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सोने के दामों पर आएगा बड़ा अपडेट, उड़ जाएंगे होश, क्या लगाएगा ऊंची छलांग? - US Rate Impact on Gold Price - US RATE IMPACT ON GOLD PRICE

US Rate Impact on Gold Price- फेडरल रिजर्व ने अपनी बेंचमार्क ब्याज दर में कटौती की है, जिसका असर सोने के भाव में देखने को मिल सकता है. अमेरिकी फेड द्वारा ब्याज दरों में कटौती से आमतौर पर डॉलर कमजोर होता है, जिससे सोने की कीमतों में बढ़ोतरी होती है क्योंकि निवेशक सुरक्षित निवेश की ओर रुख करते हैं. पढ़ें पूरी खबर...

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सोना (प्रतीकात्मक फोटो) (Getty Image)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 19, 2024, 4:55 PM IST

नई दिल्ली:फेडरल रिजर्व ने अपनी बेंचमार्क ब्याज दर में आधे अंक की कटौती की, जो चार साल के बाद किया गया है. केंद्रीय बैंक की कार्रवाई ने अपनी प्रमुख दर को लगभग 4.8 फीसदी तक घटा दिया, जो दो दशक के उच्च स्तर 5.3 फीसदी से कम है.

अमेरिकी फेड द्वारा ब्याज दरों में कटौती से आमतौर पर डॉलर कमजोर होता है, जिससे सोने की कीमतों में बढ़ोतरी होती है. क्योंकि निवेशक सुरक्षित निवेश की ओर रुख करते हैं. हालांकि, शुरुआती तेजी के बाद, मुनाफावसूली हो सकती है क्योंकि बाजार ब्याज दरों में कटौती के पूरे प्रभाव को बचा लेता है, जिससे कीमतें स्थिर हो जाती हैं.

यूएस फेड रेट कट का सोने की कीमत पर प्रभाव
पिछले सत्र में रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचने के बाद गुरुवार को अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमतें स्थिर रहीं. अमेरिका केंद्रीय बैंक के लिए गए फैसले का असर सोने की कीमतों पर देखनो को मिल सकता है. इस फैसले के बाद सोने के भाव में तेजी देखने को मिल सकती है.

चूंकि सोने की कीमत अमेरिकी डॉलर में होती है. इसलिए कमजोर डॉलर भारतीय रुपये जैसी अन्य मुद्राओं को रखने वाले खरीदारों के लिए सोना अधिक किफायती बनाता है। इससे सोने की मांग बढ़ सकती है.

जब फेड ब्याज दरों में कटौती करता है, तो इससे अक्सर अमेरिकी डॉलर कमजोर होता है. सोने को अक्सर एक सुरक्षित-संपत्ति के रूप में देखा जाता है. जब डॉलर कमजोर होता है, तो निवेशक आर्थिक अनिश्चितता के खिलाफ बचाव के रूप में अपने फंड को सोने में ट्रांसफर कर सकते हैं.

सोने की बढ़ती मांग भारत सहित वैश्विक स्तर पर इसकी कीमत को बढ़ा सकती है. हालांकि, भारत की घरेलू आर्थिक स्थिति भी सोने की मांग को प्रभावित कर सकती है. सोने से संबंधित सरकारी नीतियां, जैसे आयात शुल्क या टैक्स, भी कीमत को प्रभावित कर सकती हैं

विश्लेषकों के अनुसार, जब ब्याज दरों में गिरावट होती है, तो सोने जैसी गैर-ब्याज-उपज वाली संपत्तियों को रखने की अवसर लागत कम हो जाती है. ब्याज दरों में भारी कटौती से अमेरिकी मुद्रा और कमजोर हो सकती है, जो इस साल पहले से ही अपने सबसे कमजोर स्तर के करीब कारोबार कर रही है.

इसके अलावा, चूंकि सोने को पारंपरिक रूप से महंगाई के खिलाफ बचाव के रूप में देखा जाता है. इसलिए कम दरों के कारण बढ़ती मुद्रास्फीति की निवेशकों की आशंका निवेश की मांग को और बढ़ा देती है. साथ ही इसकी कीमतों को भी बढ़ाती है, जिससे यह निवेशकों के लिए और अधिक आकर्षक हो जाता है.

सोने की कीमतों का अब तक का इतिहास
जब हम बीते 30 सालों का ट्रैक रिकॉर्ड देखते है तो साल 2007 में जब फेड ने ब्याज दरों में 50 बेसिस प्वाइंट की कटौती की तो अगले एक साल में 41 फीसदी से ज्यादा तक तेजी देखने को मिली है. वहीं, अगस्त 2019 में फेड ने 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती की थी और एक साल में सोने की कीमतों में 38 फीसदी तक की बढ़ोतरी देखने को मिली थी. वहीं, मार्च 2020 में फेड ने 50 बेसिस प्वाइंट की कटौती की थी और सोने ने अगले एक साल में 26 फीसदी से ज्यादा का रिटर्न दिया.

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