New Blood Test : ब्रिटिश वैज्ञानिकों ने एक नया ब्लड टेस्ट विकसित करने में सफलता हासिल की है जो यह अनुमान लगा सकता है कि भविष्य में बच्चों को डायबिटीज होने का जोखिम है या नहीं. यह टेस्ट मोटापे से संबंधित विकारों, जैसे कि लीवर और दिल के रोगों के लिए भी प्रारंभिक चेतावनी देता है. रिसर्चर का कहना है कि अब शिशुओं के ब्लड प्लाज्मा का टेस्ट करने के लिए मशीनें उपलब्ध हैं, जिससे बच्चों में डायबिटीज के लक्षणों का जल्दी पता लगाया जा सकता है.
कई वर्षों तक, लिपिड को केवल फैटी एसिड के रूप में माना जाता था, जिसे अच्छे और बुरे कोलेस्ट्रॉल में वर्गीकृत किया जाता था. हालांकि, रिसर्चर ने पाया है कि लिपिड के पैटर्न पहले की तुलना में कहीं अधिक जटिल हैं. मास स्पेक्ट्रोमेट्री का उपयोग करके, वैज्ञानिकों ने मानव शरीर में हजारों लिपिड की पहचान की, जिनमें से प्रत्येक एक अनूठी भूमिका निभाता है. इन लिपिड का गहराई से अध्ययन करके, डायबिटीज सहित मोटापे से संबंधित बीमारियों के शुरुआती लक्षणों का पता लगाया जा सकता है.
"भविष्य में, यह किसी व्यक्ति के रोग के व्यक्तिगत जोखिम का मूल्यांकन करने का एक बिल्कुल नया तरीका हो सकता है और शरीर में लिपिड अणुओं को कैसे बदला जाए, इसका अध्ययन करके हम डायबिटीज जैसी चयापचय संबंधी बीमारियों को भी पूरी तरह से रोक सकते हैं.” Dr. Christina Legido-Quigley
शोध के हिस्से के रूप में, वैज्ञानिकों ने 1300 मोटे बच्चों के ब्लड लिपिड का विश्लेषण किया. उनमें से, 200 को 'होलबेक मॉडल' के रूप में जानी जाने वाली जीवनशैली पर रखा गया, जिसका उपयोगआमतौर पर डेनमार्क में मोटापे के इलाज के लिए किया जाता है.एक साल बाद, रिसर्चर ने डायबिटीज, इंसुलिन प्रतिरोध और हाई ब्लड प्रेशर जैसे जोखिमों से जुड़े लिपिड में कमी पाई. यह सुधार बच्चों के बॉडी मास इंडेक्स- BMI में मामूली बदलाव के साथ भी देखा गया. यह नया ब्लड टेस्ट प्रारंभिक पहचान की उम्मीद जगाता है, जो बच्चों में संभावित रूप से डायबिटीज और अन्य मोटापे से संबंधित स्थितियों के विकास को रोकता है.