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जानें कब और क्यों शुरू हुआ हिंडनबर्ग बनाम अडाणी ग्रुप मामला, पढ़ें पूरी टाइमलाइन - Hindenburg vs Adani Group

Hindenburg vs Adani Group- हिंडनबर्ग की नई रिपोर्ट ने एक बार फिर से भारत में हलचल पैदा कर दी है. इस रिपोर्ट में सेबी चीफ माधवी पुरी पर आरोप लगाए गए हैं. हिंडनबर्ग ने आरोप लगाते हुए कहा कि माधवी पुरी और उनके पति अडाणी ग्रुप के पैसे हेराफेरी घोटाले में यूज किए गए दोनों अस्पष्ट ऑफशोर फंड में हिस्सेदारी थी. पिछले साल से अबतक हिंडनबर्ग ने अडाणी ग्रुप को लेकर कई सवाल खड़े किए है. आइये जानते है कि हिंडनबर्ग बनाम अडानी समूह मामला कब से शुरू हुआ? पढ़ें पूरी खबर...

Hindenburg vs Adani Group
हिंडनबर्ग बनाम अडाणी समूह (Getty Image)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 11, 2024, 4:55 PM IST

नई दिल्ली:अमेरिका स्थित शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च ने एक रिपोर्ट जारी की, जिसमें सेबी चीफ मधुबी बुच और उनके पति पर अडाणी समूह से जुड़ी ऑफशोर फर्मों में शामिल होने का आरोप लगाया गया. '

हिंडनबर्ग ने आरोप लगाया कि व्हिसलब्लोअर डॉक्यूमेंट से पता चलता है कि सेबी के अध्यक्ष के पास अडाणी मनी साइफनिंग स्कैंडल में इस्तेमाल की गई अस्पष्ट ऑफशोर संस्थाओं में हिस्सेदारी थी.

रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि निवेश को जानबूझकर छिपाया गया था. क्योंकि सेबी प्रमुख के पति धवल बुच को उनके पद पर नियुक्त किए जाने के समय स्वामित्व अधिकार ट्रांसफर कर दिए गए थे.

हालांकि यह अडाणी समूह द्वारा कथित वित्तीय धोखाधड़ी को उजागर करने की मांग करने वाली हिंडनबर्ग रिसर्च की गाथा में नवीनतम अपडेट है. लेकिन कहानी यहीं से शुरू नहीं होती है. हिंडनबर्ग ने पिछले साल अडाणी समूह के खिलाफ रिपोर्ट पब्लिश की थी, जिसके बाद से ही हिंडनबर्ग चर्चा में है.

