रांची: बर्ड फ्लू की पुष्टि की खबर के बाद रांची स्थित बिरसा जैविक उद्यान में पक्षियों का केज सैलानियों के लिए बंद कर दिया गया है. जानवरों के डाइट के मेन्यू में भी चिकन बंद कर दिया गया है. उन्हें इसकी जगह मटन दिया जा रहा है. यहां काम करने वाले सभी कर्मियों को मास्क पहनकर काम करने का निर्देश दिया गया है. डॉक्टरों ने बताया कि जिनके घरों में कुक्कुट है या जो पोल्ट्री फार्म में मुर्गियों की देखरेख करते हैं, उनमें अगर Avian Influenza के लक्षण जैसे तेज बुखार, गले में खराश, सर्दी-जुकाम, शरीर में तेज दर्द, छाती में कफ, सांस लेने में दिक्कत, भूख में कमी जैसे लक्षण दिखें तो खुद को आइसोलेट कर तुरंत डॉक्टर से मिलें. जिस इलाके में Bird Flu की पुष्टि हुई है उसके आसपास के एक किलोमीटर के रेडियस में रहने वाले लोगों को कम से कम 21 दिन तक चिकन, अंडा खाने से परहेज करना चाहिए.
रांची में Bird Flu की पुष्टि के बाद दिल्ली से पहुंची केंद्रीय टीम ने स्वास्थ्य सेवाओं की आपात स्थिति और संक्रमण के प्रसार पर रोक के लिए की जा रही कार्रवाई का जायजा लिया. टीम में संयुक्त सचिव के स्तर के अधिकारी और विशेषज्ञ डॉक्टर हैं. उन्होंने रांची स्थित मेडिकल कॉलेज और सदर हॉस्पिटल का निरीक्षण कर आइसोलेशन वार्ड, ऑक्सीजन बेड, पीपीई किट, एंटी वायरल एवं अन्य व्यवस्था की जानकारी ली.
एहतियाती कदम उठाया गया
रांची के होटवार स्थित क्षेत्रीय कुक्कुट प्रक्षेत्र को बर्ड फ्लू का एपिक सेंटर बताया गया है. Poultry farm hotwar में करीब ढाई हजार मुर्गियों और बत्तखों को मारा गया है. इस कार्य में लगाए गए पांच कर्मियों को क्वारंटाइन किया गया है. यह एहतियाती कदम इसलिए उठाया गया कि पक्षियों से एवियन इन्फ्लूएंजा का वायरस इंसानों में न पहुंचे. एपिक सेंटर के एक किलोमीटर के दायरे में मुर्गी, बत्तख, अंडे की आवाजाही और खरीद बिक्री पर रोक लगा दी गयी है. इन क्षेत्रों में मुर्गियों, बत्तख की कलिंग भी कराई जा रही है.