हैदराबाद:लाइफस्टाइल का आपकी प्रेगनेंसी पर बहुत बड़ा असर हो सकता है. प्रेगनेंसी के दौरान बहुत सी चीजों का ख्याल रखना पड़ता है. जैसे कि आपका खानपान कैसा है, इसके साथ ही नशीली दवाओं और शराब से दूर रहना, व्यायाम करना और स्वस्थ आहार का पालन करना भी शामिल है. इन सभी चीजों का ख्याल रखना आपको और आपके होने वाले बच्चे को स्वस्थ रहने में मदद कर सकता है.
स्वस्थ गर्भावस्था और शिशु के लिए अलग-अलग प्रकार के अच्छे फूड इनग्रेडिएंट्स खाना बहुत जरूरी है. आपके शरीर में जो पोषक तत्व आप डालते हैं, उनका सीधा असर आपके शिशु के जन्म के समय के वजन और स्वास्थ्य पर पड़ता है. यहां तक कि जन्म के बाद भी. गर्भावस्था से पहले और उसके दौरान सही स्वास्थ्य सुनिश्चित करना मां और उसके बच्चे दोनों की भलाई के लिए आवश्यक है. खासकर आहार संबंधी दिशा-निर्देशों का पालन करना और एक्टिव लाइफस्टाइल बनाए रखना स्वस्थ गर्भावस्था और सफल स्तनपान में महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है...
हेल्दी वजन और हीमोग्लोबिन का लेबल:महिलाओं को गर्भधारण करने से पहले स्वस्थ बॉडी मास इंडेक्स (BMI) का लक्ष्य रखना चाहिए और सामान्य हीमोग्लोबिन का लेबल बनाए रखना चाहिए. कम या ज्यादा वजन होने से गर्भवती होना मुश्किल हो सकता है. वहीं जिन लोगों का स्वस्थ वजन हैं, उन्हें गर्भावस्था के दौरान समस्याएं होने की संभावना कम होती है. गर्भवती होने की कोशिश करने से पहले आपकी नर्स या डॉक्टर से सलाह लें कि आपको वजन बढ़ाने या घटाने की जरूरत है या नहीं.
आयु पर विचार: मां और शिशु दोनों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए महिलाओं की पहली गर्भावस्था के समय आयु कम से कम 21 वर्ष होनी चाहिए.
बैलेंस डाइड:गर्भावस्था से पहले और उसके दौरान जितना संभव हो सके उतना स्वस्थ भोजन खाने की कोशिश करें. अलग-अलग प्रकार के स्वस्थ खाद्य पदार्थ खाने से आपको संतुलित आहार लेने में मदद मिलती है. दैनिक आहार में विभिन्न प्रकार की दालें, मेवे, मछली, साथ ही दूध और अंडे जैसे डेयरी उत्पाद शामिल करें. ये खाद्य पदार्थ मां और विकासशील भ्रूण दोनों के लिए आवश्यक प्रोटीन, खनिज, विटामिन, फैटी एसिड और अमीनो एसिड प्रदान करते हैं. एक बार जब आप गर्भवती हो जाती हैं, तो आपको प्रतिदिन लगभग 100 - 300 अधिक कैलोरी खाने की आवश्यकता होगी.
HFSS खाद्य पदार्थों से बचें: गर्भावधि महिलाएं मधुमेह और उच्च रक्तचाप जैसी कॉम्प्लिकेशंस के खतरों को कम करने के लिए चीनी, फैट और नमक (HFSS) से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन कम से कम करें.
- मीठे खाद्य पदार्थों और पेय पदार्थों (जैसे कैंडी, सोडा और आइसक्रीम) का सेवन सीमित करें.
- नमकीन, वसायुक्त, प्रसंस्कृत स्नैक्स (जैसे चिप्स) का सेवन सीमित करें.
- प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ और फास्ट फूड से बचने का प्रयास करें.
हानिकारक पदार्थों से बचें:किसी भी रूप में शराब और तंबाकू का सेवन करने से बचें, क्योंकि वे भ्रूण के विकास को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकते हैं. केवल स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर द्वारा बताई गई दवाएं ही लें.