How to Avoid Diabetes : आज के वक्त में हर शख्स अपने-अपने काम में काफी ज्यादा व्यस्त है. लोगों की जीवनशैली ऐसी हो गई है कि उनके पास अपनी नींद पूरी करने के लिए भी समय नहीं है. घर समय से ना आना और सुबह जल्दी घर से निकलने के चक्कर में व्यक्ति अपनी नींद के साथ समझौता कर लेता है, जिसका सीधा असर उसके हेल्थ पर पड़ता है.
यदि रात को देर से सोना आपके रूटीन का भी पार्ट बन गया है, तो आप कई गंभीर बीमारियों का शिकार हो सकते हैं. ऐसे में हर कोई इस सवाल का उत्तर ढूंढता है कि इससे कैसे बचें, तो चलिए इस खबर के माध्यम से जानते हैं कि देर से सोने या कम नींद लेने के क्या-क्या नुकसान होते हैं और इससे कैसे बचा जा सकता है...
मधुमेह और ओवरऑल हेल्थ के लिए रात में अच्छी नींद लेना महत्वपूर्ण है. पर्याप्त नींद भूख, मूड, हार्मोन, ऊर्जा और ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में मदद कर सकती है. मधुमेह वाले लोगों में नींद को प्रभावित करने वाली स्थितियां होने की संभावना अधिक होती है, जैसे कि स्लीप एपनिया, रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम और परिधीय न्यूरोपैथी आदि.
एक अध्ययन में पाया गया कि टाइप 2 डायबिटीज वाले 50 फीसदी लोगों को ब्लड शुगर लेवल में उतार-चढ़ाव के कारण नींद की समस्या होती है. अध्ययनों से यह भी पता चलता है कि नींद की समस्याएं इंसुलिन प्रतिरोध और प्रीडायबिटीज के जोखिम को बढ़ा सकती हैं. देर से सोने के कारण व्यक्ति के मेंटल हेल्थ पर असर पड़ता है. मेंटल स्ट्रेस के साथ किसी भी मुद्दे पर फैसला लेने में उसकी सामर्थ्य प्रभावित होती है.
एक शोध में दावा किया गया है कि पूरी नींद नहीं लेने से हार्ट अटैक, डायबिटीज, मोटापे की समस्या हो सकती है. यह बीमारियां हेल्थ के लिए काफी हानिकारक हैं. पर्याप्त नींद ना लेने की वजह से लोग अक्सर चिड़चिड़ापन और थकान महसूस करते हैं.
क्याडायबिटीज आपकी नींद को प्रभावित करता है?
मधुमेह आपकी नींद को कई तरह से प्रभावित कर सकता है. अगर आपका ब्लड शुगर लेवल ज्यादा है, तो आप रात के बीच में ज्यादा बार शौचालय का इस्तेमाल कर सकते हैं. ये नींद संबंधी व्यवधान आपकी नींद की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकते हैं और दिन में थकान का कारण बन सकते हैं.