दुनिया भर में कैंसर पीड़ितों की बढ़ती संख्या ना सिर्फ चिकित्सकों के माथे पर चिंता की लकीरे खींच रही है , बल्कि वैश्विक पटल पर एक अलार्म का काम भी कर रही है कि यदि तत्काल इस बढ़ती संख्या को रोकने के लिए प्रयास नहीं किया किया गया तो भविष्य में स्थिति बेहद चिंताजनक हो सकती है. ऐसे में कैंसर की शीघ्र पहचान, रोकथाम और उपचार के बारे में लोगों में जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से हर साल 7 नवंबर को राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस मनाया जाता है. जानलेवा मानी जाने वाले कैंसर रोग के लक्षण, बचाव और इलाज के बारे में जानिए कैंसर स्पेशलिस्ट डॉ तपेश पोनीकर से...
डर नहीं जागरूकता जरूरी,समय से ईलाज संभव
छिन्दवाड़ा इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस में पदस्थ कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. तपेश पोनीकर का कहना है कि कैंसर से डरने की जरुरत नहीं है, बल्कि जागरूकता से इस रोग से बचा जा सकता है. कई मामलों में सामने आया है कि पेशेंट ने सही समय पर जांच नहीं कराया और इलाज में देरी से आखिरी स्टेज पर पहुंच गया. ऐसे में मरीज की जान बचाना संभव नहीं हो पाता.
सरकारी अस्पतालों में निशुल्क जांच की सुविधाएं
कैंसर से बचाव के लिए जांच जरुरी कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. पोनीकर का कहना है कि कैंसर के संभावित लक्षण दिखाई देने पर जांच जरूर कराएं. सरकारी अस्पतालों में निशुल्क जांच की सुविधाएं उपलब्ध है. समय पर जांच होने से बेहतर इलाज संभव है. अब कीमोथेरेपी समेत इलाज की अन्य सुविधाओं से मरीज व जान बचाई जा सकती है.