बिरंजसिफा या यारो एक देसी जड़ी बूटी है. यह एक हर्बल पौधा है जो रोगों के इलाज की अपनी क्षमता के लिए लोकप्रिय है. यह आमतौर पर पश्चिमी हिमालय में विशेष रूप से कश्मीर से कुमाऊं तक उगता है. बिरंजसिपा एक फूल वाला पौधा है जिसे अलग-अलग नामों से जाना जाता है, जैसे कि अचिलिया मिलेफोलियम, डेविल्स नेटल, मिलफॉइल, ओल्ड मैन्स पेपर, सैंगुइनरी, सोल्जर वाउंडवॉर्ट और थाउजेंड सील. वहीं, भारत में इसे यारो, भूतकेसी , बिरंजसिपा, गंडाना जैसे नामों से भी जाना जाता है.
यह पौधा यूरोप, एशिया और उत्तरी अमेरिका के उत्तरी भागों का लोकल पौधा है. ऐतिहासिक रूप से, इसका इस्तेमाल पेट साफ करने के लिए और दर्द निवारक के रूप में किया जाता है. बिरंजसिफा का अर्क घाव भरने में और इंफेक्शन के रिस्क को कम करने में मदद कर सकता है. बिरंजसिफा अर्क मेंटल हेल्थ को बेहतर बनाने में भी मदद करता है. हाल के अध्ययनों से पता चलता है कि बिरंजसिफा अर्क में महत्वपूर्ण एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो सूजन को कंट्रोल कर सकते हैं और खून में कोलेस्ट्रॉल के लेवल को कम कर सकते हैं.
इन-विट्रो अध्ययन (In-vitro studies) ने लिपिड चयापचय को बदलने के लिए बिरंजसिफा सुपरक्रिटिकल अर्क की क्षमता का प्रदर्शन किया. हालांकि यह शोध स्पष्ट रूप से पेनक्रिएटिक कैंसर के इलाज के उद्देश्य किया गया था, लेकिन इसके परिणाम बताते हैं कि बिरंजसिफा अर्क का इस्तेमाल कोलेस्ट्रॉल के लेवल को भी कम करने के लिए भी किया जा सकता है.
इस शोध का जिक्र नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में भी किया गया है.अध्ययन में, अचिलिया मिलफोलियम या बिरंजसिफा का इस्तेमाल डायबिटीज से पीड़ित चूहों पर किया गया. जिसके परिणाम में पाया गया कि यह चूहों में कुल कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स में उल्लेखनीय कमी की. उसी अध्ययन में, अचिलिया मिलफोलियम की 100 मिलीग्राम या किग्रा की खुराक ने एलडीएल और एचडीएल-कोलेस्ट्रॉल में बेहतर और नोटेबल सुधार किया. एक अन्य अध्ययन में, अचिलिया मिलफोलियम ने सीरम लिवर एंजाइम्स में कमी भी की.