हैदराबाद: भारत की और से ऑस्कर 2025 में एंट्री ले चुकी किरण राव निर्देशित लापता लेडीज की सफलता इसमें काम करने वाले हर कलाकार और क्रू की सफलता है. इसके साथ ही किरण राव द्वारा निर्देशित फिल्म के स्टोरी राइटर बिप्लब गोस्वामी को भी इससे काफी लोकप्रियता हासिल हुई. कम बजट की बॉलीवुड फिल्म दो युवा दुल्हनों की कहानी को बयां करती है, जो एक ही ट्रेन में खो जाती हैं.
त्रिपुरा के शांत माहौल से बॉलीवुड इंडस्ट्री तक गोस्वामी की यात्रा एक परीकथा जैसी रही है. भारत में तकनीकी आने से पहले के टाइम में बनी यह फिल्म बिप्लब गोस्वामी की कहानी टू ब्राइड्स का कनवर्जन है. यह कहानी तीन लोगों - दो दुल्हन और एक दूल्हे - के जीवन के इर्द-गिर्द घूमती है और जब दूल्हा गलती से गलत दुल्हन को घर ले आता है तो उनकी जिंदगी कैसे प्रभावित होती है, यह एक छोटी सी फिल्म है, लेकिन इसका उद्देश्य बहुत बड़ा है.
ईटीवी भारत ने गोस्वामी से खास बातचीत की
जब बिप्लब से पूछा गया कि ऑस्कर में लापता लेडीज की एंट्री के बारे में सुनकर आपको कैसा लगा? तब उन्होंने कहा- ऑस्कर में फिल्म की एंट्री से मैं बहुत खुश हुआ. हालांकि, मुझे विश्वास था कि फिल्म न केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी तारीफ बटोरने की क्षमता रखती है. मुझे यकीन था कि फिल्म का दिलचस्प कंटेंट दर्शकों को पसंद आएगा और मुझे खुशी है कि यह फिल्म सफल रही.
बिप्लब से पूछा गया- आपने लापता लेडीज का सारांश लिखना कब शुरू किया? इस उन्होंने जवाब दिया- दरअसल, मैंने करीब 10 साल पहले फिल्म का सारांश लिखा और सोचा. पटकथा लिखने के बाद, मैंने इसे ठीक करने में समय लगाया. मैंने कई ग्रामीण इलाकों का दौरा किया और ग्रामीण जीवन की हर चीज और घटनाओं को देखा. मैंने फिल्म के लिए ग्रामीण लोगों के कपड़ों के पैटर्न, शब्दों के आदान-प्रदान और उनके हाव-भाव पर रिसर्च की.