आज पूरी दुनिया में विश्व डायबिटीज दिवस मनाया जा रहा है, हर साल 14 नवंबर को विश्व डायबिटीज दिवस डायबिटीज के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, डायबिटीज एक लॉग टर्म बीमारी है जो या तो तब होती है जब अग्न्याशय पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन नहीं करता है या जब शरीर अपने द्वारा उत्पादित इंसुलिन का प्रभावी ढंग से उपयोग नहीं कर पाता है. इंसुलिन एक हार्मोन है जो ब्लड शुगर को नियंत्रित करता है.
हाइपरग्लिकेमिया, जिसे बढ़ा हुआ ब्लड भी कहा जाता है, अनकंट्रोल डायबिटीज का एक सामान्य प्रभाव है और समय के साथ शरीर की कई प्रणालियों, विशेष रूप से तंत्रिकाओं और रक्त वाहिकाओं को गंभीर नुकसान पहुंचाता है. ऐसे में मशहूर संगीतकार ए आर रहमान ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स के जरिए प्रशंसकों से अनुरोध किया है कि डायबिटीज एक गंभीर बीमारी है. इसे हल्के में लेना खतरनाक हो सकता है 'मधुमेह गंभीर अंधापन का कारण बन सकता है. ऐसे में लोगों को अपनी दृष्टि की रक्षा के लिए साल में एक बार आंखों की जांच करानी चाहिए..
चलिए जानते है कि डायबिटीज पेशेंट के लिए आई चेकअप क्यों जरूरी है, और 'मधुमेह गंभीर अंधापन का कारण कैसे बन सकता है?
आंखों को हेल्दी रखने के लिए खास ख्याल रखने की जरूरत होती है. आंखों में कोई रोग हो जाए, तो अंधेपन का खतरा हो सकता है. यही वजह है कि आंखों को लेकर डॉक्टर्स भी खास सावधानी बरतने की सलाह देते हैं. आजकल शुगर के पेशेंट ज्यादातर आंखों की समस्या से जूझ रहे है. शुगर के कारण होने वाली आंखों की समस्याओं में मोतियाबिंद, ग्लूकोमा, डायबिटिक रेटिनोपैथी और मैक्यूलर एडिमा शामिल हैं.
मशहूर संगीतकार ए आर रहमान ने किया डायबिटिक रेटिनोपैथी का जिक्र जानें क्या होता है यह
डायबिटिक रेटिनोपैथी एक ऐसी बीमारी है जो ब्लड शुगर से पीड़ित लोगों की रेटिना को प्रभावित करती है. यह रोग रेटिना तक ब्लड पहुंचाने वाली बेहद पतली नसों के क्षतिग्रस्त होने से होता है. इसे ऐसे समझे कि डायबिटिक रेटिनोपैथी एक ऐसी आंख की स्थिति है जो मधुमेह से पीड़ित लोगों में दृष्टि हानि और अंधापन का कारण बन सकती है. यह रेटिना में ब्लड वेसल्स को प्रभावित करती है. अगर समय पर इसका इलाज नहीं करवाया गया तो व्यक्ति अंधेपन का शिकार हो सकता है. जिससे दृष्टि संबंधी समस्याएं पैदा होती हैं. इन्हें रेटिना तंत्रिका क्षति कहा जाता है.
कौन प्रभावित होता है?
नेशनल आई इंस्टीट्यूट के अनुसार, यह समस्या टाइप 1 मधुमेह वाले लोगों में और टाइप 2 मधुमेह वाले लोगों में होती है, जिनके खून में ग्लूकोज का लेवल लंबे समय तक हाई रहता है. इसके अलावा, इसमें गर्भावस्था के दौरान डायबिटिक रेटिनोपैथी विकसित होने के खतरे का भी संकेत दिया गया है.
लक्षण: ये बिना किसी लक्षण के आंखों को प्रभावित कर सकते हैं. डायबिटिक रेटिनोपैथी के शुरुआती चरणों में, आपके रेटिना में रक्त वाहिकाओं की दीवारेंकमजोर हो जाती हैं. वाहिकाओं की दीवारों से छोटे-छोटे उभार निकलते हैं, कभी-कभी रेटिना में तरल पदार्थ और रक्त लीक या रिसने लगता है. रेटिना में ऊतक सूज सकते हैं, जिससे रेटिना में सफेद धब्बे बन सकते हैं.
डायबिटिक रेटिनोपैथी के शुरुआती चरणों में आपको शायद कोई लक्षण न दिखें. जैसे-जैसे स्थिति बढ़ती है, आपको ये लक्षण हो सकते हैं...
- आपकी दृष्टि में तैरते हुए धब्बे या काले धागे (फ्लोटर्स)
- धुंधली दृष्टि
- अस्थिर दृष्टि
- आपकी दृष्टि में अंधेरा या खाली क्षेत्र
- दृष्टि खोना