हैदराबाद:आज के दौर में हमारी लाइफस्टाइल ऐसी हो गई है, कि खुद को स्वस्थ रखना एक बड़ी चुनौती बन रहा है. खाने में मिलावट, मौसम की मार, प्रदूषण और अन्य कई कारण हैं, जिनकी वजह से आप बीमार पड़ते हैं. लेकिन विशेषज्ञों और चिकित्सकों का मानना है कि एक ऐसी एक्सरसाइज है, जिसे करने से आप सेहतमंद रहने के साथ-साथ लंबी उम्र भी पा सकते हैं.
जी हां, हम बात कर रहे हैं वॉकिंग यानी पैदल चलने की. डॉक्टरों का कहना है कि मात्र इस एक्सरसाइज को अपने रूटीन में शामिल कर आप कई तरह की बीमारियों से बच सकते हैं और एक लंबी उम्र पा सकते हैं. टहलना या पैदल चलना एक ऐसा आसान और सस्ता व्यायाम है, जिसे सभी उम्र के लोग कभी भी व कहीं भी आसानी से कर सकते हैं. एक्सपर्ट्स का कहना है कि रोजाना टहलना हमारी सेहत के लिए बहुत अच्छा है.
लेकिन यहां एक सवाल उठता है कि आपको कितना पैदल चलना चाहिए. क्या उम्र के आधार पर इसकी कोई सीमा है या कोई भी व्यक्ति चाहे जितना चल सकता है. तो चलिए हम आपको बताते हैं कि उम्र के हिसाब एक व्यक्ति को दिन में कितना चलना चाहिए?
दो समस्याएं मुख्य रूप से लोगों को कर रहीं प्रभावित
इस मॉडर्न जमाने में, दो समस्याएं मुख्य रूप से लोगों को प्रभावित कर रही हैं. उनमें से पहला है फिजिकल एक्टिविटी की कमी और दूसरा है फास्ट फूड का सेवन. फिजिकल एक्टिविटी ना करने वाले लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है. कई लोग ऐसे भी होते हैं जो दिन में बार भी पसीना नहीं बहा पाते. ऐसे लोगों को मोटापा और अन्य बीमारियां बहुत जल्दी घेर लेती है.
वहीं, कुछ खाद्य पदार्थ जैसे कि फास्ट फूड खाने से भी लोगों को काफी नुकसान हो रहा है. पहले लोग केवल चावल के साथ ज्वार और बाजरा खाते थे. अब लोगों की प्लेटें फास्ट फूड और जंक फूड से भरी हुई रही हैं. फास्ट फूड खाने वाले लोगों को ज्यादातर गैस की समस्या रहती है और ये मोटापा के भी शिकार होते चले जाते हैं. इसलिए डॉक्टर ऐसे लोगों को व्यायाम करने की सलाह देते हैं. अगर व्यायाम भी संभव न हो तो, सुबह या शाम कुछ कदम चलन की सलाह देते हैं.
रोजाना टहलने से दिल रहता है हेल्दी
ज्यादातर एंडोक्राइनोलॉजिस्ट के अनुसार, हर व्यक्ति (एडल्ट्स) को रोजाना कम से कम 10,000 कदम चलने की कोशिश करनी चाहिए. विशेषज्ञों का कहना है कि रोजाना टहलने से दिल हेल्दी रहता है. ऐसा भी कहा जाता है कि इससे दिल का दौरा पड़ने का का खतरा कम हो जाता है. 10,000 कदम चलना करीब 7.5 किलोमीटर की दूरी तय करने जितना है. हालांकि.. इसका मतलब लगातार चलना नहीं है. सुबह उठने से लेकर बिस्तर से नीचे उतरने तक, रात को बिस्तर पर पहुंचने तक का आखिरी कदम भी इस गणना में शामिल है.