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साफ पानी से भी इंसानी दिमाग में घुस सकता है अमीबा, Waterborne Diseases से कैसे बचें? - Amoeba Eats Brain

Amoeba Eats Brain, Brain Eating Amoeba, Water Borne Disease दिमाग खाने वाले अमीबा से संक्रमित होने का चौथा मामला केरल में आया है. तीन बच्चों की जान इससे जा चुकी है. चौथे बच्चे का इलाज चल रहा है. एक्सपर्टस बताते हैं कि अमीबा पानी के जरिए नाक और मुंह से दिमाग में घुसता है और दिमाग को चट कर जाता है. डॉक्टरों के मुताबिक मानसून के सीजन में पानी पीने, नहाने या फिर स्वीमिंग के दौरान भी खास ख्याल रखने की जरूरत हैं. ना सिर्फ अमीबा बल्कि पानी से कई और गंभीर बीमारियां भी हो सकती है.

AMOEBA EATS BRAIN
गंदे पानी से दिमाग में घुसता है अमीबा (ETV Bharat GFX)

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jul 9, 2024, 2:02 PM IST

Updated : Jul 9, 2024, 2:13 PM IST

सरगुजा: 'जल ही जीवन है' ये लाइन आपने जरूर सुनी या देखी होगी. लेकिन क्या आप जानते हैं यही पानी आपकी जान भी ले सकता है. ऑक्सीजन के बाद मानव शरीर में सबसे ज्यादा मात्रा पानी की होती है. हमारे शरीर में दौड़ने वाले खून में भी 90 प्रतिशत पानी होता है. लेकिन शरीर में अगर दूषित पानी घुस जाए तो वह जीवन देने वाला नहीं बल्कि जीवन लेने वाला बन जाता है. केरल में ऐसे ही मामले सामने आ रहे हैं जहां अमीबा बच्चों के दिमाग में घुस कर उनका दिमाग चटकर गया जिससे तीन बच्चों की मौत हो चुकी है.

पानी से दिमाग में घुसता है अमीबा (ETV Bharat Chhattisgarh)

BRAIN EATING अमीबा नाक और मुंह से दिमाग में घुस रहा : अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज के (E&T) डिपार्टमेंट के डॉ. शैलेन्द्र गुप्ता बताते हैं कि गंदे पानी में नहाने या उसका सेवन करने से अमीबा नाक और मुंह के जरिए ब्रेन में घुस रहा है. जो दिमाग को खा रहा है. ये काफी जानलेवा है. देश में 4 केस आ चुके हैं. इसके अलावा ये बातें भी सामने आ रही है कि स्वीमिंग पूल में नहाने या स्वीमिंग के दौरान भी अमीबा हमारे दिमाग में घुस सकता है. पूल में नियमित अंतराल पर क्लोरीन डालना चाहिए ताकि पानी दूषित होने से बचा रहे.

अमीबा ही नहीं ज्यादातर बीमारियों की जड़ है गंदा पानी:डॉ. शैलेन्द्र गुप्ता बताते हैं "ना सिर्फ अमीबा बल्कि गंदे पानी से कई गंभीर बीमारियां हो सकती है जिससे जान भी जा सकती है. मानसून में पानी से होने वाली बीमारी काफी बढ़ जाती है. इनमें से कुछ बीमारी एक दो दिन में ठीक होने वाली भी हो सकती है या कई बार ये बीमारियां जानलेवा भी साबित होती है. गंदा पानी शरीर में घुसने से पहले अंतड़ियां प्रभावित होती हैं. लूज मोसन, पेट में तेज मरोड़ होता है. दूसरे चरण में ये पानी लीवर पर अटैक करता हैं. जिससे हेपेटाइटिस A,B और सी होता है, जो पीलिया का कारण बनता हैं. लंबे समय से टायफाइड भी गंदे पानी से होता है. दूषित पानी से डायरिया, लीवर में हेपेटाइटिस जैसी बीमारी भी हो रही है."

पानी से ही पूरी होगी पानी की कमी: डॉ. गुप्ता बताते है" शरीर में पानी की कमी को दूर करने के लिए पानी ज्यादा से ज्यादा पीना होता है. डायरिया के दौरान शरीर से ना सिर्फ पानी बल्कि कई उपयोगी इलेक्ट्रोलाइट्स भी निकल जाते हैं. ये इलेक्ट्रोलाइट्स का शरीर के हार्ट और ब्रेन में काफी उपयोग होता है. बारिश के दिनों में दूषित बीमारी से होने वाली बीमारी में ओआरएस और साफ पानी से पूर्ति होती है.

कैसा पानी पिएं: डॉक्टर बताते हैं कि कई बार साफ दिखने वाला पानी भी साफ नहीं होता. उन्होंने साफ पानी पहचान को लेकर बताया कि "साफ पानी ट्रांसपैरेंट होना चाहिए. साफ पानी रंगहीन होता है, गंदहीन होना चाहिए. ऐसे पानी को पिएं.

कौन सा पानी नहीं पिएं:डॉ. शैलेन्द्र गुप्ता बताते हैं लंबे समय तक किसी बर्तन या जार में रखा पानी उपयोग ना करें. पैकेज्ड वॉटर को पीने से बचें. पानी उबालकर पीया जाए तो वह सबसे ज्यादा अच्छा होता है.

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Last Updated : Jul 9, 2024, 2:13 PM IST

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