दिल्ली

delhi

ETV Bharat / business

भारत को लेकर वर्ल्ड इकोनोमिस्ट बुलिश, बोले- चीन से दोगुनी बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा - economists are bullish on India

एक तरफ जहां वैश्विक आर्थिक मंदी को लेकर बातचीत की जा रही है, वहीं दूसरी ओर दुनिया के टॉप इकोनोमिस्ट भारत को लेकर काफी बुलिश हैं. उनका मानना है कि इस सदी के अंत तक भारत की अर्थव्यवस्था चीन की अर्थव्यवस्था से दोगुनी हो जाएगी.

concept Photo
कॉन्सेप्ट फोटो (Getty Image)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 24, 2024, 7:30 PM IST

नई दिल्ली : एक तरफ जहां पूरी दुनिया में आर्थिक मंदी की बात चलने लगी है, वहीं दूसरी ओर दुनिया भर के टॉप आर्थिक विशेषज्ञ भारत को लेकर काफी बुलिश हैं. अमेरिका के सबसे बड़े बैंक जेपी मॉर्गन के चेयरमैन और सीईओ जेमी डिमॉन ने कहा है कि भारत इस दशक के अंतर तक सात ट्रिलियन डॉलर की इकोनोमी बन जाएगा और ऐसा नरेंद्र मोदी के मजबूत नेतृत्व और उनके द्वारा डिजिटल और फिजिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए उठाए गए कदमों की बदौलत होगा.

इकोनोमिक टाइम्स में प्रकाशित खबर के मुताबिक मॉर्गन के अनुसार पीएम मोदी के इस स्टेप्स के परिणाम स्वरूप मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में अग्रणी मल्टीनेशनल कंपनियां भारत को आकर्षित कर रही हैं.

डिमॉन ने ईटी को दिए गए एक इंटरव्यू में बताया, जब वह 2005 में भारत आए थे, तब उन्होंने 15-20 कंपनियों के बारे में अध्ययन किया था, लेकिन आज तो हालात बदल चुके हैं, हम करीब 140 कंपनियों के बारे में अध्ययन कर रहे हैं, जो पूरी दुनिया की कंपनियों के लिए नजीर बन रही हैं. हमारे कॉर्पोरेट सेंटर में लगभग 55,000 कर्मचारी हैं जो हमारे वैश्विक परिचालन और हमारी प्रौद्योगिकी का समर्थन करते हैं. यह इंजीनियरिंग, साइबर, तकनीक, डेटा, एआई है. हम यहां ग्राहकों के लिए एक मजबूत भुगतान प्रणाली बना रहे हैं, और ये सभी चीजें जो भारत में हो रहा है, वे आपको और अधिक विकसित करेंगी.

अखबार के अनुसार जेपी मॉर्गन के एशिया प्रशांत इक्विटी रिसर्च के प्रबंध निदेशक, जेम्स सुलिवन को उम्मीद है कि अगले कुछ वर्षों में भारत में 100 अरब डॉलर का भारी निवेश आएगा. उन्होंने सीएनबीसी टीवी18 के साथ दिए गए एक इंटरव्यू में बताया कि मैं भारत पर ओवरवेट हूं क्योंकि यहां पर संचरनात्मक परिवर्तन हो रहे हैं.

जॉन चेम्बर्स, जो भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी फोरम के प्रमुख और सिस्को के मानद चेयरमैन हैं, ने कहा, वह तो भारत को लेकर और अधिक आशावादी हैं. उन्होंने कहा कि इस सदी के अंत तक भारत आर्थिक क्षेत्र में चीन से दोगुना हो जाएगा और मार्जिन के क्षेत्र में अमेरिकी अर्थव्यवस्था का 40 फीसदी तक हो जाएगा. यानी अगले 30-40 सालों में भारत दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी इकोनोमी हो जाएगी.

एसएंडपी ग्लोबल रिपोर्ट ने पिछले सप्ताह कहा था कि 2030-31 तक भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगी. उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि आरबीआई अक्टूबर महीने में रेट कट कर सकता है और भारत की आर्थिक विकास दर 6.8 फीसदी तक रह सकती है.

कुछ दिन पहले, डेलॉइट ने कहा था कि भारत अन्यथा निराशाजनक वैश्विक परिदृश्य के बीच उम्मीद का केंद्र बना हुआ है और यह विपरीत परिस्थितियों के बीच चालू वित्त वर्ष में 7 प्रतिशत की वृद्धि हासिल कर सकता है.

विश्व बैंक ने अगले वित्त वर्ष के लिए भारत के विकास दर को 6.6 फीसदी से बढ़ाकर सात फीसदी तक करने का आंकड़ा जारी किया है. मूडी ने 2024 के लिए भारत के विकास दर को 6.8 फीसदी से बढ़ाकर 7.2 फीसदी तक कर दिया. एडीबी और विश्व बैंक ने भी वित्तीय वर्ष 2025 के लिए विकास दर को सात फीसदी रहने का अनुमान लगाया है. जून महीने में मूडी ने अनुमान लगाया था कि भारत अपने क्षेत्र में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था रहेगी यानि पिछली बार जिस तरह से घरेलू मांग ने भारत को गति प्रदान की थी, वह इस साल भी जारी रहने वाली है.

विश्व बैंक के अनुसार एक तरफ जहां वैश्विक स्तर पर देखें, तो 2023 में वैश्विक अर्थव्यवस्था की ग्रोथ रेट 2.6 फीसदी थी, वहीं भारत वित्त वर्ष 2024 में 8.2 फीसदी की दर से आगे बढ़ा. और यह दर पूरी दुनिया में सबसे तेज दर थी. इसके बावजूद कि वैश्विक स्थितियां प्रतिकूल हैं, भारत में कृषि भी उसकी इकोनोमी को सपोर्ट कर रहा है.

ये भी पढ़ें : आसमान में उड़ान भरने को तैयार एक और एयरलाइन, शंख एयर को सरकार से मिली मंजूरी

ABOUT THE AUTHOR

...view details