नई दिल्ली/गाजियाबाद:जन्म के बाद से ही मां-बाप बच्चों का विशेष ख्याल रखते हैं. टीकाकरण से लेकर तमाम प्रकार की स्वास्थ्य जांच कराई जाती हैं. बच्चों की हड्डियों को मजबूत रखने के लिए तेल मालिश की जाती है. वहीं, बच्चा जल्द पैरों पर खड़ा होकर चल सके इसके लिए वॉकर का सहारा लिया जाता है. अधिकतर मां-बाप मानते हैं कि बच्चे वॉकर में बैठकर जल्दी चलना सीखते हैं. हालांकि, एक्सपर्ट्स के मुताबिक वॉकर बच्चों के लिए ठीक नहीं है. वह बच्चों के लिए परेशानियों का कारण बन सकता है.
गाजियाबाद के संयुक्त अस्पताल में स्थित जिला अर्ली इंटरवेंशन सेंटर में पीडियाट्रिशियन के पद पर तैनात डॉ आम्रपाली सिन्हा बताती हैं कि वॉकर बच्चों को इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. वॉकर से बच्चों के गिरने की भी कई मामले लगातार सामने आते रहे हैं. जो बच्चे वॉकर इस्तेमाल करते हैं उनमें हड्डियों के टेढ़े होने का खतरा बना रहता है. आमतौर पर मां-बाप चाहते हैं कि बच्चा जल्दी से अपने पैरों पर चलने लगे इसके लिए वॉकर का इस्तेमाल करते हैं. 6-7 महीने के बच्चे को वॉकर में डाला जाता है.
डॉ आम्रपाली बताती हैं कि चलना बच्चों के लिए एक सामान्य प्रक्रिया है. जो बच्चे खुद ही सीखते हैं. 6 महीने का बच्चा बैठना सीखता है फिर 9 महीने में घुटनों पर चलना. इसके बाद सहारे से खड़ा होना भी आ जाता है. इसके बाद बच्चा चलना शुरू करता है. हालांकि, इस बीच मां-बाप हाथ पकड़ कर बच्चों को चलना सीखा सकते हैं. आमतौर पर देखा गया है कि जब बच्चे वॉकर पर चलना सीखते हैं. लेकिन, वॉकर के हटाने के बाद सामान्य रूप से चल पाना उनके लिए मुश्किल होता है. आमतौर पर बच्चे पंजों के ऊपर चलते हैं.
जिला अर्ली इंटरवेंशन सेंटर में फिजियोथेरेपिस्ट के पद पर तैनात मीनाक्षी सिंह बताती हैं कि वह बच्चों को वॉकर में बिठाकर चलाने की सलाह नहीं देती हैं, क्योंकि यह बच्चों के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है. कई ऐसे मामले केंद्र में सामने आ चुके हैं.