मुंबई: प्रमुख शेयर सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी सोमवार को अत्यधिक उतार-चढ़ाव भरे कारोबार में सपाट बंद हुए. इस दौरान एफआईआई की बिकवाली जारी रहने, कंपनियों के निराशाजनक तिमाही नतीजों और कमजोर एशियाई बाजारों ने निवेशकों की धारणा को प्रभावित किया. सेंसेक्स 9.83 अंक या 0.01 प्रतिशत की बढ़त के साथ 79,496.15 अंक पर बंद हुआ. दिन के कारोबार में इसने 80,102.14 अंक के ऊपरी और 79,001.34 अंक के निचले स्तर को छुआ.
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 6.90 अंक या 0.03 प्रतिशत की मामूली गिरावट के साथ 24,141.30 अंक पर बंद हुआ. सेंसेक्स के शेयरों में सबसे अधिक आठ प्रतिशत की गिरावट एशियन पेंट्स में हुई. इसके अलावा टाटा स्टील, बजाज फाइनेंस, महिंद्रा एंड महिंद्रा, जेएसडब्ल्यू स्टील, एनटीपीसी, अदाणी पोर्ट्स, बजाज फिनसर्व और लार्सन एंड टुब्रो के शेयर भी नुकसान में बंद हुए.
दूसरी ओर पावर ग्रिड, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, इन्फोसिस, टेक महिंद्रा, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज और आईसीआईसीआई बैंक के शेयर बढ़त के साथ बंद हुए. शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने शुक्रवार को शुद्ध रूप से 3,404.04 करोड़ रुपये के शेयर बेचे.
मेहता इक्विटीज लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (शोध) प्रशांत तापसे ने कहा कि भारतीय बाजार दबाव में हैं, जिसका मुख्य कारण विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली है. जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि बाजार की मौजूदा चाल पर एफआईआई की गतिविधियां हावी हैं. इसे कमजोर नतीजों और अमेरिका में सत्ता में आने वाली डोनाल्ड ट्रंप सरकार की संभावित नीतियों से भी समर्थन मिल रहा है.
नायर ने कहा कि निवेशकों को भारत में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति (सीपीआई) के आंकड़ों का इंतजार है, क्योंकि ऐसा लग रहा है कि खाद्य कीमतें मासिक आधार पर अधिक रहेंगी। ऐसे में भारतीय रिजर्व बैंक को अल्पावधि में ब्याज दरों में यथास्थिति बनाए रखने के लिए मजबूर होना पड़ेगा.
एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी और हांगकांग का हेंगसेंग गिरकर बंद हुए, जबकि जापान का निक्की और चीन का शंघाई कम्पोजिट बढ़त के साथ बंद हुए. यूरोपीय बाजार दोपहर के सत्र में मजबूती के साथ कारोबार कर रहे थे. शुक्रवार को अमेरिकी बाजार तेजी के साथ बंद हुए थे. वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.83 प्रतिशत गिरकर 73.26 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया.