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राष्ट्रीय प्रोटीन दिवस : क्या है इस साल की थीम, जानें

National Protein Day : इंसान के जीवन के लिए भोजन जरूरी है. सेहतमंद रहने के लिए भोजन में प्रोटीन प्रमुख अव्यवों में से एक है. आर्थिक परेशानी और गलत आहार आदत के कारण कई लोग प्रोटीनयुक्त भोजन से वंचित रह जा रहे हैं. पढ़ें पूरी खबर..

Nutrient Rich Protein Source
राष्ट्रीय प्रोटीन दिवस

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Feb 27, 2024, 1:18 PM IST

हैदराबाद :राष्ट्रीय प्रोटीन दिवस हर साल 27 फरवरी को पूरे भारत के साथ-साथ अन्य देशों में भी मनाया जाता है. यह दिन हमारे शरीर के विकास और रख-रखाव के लिए, हमारे आहार में प्रोटीन के महत्व पर प्रकाश डालता है. प्रोटीन, चाहे पशु या पौधे के स्रोत से हों, जैविक अणु हैं जिन्हें हमारे शरीर के निर्माण खंड के रूप में जाना जाता है.

प्रोटीन दिवस 2024 थीम: 'प्रोटीन का अधिकार' ने वर्ष 2024 के लिए थीम के रूप में 'प्रोटीन के साथ समाधान' की घोषणा की. प्रोटीन का अधिकार, अमेरिकी सोयाबीन निर्यात परिषद द्वारा संचालित एक समर्पित जागरूकता पहल है. यूएस सोयाबीन एक्सपोर्ट काउंसिल (यूएसएसईसी) ने अपने पांचवें वर्ष को चिह्नित करते हुए, 27 फरवरी को मनाए जाने वाले प्रोटीन दिवस 2024 की थीम के रूप में "सॉल्व विद प्रोटीन" को जारी किया है. यह पहल व्यक्तियों, व्यवसायों और उद्योग जगत के नेताओं से आह्वान करती है. प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों की बढ़ती मांग को संबोधित करने के लिए एकजुट हों, प्रोटीन समाधान प्रदान करें जो पूरे भारत और बड़े दक्षिण एशिया क्षेत्र के नागरिकों के लिए सुलभ हों.

इतिहास: भारत में राष्ट्रीय प्रोटीन दिवस की स्थापना वर्ष 2020 में प्रोटीन का अधिकार जागरूकता अभियान के दौरान किया गया था. यह एक राष्ट्रीय स्वास्थ्य पहल था. प्रोटीन दिवस का पहला आयोजन 27 फरवरी 2020 को हुआ.

प्रोटीन क्यों महत्वपूर्ण हैं: प्रोटीन को बॉडी बिल्डिंग ब्लॉक माना जाता है. यह शरीर का निर्माण करता है इसलिए इसका अलग-अलग रूपों में सेवन करना जरूरी है. शरीर के हार्मोन, एंजाइम आदि सभी में प्रोटीन होता है यानी प्रोटीन के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है. लेकिन, यह भी ध्यान रखना जरूरी है कि किसी भी चीज की अधिकता स्वाभाविक रूप से दुष्प्रभाव डालती है.

अपना आहार संतुलित करें: आप जो भी खाएं, संतुलित तरीके से खाएं। खाना बनाते समय इस बात का ध्यान रखें कि इसमें प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और हेल्दी फैट का स्रोत होना चाहिए। इससे पर्याप्त मात्रा में सुविधा मिलेगी. शरीर को प्रोटीन मिलेगा और आप स्वस्थ हो जायेंगे.

विविधता महत्वपूर्ण है:यह सुनिश्चित करने के लिए कि आपके शरीर को आवश्यक सभी आवश्यक अमीनो एसिड मिल रहे हैं, विभिन्न खाद्य समूहों से प्रोटीन स्रोतों को शामिल करें.

पोषक तत्वों से भरपूर प्रोटीन स्रोत:

नट और बीज:ये लघु पावरहाउस प्रोटीन, स्वस्थ वसा और फाइबर से भरे हुए हैं। नाश्ते के रूप में उनका आनंद लें, उन्हें सलाद या दही पर छिड़कें, या उन्हें स्मूदी और बेक किए गए सामान में जोड़ें.

दाल और फलियां: पौधों पर आधारित ये चमत्कार प्रोटीन और फाइबर से भरपूर हैं, जो एक संतोषजनक और लागत प्रभावी विकल्प प्रदान करते हैं। सूप, सलाद, स्ट्यू और डिप्स में विभिन्न प्रकार के छोले, काली फलियाँ और राजमा के साथ प्रयोग करें.

अंडे: बहुमुखी और बजट के अनुकूल, अंडे प्रोटीन, विटामिन और खनिजों का एक समृद्ध स्रोत प्रदान करते हैं। इन्हें भूनकर, भुनकर, उबालकर या पके हुए माल में डालकर इनका आनंद लें.

वसायुक्त मछली:सैल्मन, टूना और सार्डिन प्रोटीन और ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर होते हैं, जो हृदय और मस्तिष्क के स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हैं। साप्ताहिक रूप से 2-3 सर्विंग का लक्ष्य रखें.

ग्रीक दही: मलाईदार और प्रोटीन और कैल्शियम से भरपूर, ग्रीक दही एक आनंददायक उपचार के रूप में कार्य करता है। इसका आनंद सादे रूप में, फलों के साथ, या डिप्स और सॉस के आधार के रूप में लें.

शाकाहारियों के लिए प्रोटीन:पौधों पर आधारित प्रोटीन जैसे टोफू, टेम्पेह, नट्स और बीज शाकाहारियों और शाकाहारियों के लिए प्रोटीन के बेहतरीन स्रोत हैं. इनमें आमतौर पर फाइबर और अन्य महत्वपूर्ण पोषक तत्व भी उच्च मात्रा में होते हैं.

प्रोटीन की कमी के लक्षण:

  1. त्वचा, बाल और नाखून की समस्याएं
  2. मांसपेशियों का नुकसान
  3. हड्डियों के फ्रैक्चर का खतरा
  4. अधिक भूख और अधिक कैलोरी का सेवन
  5. संक्रमण का खतरा
  6. फैटी लीवर बच्चों में शरीर के समुचित विकास को बाधित कर सकता है.

हर आयु वर्ग के लिए अलग-अलग जरूरतें: आम तौर पर, एक स्वस्थ और शारीरिक रूप से सक्रिय व्यक्ति को प्रति किलोग्राम वजन पर एक ग्राम की दर से प्रोटीन की आवश्यकता होती है. उदाहरण के लिए, यदि किसी व्यक्ति का वजन 60 किलोग्राम है, तो उसे 50 से 60 ग्राम प्रोटीन की आवश्यकता होती है. हालांकि, प्रोटीन लेते समय इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि आपकी जीवनशैली कैसी है. अगर कोई मजदूरी कर रहा है और कोई बैठ कर काम कर रहा है तो दोनों की जरूरतें अलग-अलग होंगी. प्रोटीन आवश्यक मात्रा में और चिकित्सीय निर्देशों के अनुसार लेना चाहिए.

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