हिंडनबर्ग बनाम अडाणी समूह टाइमलाइन

  1. 25 जनवरी, 2023 को हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडाणी समूह के खिलाफ रिपोर्ट पब्लिश की-कैसे दुनिया का तीसरा सबसे अमीर आदमी कॉर्पोरेट इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला कर रहा है' शीर्षक से एक रिपोर्ट जारी की, जिसमें समूह द्वारा कथित वित्तीय धोखाधड़ी और स्टॉक हेरफेर पर से पर्दा उठाया गया. यह रिपोर्ट अडाणी एंटरप्राइजेज कंपनी द्वारा 20,000 करोड़ रुपये के फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर (FPO) लाने से कुछ दिन पहले आई थी.
  2. हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में यह आरोप भी शामिल था कि सेबी ने अडाणी समूह द्वारा किए गए लेन-देन की जांच शुरू की थी, जो राजनीतिक दबाव के कारण डेढ़ साल बाद भी किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाई. अडाणी समूह ने दावों का जवाब देते हुए कहा कि ये "निराधार" आरोप थे, जिनका उद्देश्य उनके शेयर की कीमत को कम करना था.
  3. 24 फरवरी को, यह बताया गया कि रिपोर्ट जारी होने के बाद अदानी एंटरप्राइजेज के शेयरों में 59 फीसदी की गिरावट आई. इस रिपोर्ट के कारण कंपनी को बड़ा नुकसान हुआ.
  4. फरवरी 2023 में, सुप्रीम कोर्ट ने इन दावों की जांच के लिए एक समिति गठित करने की मांग करने वाली एक जनहित याचिका पर सुनवाई की.
  5. सुप्रीम कोर्ट ने 2 मार्च, 2023 को सेबी से रिपोर्ट में लगाए गए आरोपों की जांच करने और यह निर्धारित करने के लिए कहा कि क्या स्टॉक मूल्य में हेरफेर और अन्य वित्तीय अनियमितताएं हुई थीं.
  6. अडाणी समूह द्वारा अपने बाजार मूल्यांकन से 100 मिलियन डॉलर से अधिक का नुकसान होने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय निवेशकों की सुरक्षा के लिए एक पैनल भी गठित किया.
  7. 17 मई, 2023 को, कोर्ट ने सेबी को 14 अगस्त तक अपनी जांच के नतीजे पेश करने के लिए समय बढ़ा दिया.
  8. सुप्रीम कोर्ट ने 24 नवंबर, 2023 को अडानी के खिलाफ हिंडनबर्ग के आरोपों पर दलीलों के एक बैच की सुनवाई के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया.
  9. 3 जनवरी, 2024 को, सुप्रीम कोर्ट ने अडाणी समूह के खिलाफ आरोपों की सीबीआई द्वारा स्वतंत्र जांच की मांग करने वाली याचिका को खारिज कर दिया और पुष्टि की कि बाजार विनियमन और स्टॉक मूल्य हेरफेर के मामलों को देखना सेबी का एकमात्र अधिकार क्षेत्र है.
  10. इसी सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने सेबी को 3 महीने में अपनी जांच पूरी करने को भी कहा.
  11. 3 जनवरी, 2024 को गौतम अडाणी ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि माननीय सुप्रीम कोर्ट का फैसला दिखाता है कि: सत्य की जीत हुई है, सत्यमेव जयते. मैं उन लोगों का आभारी हूं जो हमारे साथ खड़े रहे. भारत की विकास गाथा में हमारा विनम्र योगदान जारी रहेगा, जय हिंद.
  12. जून 2024 में, सेबी ने कहा कि हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी समूह पर अपने निष्कर्षों को न्यूयॉर्क स्थित हेज फंड मैनेजर के साथ साझा किया था और उसे इस जानकारी के साथ व्यापार करने की अनुमति दी थी.
  13. हिंडनबर्ग रिसर्च ने सेबी के दावों का खंडन किया और कहा कि यह भारत में राजनीतिक प्रभाव वाले लोगों के खिलाफ भ्रष्टाचार को उजागर करने के लिए उन्हें चुप कराने का एक प्रयास था.
  14. 10 अगस्त, 2024 को, हिंडनबर्ग रिसर्च ने एक्स पर पोस्ट किया कि भारत में जल्द ही कुछ बड़ा होगा.
  15. 10 अगस्त, 2024 को ही हिंडनबर्ग ने एक रिपोर्ट जारी की जिसमें दावा किया गया कि सेबी प्रमुख मधुबी बुच और उनके पति धवल बुच ने 2015 से गौतम अडाणी के भाई विनोद अडाणी के स्वामित्व वाली ऑफशोर फर्मों में निवेश किया था. रिपोर्ट में यह भी आरोप लगाया गया कि इन ऑफशोर फर्मों का इस्तेमाल स्टॉक मूल्य हेरफेर के लिए किया जा रहा था. सेबी प्रमुख की भागीदारी ने अडाणी समूह की जांच के मामले में बाजार नियामक में पारदर्शिता की कमी को दिखाया.
  16. 11 अगस्त, 2024 को सेबी प्रमुख मधुबी बुच और उनके पति ने एक संयुक्त बयान जारी किया, जिसमें रिपोर्ट को निराधार बताया गया और कहा गया कि उनके वित्तीय रिकॉर्ड एक खुली किताब हैं.
  17. अडाणी समूह ने भी 11 अगस्त, 2024 को एक आधिकारिक बयान जारी किया, जिसमें कहा गया कि "हम अडानी समूह के खिलाफ इन आरोपों को पूरी तरह से खारिज करते हैं, जो बदनाम करते हैं, जिनकी गहन जांच की गई है, निराधार साबित हुए हैं और जिन्हें जनवरी 2024 में माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पहले ही खारिज कर दिया गया है.

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