मुंबई:कपिल शर्मा का नाम आते ही हंसी छूट जाती हैं . कॉमेडी किंग कपिल ने हास्य जगत में एक अलग ही पहचान बनाई हैं. शर्मा ने एक विशाल और समर्पित प्रशंसक आधार के साथ, एक प्रसिद्ध हास्य अभिनेता के रूप में अपनी स्थिति मजबूत कर ली है. हालांकि कपिल का जीवन हमेशा से इतना सुखद नहीं था. बता दें कपिल के सर से 2004 में पिता का साया उठ चुका था और तब उनके जिम्मेदारीयों का बोझ भी बढ़ चुका था. कपिल ने कभी कपड़ा मिल में तो कभी PCO बूथ में काम किया. उन्होंने कभी भजन गा कर तो कभी छोटे-मोटे काम कर के पैसे कमाते थे.
अमृतसर में एक साधारण पृष्ठभूमि से आने के बाद, कपिल मनोरंजन उद्योग में खूबसूरती से उभरे. जैसा कि आज हम उनका जन्मदिन मना रहे हैं. आइए हम जानते है इस हास्य प्रतिभा ने कैसे शुरुआत से शुरुआत की और मुंबई में लगातार सफलता की ओर बढ़ते रहे.
द एक्सीडेंटल कॉमेडियन :
पंजाब के एक छोटे से शहर से आने वाले कपिल की यात्रा 2004 में उनके पिता की मृत्यु के बाद शुरू हुई. कपिल ने कभी भी कॉमेडियन बनने का नही सोचा था. वह एक गायक बनना चाहते थे, लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था. यह सब तब शुरू हुआ जब उन्होंने अमृतसर में 'द ग्रेट इंडियन लाफ्टर चैलेंज' के लिए ऑडिशन दिया. उन्होंने दिल्ली राउंड के दौरान शो में अपनी जगह बनाई और वह शो के विजेता बनकर उभरे और 10 लाख रुपये अपने साथ ले गए.
वह तो बस एक 'स्टार' की शुरुआत थी, जिसने बाद में 'कॉमेडी सर्कस' जीता. तब तक शर्मा अच्छा पैसा कमा रहे थे. जिसमें उन्होंने अपनी बहन की शादी की. आखिरकार इसका समापन 'द कपिल शर्मा शो' में हुआ.
कपिल के करियर में गिरावट
द कपिल शर्मा शो को जबरदस्त सफलता मिली. इसके साथ ही शर्मा उस समय सबसे अधिक भुगतान पाने वाली टीवी हस्तियों में शामिल थे. उनके शो पर अपनी फिल्मों को प्रमोट करने के लिए सेलेब्स की कतार लगी रहती थी और हर बड़े स्टार ने इसकी शोभा बढ़ाई और ब्रांड एंडोर्समेंट का भी पालन किया गया था.
हालांकि हमेशा जैसा सामने दिखता है वैसा जरुरी नही की हो. कपिल शर्मा डिप्रेशन से जूझ रहे थे और उनके मन में आत्महत्या तक के ख्याल भी आते थे.
इंडिया टुडे को दिए इंटरव्यू में कपिल शर्मा ने स्वीकार किया कि वो असल में डिप्रेशन में चला गये थे. फिल्म के लिए फिट होने के लिए उन्होंने शराब पीना बंद कर दिया था और वजन 12 किलो कम कर लिया था. उन्होंने अपनी टीम के प्रति प्यार जताकर कहा कि मैं अपनी टीम से प्यार करता हूं, जब मैं उन सबको नहीं मिलता तो चिंतित हो जाता हूं. मैं खुद को उन सबसे अलग नहीं कर सकता.