अजमेर:अनियमित जीवन शैली और खानपान के कारण कई तरह के रोगों में वृद्धि होने लगी है. इनमें ऐसे कई गंभीर रोग भी शामिल हैं जो प्राण घातक साबित होते हैं. इन रोगों में नसों में ब्लॉकेज भी शामिल है. नसों में रक्त वसा में वृद्धि से ब्लॉकेज की समस्या होती है जो ह्रदय रोग या ह्रदयघात (हार्ट अटैक) का कारण बनती है. आयुर्वेद के अनुसार हमारा शरीर वात, पित्त और कफ के सही संतुलन से स्वस्थ रहता है. इनमें असंतुलन होने पर शरीर अस्वस्थ होता है. आइए जानते हैं अजमेर के जेएलएन अस्पताल में आयुर्वेद चिकित्सा विभाग में वरिष्ठ चिकित्सक डॉ गोविंद चोयल से नसों में ब्लॉकेज के कारण, लक्षण और उपचार संबंधी हेल्थ टिप्स:
आयुर्वेद वरिष्ठ चिकित्सक डॉ गोविंद चोयल बताते हैं कि आयुर्वेद सिद्धांत के अनुसार कफ वर्धक आहार के लगातार सेवन करने से व्यक्ति में वात का प्रकोप बढ़ जाता है. इससे हृदय की धमनियों में रक्त का संचार बाधित होने लगता है और हृदयघात की संभावना बढ़ जाती है. डॉ चोयल बताते हैं कि कफ वर्धक आहार के नियमित सेवन से मोटापा बढ़ता है. इससे रक्त वसा (कोलेस्ट्रॉल) में वृद्धि होने लगती है. नसों में रक्त वसा जमने लगता है और रक्त भी गाढ़ा होने लगता है. रक्त वसा में लगातार वृद्धि से ब्लॉकेज की समस्या उत्पन्न होती है. उन्होंने बताया कि तेलीय घरिष्ठ आहार का नियमित सेवन, जंक फूड, मैदा से बने खाद्य उत्पाद, तनाव के अलावा शारारिक परिश्रम की कमी भी रक्त वसा को बढाने का कारण है.
पढ़ें:Jodhpur AIIMS: चिरंजीवी योजना के तहत दिमाग को खून पहुंचाने वाली नस के ब्लॉकेज का सफलतापूर्वक ऑपरेशन - ETV Bharat Rajasthan News
ब्लॉकेज के यह है लक्षण: डॉ चोयल बताते हैं कि ब्लॉकेज के शुरुआती लक्षण में सांस फूलना या सांस लेने में तकलीफ महसूस करना, थोड़ा काम करने पर अधिक थकान महसूस होना, लगातार सिर दर्द रहना चक्कर आना, हाथों में दर्द या अन्य अंगों में सुन्नपन महसूस होना आदि है.
पढ़ें:जोधपुर एम्स में पहली बार ट्राई रजिस्ट्रेशन तकनीक से हुई एंजियोग्राफी, सटीक पता लगेगा ब्लॉकेज कहां है और स्टेंट लगाना है या नहीं - ट्राई रजिस्ट्रेशन एंजियोग्राफी
ब्लॉकेज से बचना है तो करें यह उपाय:उन्होंने बताया कि व्यायाम, योग, स्विमिंग या आउटडोर खेल को अपने जीवन का हिस्सा बनाएं. रात्रि को समय पर सोएं. कम से कम 8 घंटे की नींद लें. पानी खूब पिएं. शराब और बीड़ी सिगरेट का सेवन न करें. प्रोसेड मीट, पैकिंग फूड, जंक फूड ना खाए. भोजन समय पर करें. भोजन में हरी सब्जियों और गुद्देदार सब्जियों का उपयोग करें. रसदार फलों का सेवन करना भी लाभदायक है.
पढ़ें:आंवला है विटामिन C का भंडार , शरीर के लिए कई फायदे - HEALTH TIPS
यह उपाय हैं लाभदायक:डॉ चोयल बताते हैं कि अर्जुन की छाल को पानी में उबालकर सेवन करने से काफी लाभ मिलता है. इसके अलावा रक्त में वसा को नियंत्रित करने के लिए अनार का सेवन भी काफी फायदेमंद है. सुबह खाली पेट लहसुन की चार कली का सेवन करने से रक्त में वसा कम होता है. इससे रक्त संचार में लाभ मिलता है. अश्वगंधा का सेवन करने से मानसिक तनाव दूर होता है.
उन्होंने बताया कि मानसिक तनाव भी रक्त वसा को बढ़ाने में सहायक है. बादाम और अखरोठ ओमेगा थ्री फैटी एसिड से भरपूर है. यह रक्त वसा को भी कम करती है. पालक का सेवन भी लाभदायक है. यह ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहने के साथ साथ धमनी में ब्लॉकेज को खोलने में भी सहायक है. मैथी रक्त संचार में फायदा पहुंचाती है. बेड कोलेस्ट्रॉल को कम कर गुड़ कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाती है. हरिद्रा औषधी नसों से जुड़ी समस्या में काम आती है. यह रक्त को साफ करने में सहायक है.