM IST

Updated : Jan 29, 2025, 7:44 PM IST

हलवा हो या सब्जी हम हमेशा लाल रंग वाली गाजर का ही इस्तेमाल करते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि गाजर का एक प्रकार काले रंग का भी होता है! काली गाजर ना केवल खाने में स्वादिष्ट होती है , बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी इसके कई फायदे होते हैं. इसके संतुलित मात्रा में सेवन से आप ना केवल अपनी इम्यूनिटी मजबूत कर सकते हैं, बल्कि त्वचा और दिल की सेहत को भी सुधार सकते हैं.

काली गाजर: स्वाद और सेहत का अनोखा संगम

क्या आप जानते हैं कि काली गाजर, जो अपनी गहरे बैंगनी या काले रंग के लिए जानी जाती है, केवल दिखने में ही अनोखी नहीं होती है बल्कि अपने गुणों से भी बेहद खास होती है. गौरतलब है कि यह मुख्य रूप से सर्दियों के मौसम में पाई जाती है. यह खाने में तो स्वादिष्ट होती ही है साथ ही स्वास्थ्य की दृष्टि से भी इसे बहुत फायदेमंद माना जाता है, क्योंकि इसमें पोषक तत्व तथा चिकित्सीय गुण दोनों भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं.

पोषक तत्वों का खजाना

नई दिल्ली को आहार एवं पोषण विशेषज्ञ डॉ दिव्या शर्मा बताती हैं कि काली गाजर पोषक तत्वों से भरपूर होती है. इसमें पाया जाने वाला एंथोसाइनिन (Anthocyanin) एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है, जो इसे इसका गहरा रंग देता है. इसमें विटामिन ए, बी सी, और के, फाइबर, कैल्शियम, आयरन, पोटैशियम तथा मैंगनीज जैसे कई पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में होते हैं. इसके अलावा इसमें कैलोरी कम और पोषण ज्यादा होता है, जो इसे सेहत के लिए परफेक्ट बनाता है. वहीं काली गाजर के नियमित सेवन से कई बीमारियों से भी बचा जा सकता है, जैसे इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण शरीर में फ्री रेडिकल्स को कम करते हैं, जिससे दिल, त्वचा, और बालों को फायदा होता है. यह आंखों की रोशनी बढ़ाने और इम्यूनिटी को मजबूत करने में भी मददगार हो सकती है.

काली गाजर के फायदे
वह बताती हैं कि काली गाजर के नियंत्रित मात्रा में सेवन से सेहत को कई लाभ मिल सकते हैं. जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं.

दिल की सेहत के लिए फायदेमंद: इसमें मौजूद एंथोसाइनिन दिल को स्वस्थ रखने और ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद करता है.

सूजन में लाभकारी :एंथोसायनिन शरीर में विभिन्न प्रकार की सूजन संबंधी स्थितियों की रोकथाम में तथा सूजन को कम करने में भी मदद करता हैं.

त्वचा को निखारने में सहायक: काली गाजर का जूस पीने से त्वचा पर चमक आती है और दाग-धब्बे कम होते हैं.

डायबिटीज में फायदेमंद: काली गाजर का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, जिससे यह ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद करती है।

पाचन तंत्र को सुधारती है: इसमें मौजूद फाइबर पाचन क्रिया को दुरुस्त करता है और कब्ज जैसी समस्या को दूर करता है.

आंखों के लिए लाभकारी: काली गाजर विटामिन ए का अच्छा स्रोत है, जो आंखों की रोशनी बढ़ाने में मदद करता है.

काली गाजर का उपयोग कैसे करें?

गौरतलब है कि काली गाजर खासतौर पर कांजी के लिए जानी जाती है. काली गाजर की कांजी सर्दियों में विशेषकर होली के अवसर पर देश के कई हिस्सों में बनाई जाती है. इस कांजी को काली गाजर के टुकड़े, पानी, राई और मसालों के साथ तैयार किया जाता है. यह स्वादिष्ट होने के साथ-साथ पाचन को बेहतर बनाता है. लेकिन कांजी के अलावा इसका उपयोग जूस, सूप व सलाद आदि के रूप में भी किया जा सकता है. इसके अलावा बहुत से लोग इसका अचार भी डालते हैं.

