हैदराबाद : मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में एक्ट्रेस संग हुए शोषण का खुलासा करने वाली जस्टिस हेमा कमेटी की रिपोर्ट पर अब बॉलीवुड एक्ट्रेस स्वरा भास्कर का रिएक्शन आया है. स्वरा भास्कर कमेटी में सामने आई एक-एक बात से बहुत प्रभावित हुई हैं. वहीं, एक्ट्रेस ने वूमन इन सिनेमा कलेक्टिव (WCC) का महिलाओं को सपोर्ट करने के लिए दिल से आभार भी जताया है. एक्ट्रेस ने फिल्म इंडस्ट्री में महिलाओं के साथ हो रहे है अत्याचार और शोषण के खिलाफ आवाज उठाने वालों के इस प्रयास को भी सराहा है. इस बाबत स्वरा ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर किया है और साथ ही खुद के साथ हुए डरावने एक्सपीरियंस को भी शेयर किया है.
स्वरा ने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट में लिखा है, 'जस्टिस हेमा कमेटी की रिपोर्ट पढ़ने के बाद मेरा दिल पूरी तरह से टूट गया है, सबसे ज्यादा दुख इसलिए भी है, क्योंकि ऐसा मेरा साथ भी हुआ है, रिपोर्ट की सारी बातें मेरे जीवन में हुई घटनाओं से तो नहीं मिलती लेकिन कुछ बातें हैं, जो मुझसे रिलेट करती है'.
स्वरा भास्कर ने शोबिज की खोली पोल
एक्ट्रेस ने आगे बताया है कि फिल्म इंडस्ट्री पर कैसे पुरुषवाद छाया हुआ है. एक्ट्रेस ने लिखा है, 'शोबिज बस पुरुषों के अधीन ही रह गया है, यहां पितृसत्ता कायम हो चुकी है, यह काफी सोचनीय स्थिति है, प्रोडक्शन का हर दिन, शूटिंग के दिन, बल्कि प्री और पोस्ट-प्रोडक्शन के दिन भी, ऐसे दिन होते हैं जब काम चल रहा होता है और पैसा खर्च हो रहा होता है, किसी को भी रुकावट पसंद नहीं है, चाहे कोई सच और सही के लिए ही आवाज क्यों ना उठा रहा हो, इसे जारी रखना कहीं ज्यादा सुविधाजनक और आर्थिक रूप से व्यावहारिक हो चुका है'.
'तनु वेड्स मनु' फेम एक्ट्रेस ने फिल्म इंडस्ट्री के अंदर व्यापक गतिशीलता और शोबिज में गहरी जड़ें जमा चुकी सामंती प्रकृति पर सोच-विचार किया है. एक्ट्रेस ने बताया कि कैसे फिल्म इंडस्ट्री की पदानुक्रमित स्ट्रक्चर, जहां शीर्ष हस्तियों को अर्ध-देवताओं की तरह माना जाता है, जो चुप्पी और मिलीभगत के माहौल को जन्म देती है.
एक्ट्रेस ने आगे कहा है, 'शोबिज सिर्फ पितृसत्तात्मक नहीं, इसका रूप सामंती भी बन गया है, सफल एक्टर्स, डायरेक्टर्स और प्रोड्यूसर्स को अर्ध-भगवान का दर्जा दे दिया गया है, लेकिन अगर कोई इनके खिलाफ आवाज उठाता है, तो उसके साथ बुरा किया जाता है, चुप रहने वालों की ही सराहना की जाती है और उन्हें इसका ईनाम भी दिया जाता है'.