Less Urination : मूत्र या पेशाब शरीर से विषाक्त पदार्थों और अपशिष्टों को बाहर निकालता है. जो की शरीर तंत्र की एक बेहद जरूरी प्रक्रिया है. लेकिन कई बार किसी रोग या समस्या के प्रभाव के चलते लोग पेशाब में रुकावट महसूस करने लगते हैं. ऐसी स्थिति को चिकित्सक सामान्य नहीं मानते हैं. जानकारों की मानें तो कम मात्रा में पेशाब आना या पेशाब आने में रुकावट महसूस करना किसी संक्रमण या रोग का संकेत हो सकता है. इसलिए ऐसा होने पर समस्या को अनदेखा करने या हल्के में लेने की बजाय तत्काल चिकित्सक से सलाह लेना और जरूरी जांच व इलाज करवाना बेहद जरूरी होता है.
पेशाब में रुकावट के कारण : नवी मुंबई के यूरोलॉजिस्ट डॉ साकेत नवानी बताते हैं कि वैसे तो ज्यादा उम्र में विशेषकर पुरुषों में पेशाब संबंधी समस्याएं काफी ज्यादा देखने में आती है. लेकिन यह समस्या अलग-अलग कारणों से बच्चों, युवाओं व अधेड़ लोगों में भी नजर आ सकती हैं.
वह बताते हैं कि बहुत से लोगों को लगता है कि UTI या प्रोस्टेट से जुड़ी समस्याओं में ही मूत्र की निकासी में समस्या हो सकती है, लेकिन इसके अलावा भी कई कारण जो इस अवस्था के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं. पेशाब में रुकावट या समस्या के लिए आमतौर पर जो कारण सबसे ज्यादा देखने में आते हैं, उनमें से कुछ इस प्रकार हैं.
मूत्र पथ संक्रमण- UTI : मूत्र पथ संक्रमण सबसे आम कारण है जिसके चलते पेशाब में रुकावट महसूस हो सकती है. जब मूत्र पथ में बैक्टीरिया प्रवेश कर जाते हैं, तो वे संक्रमण फैलाते हैं, जिससे पेशाब में जलन और रुकावट महसूस होती है. Urinary tract infection - UTI का उपचार सही समय पर न होने पर यह गंभीर रूप भी धारण कर सकता है.
प्रोस्टेट ग्रंथि की समस्या: पुरुषों में प्रोस्टेट ग्रंथि के बढ़ने या सूजन के कारण पेशाब करने में कठिनाई हो सकती है. प्रोस्टेट ग्रंथि मूत्र मार्ग के पास स्थित होती है और इसकी सूजन से मूत्र मार्ग पर दबाव बढ़ सकता है, जिससे पेशाब में रुकावट होती है. इसे बिनाइन प्रोस्टेटिक हाइपरप्लासिया- BPH कहा जाता है.
किडनी स्टोन : गुर्दे में पथरी होने की स्थिति में भी पेशाब में रुकावट आ सकती है. दरअसल किडनी स्टोन मूत्र मार्ग को अवरुद्ध कर सकती है, जिससे मूत्र का प्रवाह धीमा या रुक सकता है. इसके साथ दर्द और पेशाब में खून आने की समस्या भी हो सकती है.
मूत्राशय की समस्या: मूत्राशय में सूजन या संक्रमण के कारण पेशाब में रुकावट महसूस हो सकती है. इसके अलावा कई बार मूत्राशय की मांसपेशियों की कमजोरी के कारण भी मूत्र ठीक से बाहर नहीं आ पाता है.
तंत्रिका तंत्र की गड़बड़ी: मूत्राशय और मूत्र मार्ग को नियंत्रित करने वाले तंत्रिका तंत्र में कोई समस्या हो तो पेशाब में रुकावट या रुक-रुक कर पेशाब आने की समस्या हो सकती है. इसे न्यूरोजेनिक ब्लैडर कहा जाता है, जिसमें मूत्राशय की मांसपेशियों का नियंत्रण कमजोर हो जाता है.