क्या सावधानियां जरूरी हैं?
डॉ. दिव्या शर्मा बताती हैं कि काली गाजर के उपयोग या सेवन के साथ कुछ लोगों को विशेष सावधानी रखनी चाहिए और इसका सेवन हमेशा संतुलित मात्रा में ही करना चाहिए. दरअसल काली गाजर का अत्यधिक सेवन कुछ लोगों में एलर्जी का कारण बन सकता है. वहीं भले ही इसमें ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है लेकिन फिर भी डायबिटीज रोगियों के लिए इसका जरूरत से ज्यादा सेवन कुछ परेशानियों का कारण बन सकता है.

काली गाजर में बीटा-कैरोटीन उच्च मात्रा में पाया जाता है जिसका जरूरत से ज्यादा सेवन कुछ समस्याओं का कारण बन सकता है. वहीं किडनी से जुड़ी समस्याओं का सामना कर रहे लोगों , ऐसे लोग जिन्हे पथरी की समस्या रहती हो तथा वे लोग जो खून पतला करने या किसी विशेष रोग या अवस्था के लिए लंबे समय से दवा का सेवन कर रहे हों , उन्हे इसका सेवन अपने चिकित्सक से पूछने के बाद ही करना चाहिए.

चुकंदर की तरह काली गाजर का रंग भी काफी तेज चढ़ता है. इसलिए यदि सूप या सलाद में इसका सेवन किया जा रहा है तो कोशिश करनी चाहिए की इसके सेवन के बाद एक बार दांत साफ कर लिए जाए. वरना कई बार इसका रंग दांतों पर भी नजर आ सकता है. जो देखने में अजीब लग सकता है.

(डिस्क्लेमर: इस वेबसाइट पर आपको प्रदान की गई सभी स्वास्थ्य जानकारी, चिकित्सा सुझाव केवल आपकी जानकारी के लिए हैं. हम यह जानकारी वैज्ञानिक अनुसंधान, अध्ययन, चिकित्सा और स्वास्थ्य पेशेवर सलाह के आधार पर प्रदान कर रहे हैं, लेकिन बेहतर होगा कि इन पर अमल करने से पहले आप अपने निजी डॉक्टर की सलाह ले लें.)

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हलवा हो या सब्जी हम हमेशा लाल रंग वाली गाजर का ही इस्तेमाल करते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि गाजर का एक प्रकार काले रंग का भी होता है! काली गाजर ना केवल खाने में स्वादिष्ट होती है , बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी इसके कई फायदे होते हैं. इसके संतुलित मात्रा में सेवन से आप ना केवल अपनी इम्यूनिटी मजबूत कर सकते हैं, बल्कि त्वचा और दिल की सेहत को भी सुधार सकते हैं.

काली गाजर: स्वाद और सेहत का अनोखा संगम

क्या आप जानते हैं कि काली गाजर, जो अपनी गहरे बैंगनी या काले रंग के लिए जानी जाती है, केवल दिखने में ही अनोखी नहीं होती है बल्कि अपने गुणों से भी बेहद खास होती है. गौरतलब है कि यह मुख्य रूप से सर्दियों के मौसम में पाई जाती है. यह खाने में तो स्वादिष्ट होती ही है साथ ही स्वास्थ्य की दृष्टि से भी इसे बहुत फायदेमंद माना जाता है, क्योंकि इसमें पोषक तत्व तथा चिकित्सीय गुण दोनों भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं.

पोषक तत्वों का खजाना

नई दिल्ली को आहार एवं पोषण विशेषज्ञ डॉ दिव्या शर्मा बताती हैं कि काली गाजर पोषक तत्वों से भरपूर होती है. इसमें पाया जाने वाला एंथोसाइनिन (Anthocyanin) एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है, जो इसे इसका गहरा रंग देता है. इसमें विटामिन ए, बी सी, और के, फाइबर, कैल्शियम, आयरन, पोटैशियम तथा मैंगनीज जैसे कई पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में होते हैं. इसके अलावा इसमें कैलोरी कम और पोषण ज्यादा होता है, जो इसे सेहत के लिए परफेक्ट बनाता है. वहीं काली गाजर के नियमित सेवन से कई बीमारियों से भी बचा जा सकता है, जैसे इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण शरीर में फ्री रेडिकल्स को कम करते हैं, जिससे दिल, त्वचा, और बालों को फायदा होता है. यह आंखों की रोशनी बढ़ाने और इम्यूनिटी को मजबूत करने में भी मददगार हो सकती है.

