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अपने स्वास्थ्य के संरक्षक बनें, सालाना जांच कराएं : विशेषज्ञ - World Health Day

WORLD HEALTH DAY : जीवन में इंसान कितना भी ताकतवर हो जाए शरीर को नहीं बदल सकता है. लेकिन शरीर को काफी हद तक रोगमुक्त रख सकता है. इसके लिए आवश्यक है कि वह हेल्दी डाइट ले और समय-समय पर मेडिकल चेकअप कराना बेहतर है.

World Health Day
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By IANS

Published : Apr 7, 2024, 6:08 PM IST

नई दिल्ली : हर साल की तरह इस साल भी सात अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाया जा रहा है. इस अवसर पर हृदय रोग विशेषज्ञ देवी शेट्टी ने रविवार को लोगों को अपने स्वास्थ्य का संरक्षक बनने और सालाना स्वास्थ्य जांच कराने की सलाह दी. इस साल विश्व स्वास्थ्य दिवस का थीम 'मेरा स्वास्थ्य, मेरा अधिकार' गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य देखभाल तक समान पहुंच पर केंद्रित है.

नारायण हेल्थ के संस्थापक और अध्यक्ष देवी शेट्टी ने न्यूज एजेंसी को बताया, 'आपको अपने स्वास्थ्य का संरक्षक बनना चाहिए. आपको अपने स्वास्थ्य के प्रति जिम्मेदारी महसूस करना चाहिए और सही काम करना चाहिए. आपके पास केवल एक ही शरीर है, जो भगवान ने आपको दिया है. आप अपनी कार या घर बदल सकते हैं, लेकिन आप अपना शरीर नहीं बदल सकते.'

देश में डायबिटीज, हाइपरटेंशन और कैंसर जैसी गैर-संचारी बीमारियों (एनसीडी) के अलावा मोटापा और मानसिक स्वास्थ्य संबंधी कई अन्य बीमारियों के मामले बढ़ रहे हैं. इसलिए उन्होंने स्वास्थ्य और संबंधित मुद्दों को लेकर यह बात कही.

अपोलो हॉस्पिटल्स की हालिया 'हेल्थ ऑफ द नेशन' रिपोर्ट के मुताबिक, बहुत अधिक भारतीय युवा कैंसर की चुनौती का सामना कर रहे हैं. लगभग चार में से तीन लोग या तो मोटे या अधिक वजन वाले पाए गए. मोटापे से संबंधित घटनाएं साल 2016 में 9 प्रतिशत से बढ़कर 2023 में 20 प्रतिशत हो गई.

हाइपरटेंशन की घटनाएं 2016 में 9 प्रतिशत से बढ़कर 2023 में 13 प्रतिशत हो गईं, जबकि तीन में से दो भारतीय या 66 प्रतिशत प्री-हाइपरटेंसिव स्टेज में हैं. इसके अलावा, डेटा से पता चला है कि 10 में से 1 व्यक्ति को अनियंत्रित डायबिटीज है और तीन में से एक को प्रीडायबिटिक है.

उन्होंने आगे कहा कि आप प्रमुख शहरों में 7 या 8 बजे के आसपास बाहर जाते हैं और चारों ओर देखते हैं कि लोग क्या कर रहे हैं. हर कोई खा रहा है. यह एक मनोरंजन बन गया है और फिर आप युवाओं को मोटापे से जूझते हुए देखते हैं. ज्यादातर समस्याओं का मूल कारण सेडेंटरी लाइफ और गलत भोजन है, जो कम कीमत पर उपलब्ध है.

हाल ही में, भारत में स्कूली छात्रों से लेकर फिट दिखने वाले मशहूर हस्तियों तक, दिल के दौरे के मामलों और इससे संबंधित मौतों की बाढ़ देखी जा रही है.

डॉक्टर ने कहा, 'दुर्भाग्य से, फिट एथलेटिक लोग अपनी फिटनेस नहीं जानते हैं. दिल के मामलों का इस बात से कोई लेना-देना नहीं है कि लोग कितने फिट हैं. ऐसा इसलिए है क्योंकि 50 प्रतिशत से अधिक हृदय रोगियों में लक्षण नहीं होते हैं.'

उन्होंने कहा कि दिल के दौरे के बढ़ते मामले कोविड-19 से संबंधित नहीं हैं. अधिकतर मामलों में, लोगों को पहले से ही कोई बीमारी थी. भारत में 50 प्रतिशत से अधिक हृदय रोगी साइलेंट हार्ट अटैक से पीड़ित हैं, इसका मुख्य कारण हाइरपटेंशन है. इसे रोकने के लिए हर एक भारतीय को सालाना स्वास्थ्य जांच कराना चाहिए.

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