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क्या मोटापा बढ़ने से कम हो जाता है दिमाग? शोध में सामने आया परिणाम - Obesity Disadvantages - OBESITY DISADVANTAGES

एक शोध में सामने आया है कि जो बच्चे मोटापे से ग्रसित होते हैं, उनमें आईक्यू यानी बौद्धिक क्षमता की कमी हो जाती है. यह शोध वाशिंगटन यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों किया गया है. तो चलिए जानते हैं कि इस शोध से क्या परिणाम सामने आए हैं.

Obesity lowers IQ
मोटापे से कम होता है आईक्यू (फोटो - Getty Images)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jun 13, 2024, 2:55 PM IST

हैदराबाद: एक शोध में अमेरिकी वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि मोटापे के कारण बच्चों में बौद्धिक क्षमता (आईक्यू) कम हो सकती है. इस शोध में यह भी सामने आया है कि मोटापे के कारण उनमें मानसिक अवसाद की समस्या भी उत्पन्न हो सकती है. यह शोध वाशिंगटन यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने किया है.

5,000 बच्चों पर किया गया शोध
इस शोध के लिए वैज्ञानिकों ने 9-11 वर्ष की आयु के बीच के 5,000 बच्चों को शामिल किया. शोध के दौरान उनकी मानसिक समझ क्षमता का विश्लेषण किया गया. इन बच्चों पर प्राथमिक डेटा जून 2016 और अक्टूबर 2018 के बीच एकत्र किया गया था. उसके बाद, दो साल तक उनके व्यवहार पर नज़र रखी गई.

मोटापे से कम होता है आईक्यू (फोटो - Getty Images)

उनकी शारीरिक ऊंचाई, बॉडी मास इंडेक्स (BMI) और कमर की परिधि के माप को एकत्र किया गया. उन्हें मानसिक क्षमता का परीक्षण दिया गया. जिन बच्चों ने BMI में 1.6 प्रतिशत वार्षिक वृद्धि दर्ज की, वे स्वस्थ वजन वाले लोगों की तुलना में मानसिक क्षमता परीक्षण में एक अंक कम हासिल कर पाए. शोध के बाद वैज्ञानिकों ने कहा कि हाई BMI के कारण बैठने की समस्या भी देखी गई.

मोटापे से कम होता है आईक्यू (फोटो - Getty Images)

मोटापा बढ़ने के क्या हैं कारण
यूएस सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सी.डी.सी.) के अनुसार, बचपन में मोटापे के कई कारण होते हैं. इनमें चयापचय, आहार, शारीरिक गतिविधि पैटर्न और खराब नींद में बदलाव जैसे कारण शामिल हैं. इसके अलावा मोटापे से जुड़े आनुवंशिक कारकों को बदला नहीं जा सकता, लेकिन लड़कियों को स्वस्थ शरीर का वजन बनाए रखने में मदद करने के लिए लोगों और स्थानों की भूमिका होती है.

मोटापे से कम होता है आईक्यू (फोटो - Getty Images)

सीडीसी का कहना है कि यह सुनिश्चित करना फायदेमंद है कि पोषण उन जगहों पर उपलब्ध हो, जहां बच्चे अपना अधिकांश समय बिताते हैं, जैसे कि स्कूल और घर. उन्हें शारीरिक रूप से सक्रिय रखने की व्यवस्था करनी चाहिए. स्कूलों को यह सुनिश्चित करने के लिए नीतियां विकसित करनी चाहिए कि बच्चे अधिक फल और सब्जियां खाएं और मीठे खाद्य पदार्थ और पेय कम खाएं. शोध में बच्चों के शारीरिक रूप से सक्रिय रहने के समय को बढ़ाने का भी सुझाव दिया गया है.

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