हींग एक आमतौर पर पाया जाने वाला मसाला है जिसका इस्तेमाल अलग-अलग तरह से भारतीय व्यंजनों में किया जाता है. यह हींग के पौधे के तने से प्राप्त किया जाता है. इसका टेस्ट में कड़वा और तीखा होता है. सब्जी हो या दाल का तड़का, हींग ने अपनी अलग जगह बना ली है. हींग डायजेशन, पेट दर्द, जलन आदि के लिए बहुत उपयोगी है. वहीं, ध्यान देने वाली बात ये है कि भारत में हींग की भारी मात्रा में खपत होने के बावजूद, इसकी खेती देश में नहीं होती है बल्कि मुख्य रूप से ईरान, अफगानिस्तान, बलूचिस्तान में होती है.
आपको बता दें कि हींग के दो तरह के होते है- एक काला हींग और दूसरा सफेद हिंग, सफेद हींग (हीरा हींग)का इस्तेमाल औषधी के रूप में किया जाता है. कल्पायु हेल्थ केयर के डॉ. कल्पेश बाफना ने ETV भारत को हींग के सेवन से होने वाले फायदे और नुकसान के बारे में पूरी जानकारी दी, जानें...
हींग के फायदे
हींग पेट और स्मॉल इंटेस्टाइन में पाचन एंजाइमों की एक्टिविटी को बढ़ाकर डाइजेशन में सुधार करने में मदद करता है. डॉ. कल्पेश बाफना के मुताबिक गैस्ट्रिक समस्याओं को रोकने के लिए अपने रेगुलर डाइट में हींग को शामिल करने की सलाह दी जाती है. हींग अपने एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण के कारण पेट फूलने की समस्या के लिए भी फायदेमंद हो सकता है. हींग अपने रेचक गुण के कारण मल त्याग को बढ़ावा देकर कब्ज से भी राहत देता है. हींग पेट की चर्बी को कम करने में भी सहायता करता है और वेट मैनेजमेंट के लिए प्रभावी हो सकता है.
हींग पाउडर का पेस्ट बनाकर बालों की जड़ों के साथ-साथ पूरे बालों की लंबाई पर लगाने से हेयर ग्रोथ को बढ़ावा मिलता है. हींग पाउडर फेस पैक और हींग तेल में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, इसके कारण त्वचा को फिर से जीवंत करने में मददगार होती है.. ध्यान रखें हींग का इस्तेमाल कम मात्रा में करना सही है, क्योंकि ज्यादा मात्रा में लेने से सिरदर्द और माइग्रेन की समस्या हो सकती है. इसके रेचक गुण के कारण यह डायरिया का कारण भी बन सकता है.
इसके सेवन के अन्य फायदे...
नर्वस सिस्टम:हींग की तेज खुशबू होने के कारण ये नर्वस सिस्टम को एक्टिव करने और उत्तेजित करने में मदद करता है. इसका उपयोग जोड़ों और मांसपेशियों के दर्द में प्रयोग होने वाले तेल या मरहम में होता है. यह मांसपेशियों में होने वाले ऐंठन या जकड़न को कम कर नियंत्रित करता है.
रेस्पिरेटरी सिस्टम:एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-वायरल और एंटी-बायोटिक गुण होने के चलते हींग अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, ड्राई कफ जैसी रेस्पिरेटरी डिजीज जैसी समस्याओं में छुटकारा मिलता है. हींग में सूखा अदरक और शहद मिलाकर दिन में दो बार उपभोग करें. इससे शरीर में मौजूद चिपचिपा पदार्थ जैसे कफ को कम करने के लिए या तरल बनाने के लिए हींग का इस्तेमाल होता है. हींग एक गर्म पदार्थ है, इसके चलते येरेस्पिरेटरी सिस्टममें मौजूद वायुकोष्ठिका (एल्वियोली) को खोल देता है और सांस लेने में आसानी होती है.
ब्लड सर्कुलेटरी सिस्टम:दिल के आसपास जमा हुए पानी (पेरिकार्डियल एफफ्यूशियन) को कम करने, या कमजोर दिल के संचालन को नियंत्रित करने के लिए हींग का उपयोग होता है. ये खून के संचार को भी बढ़ाने में मदद करता है.
डाइजेशन सिस्टम:हींग का स्वाद तीखा, कड़वा और गर्म होता है. इसमें एंटी-ऑक्सिडेंट गुण होने के कारण पाचन में मदद करता है. ये भूख बढ़ाने में भी मदद करता है, साथ ही मांसाहार जैसे भारी भोजन को पचाता में भी मदद करता है. जिनको पाचन में समस्या होती है, उसे इसका सेवन करना जरूर करना चाहिए. आंतों की गति कम होने की वजह से मल न होने या कब्ज जैसी पेट संबंधी समस्या को ठीक करता है. गैस और पेट दर्द को भी कम करता है.