पटनाः अप्रैल के महीने में ही गर्म पछुआ हवा लोगों को झकझोरने लगी है. गर्मी के कारण लोगों में डिहाइड्रेशन, पेट दर्द, बुखार इत्यादि के मामले काफी बढ़ गए हैं. IGIMS में प्रतिदिन 6000 से ऊपर मरीज ओपीडी में पहुंच रहे हैं. इसमें काफी संख्या में गर्मी के कारण बीमार पड़ने वाले और पूर्व से बीमार मरीज पहुंच रहे हैं. पूर्व से बीमार मरीज की हालत गर्मी के कारण गंभीर हो रही है.
न्यूनतम तापमान में अंतरः IGIMS के अधीक्षक डॉक्टर मनीष मंडल ने बताया कि यह सही बात है कि अभी के समय अचानक से मौसम बहुत गर्म हो गया है. दिन में चिलचिलाती धूप निकल रही है. शाम में मौसम थोड़ा सुहाना रह रहा है. अधिकतम और न्यूनतम तापमान में काफी अंतर है. इसके कारण इस टेंपरेचर को एडजस्ट करने में शरीर को समय लग रहा है. जो सावधानी नहीं बरत रहे हैं वे बीमार पड़ जा रहे हैं. इस मौसम में जरूरी है कि एसी कमरे से अचानक बाहर धूप में नहीं जाएं.
डिहाइड्रेशन की समस्याः डॉ मनीष मंडल ने बताया कि अभी होली की छुट्टी का समय खत्म हुआ है. यही कारण है कि अस्पतालों में भीड़ है. जिस प्रकार गर्मी पड़ रही है इस वजह से भी मरीज की संख्या में इजाफा हुआ है. लोग पानी कम पी रहे हैं जिससे डिहाइड्रेशन हो रहा है. धूप में अत्यधिक पसीना बहाने के कारण शरीर में इलेक्ट्रोलाइट की कमी के कारण बीमार पड़ जा रहे हैं.
"यह मौसम बेहद सावधान रहने वाला मौसम है. क्योंकि चाहे सर्द हो या गर्मी का मौसम दोनों की जब शुरुआत हो रही होती है. उसी वक्त लोग अधिक बीमार पड़ते हैं. अभी के समय मम्प्स के भी कुछ मामले आए हैं लेकिन वैसे चिंताजनक नहीं है."-डॉ मनीष मंडल, अधीक्षक, IGIMS