काली गाजर के फायदे
वह बताती हैं कि काली गाजर के नियंत्रित मात्रा में सेवन से सेहत को कई लाभ मिल सकते हैं. जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं.

दिल की सेहत के लिए फायदेमंद: इसमें मौजूद एंथोसाइनिन दिल को स्वस्थ रखने और ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद करता है.

सूजन में लाभकारी :एंथोसायनिन शरीर में विभिन्न प्रकार की सूजन संबंधी स्थितियों की रोकथाम में तथा सूजन को कम करने में भी मदद करता हैं.

त्वचा को निखारने में सहायक: काली गाजर का जूस पीने से त्वचा पर चमक आती है और दाग-धब्बे कम होते हैं.

डायबिटीज में फायदेमंद: काली गाजर का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, जिससे यह ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद करती है।

पाचन तंत्र को सुधारती है: इसमें मौजूद फाइबर पाचन क्रिया को दुरुस्त करता है और कब्ज जैसी समस्या को दूर करता है.

आंखों के लिए लाभकारी: काली गाजर विटामिन ए का अच्छा स्रोत है, जो आंखों की रोशनी बढ़ाने में मदद करता है.

काली गाजर का उपयोग कैसे करें?

गौरतलब है कि काली गाजर खासतौर पर कांजी के लिए जानी जाती है. काली गाजर की कांजी सर्दियों में विशेषकर होली के अवसर पर देश के कई हिस्सों में बनाई जाती है. इस कांजी को काली गाजर के टुकड़े, पानी, राई और मसालों के साथ तैयार किया जाता है. यह स्वादिष्ट होने के साथ-साथ पाचन को बेहतर बनाता है. लेकिन कांजी के अलावा इसका उपयोग जूस, सूप व सलाद आदि के रूप में भी किया जा सकता है. इसके अलावा बहुत से लोग इसका अचार भी डालते हैं.

क्या सावधानियां जरूरी हैं?
डॉ. दिव्या शर्मा बताती हैं कि काली गाजर के उपयोग या सेवन के साथ कुछ लोगों को विशेष सावधानी रखनी चाहिए और इसका सेवन हमेशा संतुलित मात्रा में ही करना चाहिए. दरअसल काली गाजर का अत्यधिक सेवन कुछ लोगों में एलर्जी का कारण बन सकता है. वहीं भले ही इसमें ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है लेकिन फिर भी डायबिटीज रोगियों के लिए इसका जरूरत से ज्यादा सेवन कुछ परेशानियों का कारण बन सकता है.

काली गाजर में बीटा-कैरोटीन उच्च मात्रा में पाया जाता है जिसका जरूरत से ज्यादा सेवन कुछ समस्याओं का कारण बन सकता है. वहीं किडनी से जुड़ी समस्याओं का सामना कर रहे लोगों , ऐसे लोग जिन्हे पथरी की समस्या रहती हो तथा वे लोग जो खून पतला करने या किसी विशेष रोग या अवस्था के लिए लंबे समय से दवा का सेवन कर रहे हों , उन्हे इसका सेवन अपने चिकित्सक से पूछने के बाद ही करना चाहिए.

चुकंदर की तरह काली गाजर का रंग भी काफी तेज चढ़ता है. इसलिए यदि सूप या सलाद में इसका सेवन किया जा रहा है तो कोशिश करनी चाहिए की इसके सेवन के बाद एक बार दांत साफ कर लिए जाए. वरना कई बार इसका रंग दांतों पर भी नजर आ सकता है. जो देखने में अजीब लग सकता है.

(डिस्क्लेमर: इस वेबसाइट पर आपको प्रदान की गई सभी स्वास्थ्य जानकारी, चिकित्सा सुझाव केवल आपकी जानकारी के लिए हैं. हम यह जानकारी वैज्ञानिक अनुसंधान, अध्ययन, चिकित्सा और स्वास्थ्य पेशेवर सलाह के आधार पर प्रदान कर रहे हैं, लेकिन बेहतर होगा कि इन पर अमल करने से पहले आप अपने निजी डॉक्टर की सलाह ले लें.)

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Last Updated : Jan 29, 2025, 7:44 PM IST
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