नई दिल्ली:वरिष्ठ नागरिकों को उम्मीद है कि सरकार जल्द ही रेलवे में मिलने वाली रियायतें बहाल कर सकती है. मार्च 2020 में भारतीय रेलवे ने वरिष्ठ नागरिकों को ट्रेन किराए में दी जाने वाली रियायतें बंद कर दी थीं. इस रियायत के तहत महिला वरिष्ठ नागरिकों को 50 फीसदी और पुरुष व ट्रांसजेंडर वरिष्ठ नागरिकों को 40 फीसदी की छूट दी जाती थी. नतीजतन, अब वरिष्ठ नागरिकों को पूरा किराया देना होता है.
रियायतें वापस लेने से रेलवे को फायदा
रेलवे के मुताबिक, 60 साल या उससे अधिक उम्र के पुरुष और ट्रांसजेंडर और 58 साल या उससे अधिक उम्र की महिलाओं को वरिष्ठ नागरिक माना जाता है. दुरंतो, शताब्दी, जन शताब्दी और राजधानी जैसी सभी श्रेणियों की मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों में वरिष्ठ नागरिक रेलवे रियायतें उपलब्ध थीं. रिपोर्ट और आरटीआई के मुताबिक, वरिष्ठ नागरिकों को दी जाने वाली रियायत वापस लेने से रेलवे को अतिरिक्त राजस्व मिला है. निलंबन की अवधि के दौरान, भारतीय रेलवे ने आठ करोड़ वरिष्ठ नागरिकों से 5,062 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया, जिसमें से 2,242 करोड़ रुपये रियायतों की कमी से आए. इस खंड में, 4.6 करोड़ पुरुष यात्री, 3.3 करोड़ महिला यात्री और लगभग 18,000 ट्रांसजेंडर व्यक्ति थे.